जब अत्यधिक बारिश, वह मौसम स्थिति है जिसमें निरंतर भारी वर्षा से जल जमाव और पानी स्तर में तेज़ी से वृद्धि होती है. Also known as भारी वर्षा, it बाढ़, जल निकासी की कमी से उत्पन्न होने वाला प्राकृतिक आपदा को तेज़ कर देता है। इस प्रकार कृषि, खेती‑बाड़ी पर निर्भर आर्थिक क्षेत्र और शहरी योजना, शहरों की बुनियादी ढाँचा और प्रबंधन भी सीधे प्रभावित होते हैं।
पहला महत्वपूण सम्बन्ध यह है कि अत्यधिक बारिश जल आपदा को जन्म देती है। जब नदी‑नालों में पानी का स्तर निर्धारित सीमा से ऊपर जाता है, तो निकासी‑मार्ग बाधित हो जाता है और बाढ़ की स्थिति बनती है। दूसरी ओर, ऐसे समय में किसानों को फसल‑निरोधी उपायों की जरूरत बढ़ती है—जल‑रोधी बीज, हल्का‑भारी बीज चयन और समय पर कटरना। जलवायु बदलते माहोल में इन तैयारियों का होना भविष्य की खाद्य सुरक्षा के लिए अनिवार्य है।
दूसरी ओर, अत्यधिक बारिश की वजह से स्वास्थ्य पर भी असर पड़ता है। घर‑घर में नमी बढ़ती है, जिससे डेंगा, मलेरिया जैसी बीमारियाँ फैलने का जोखिम बढ़ जाता है। इस कारण स्वास्थ्य विभागों को रोग‑निरोधी टीकाकरण और जनजागरूकता अभियान चलाने पड़ते हैं। साथ ही, आपातकालीन प्राथमिकता वाले रोगियों को हलचल‑भरे शहरों में ले जाना कठिन हो जाता है, इसलिए परिवहन, सड़कों और सार्वजनिक साधनों का संचालन में भी विशेष योजना बनानी ज़रूरी है।
खेल‑समाचारों में भी भारी बारिश की भूमिका नजर आती है। उदाहरण के तौर पर, England Women बनाम India Women का ODI मैच rain‑affected DLS‑method से तय हुआ था; ऐसे में टीमों को जल‑प्रभावित पिच के साथ रणनीति बदलनी पड़ती है। इसी तरह, फुटबॉल टूर्नामेंट में भी मैदान गीला होने से खेल शैली और खिलाड़ी फिटनेस पर असर पड़ता है। इस कारण खेल आयोजक पूर्व‑भविष्यवाणी, सिंचाई‑प्रबंधन और रिसेवर‑ड्रेन सिस्टम पर ध्यान देते हैं।
शहरों के लिए अत्यधिक बारिश का प्रबंध बहुत जटिल है। जल निकासी के लिए कुत्तियों की तरह छोटे‑छोटे नाल, बाढ़‑रोधी पुल और जल‑संकलन टैंक्स बनाना आवश्यक हो जाता है। साथ ही, मौसमी चेतावनी प्रणाली और आपातकालीन रिले‑सेंटर स्थापित करके नागरिकों को तुरंत जानकारी दी जा सकती है। इस तरह के उपाय न केवल बाढ़ से बचाव में मदद करते हैं बल्कि आर्थिक नुकसान को भी कम कराते हैं।
आप नीचे दी गई खबरों में देखेंगे कि विभिन्न क्षेत्रों में अत्यधिक बारिश ने कैसे असर डाला—खेल, कृषि, स्वास्थ्य और शहरी नियोजन पर। इन लेखों से आप अपनी दैनिक जिंदगी में तैयारियों को कैसे लागू कर सकते हैं, इसका भी विचार मिलेगा।
IMD ने 4 अक्टूबर को उत्तर बिहार में अत्यधिक भारी बारिश का लाल अलर्ट और दिल्ली में येलो अलर्ट जारी किया; 32 सेमी बारिश के रिकॉर्ड के साथ बाढ़ जोखिम बढ़ा।