25 नवंबर तक तूफानी बारिश की चेतावनी: अंडमान से लेकर उत्तर प्रदेश तक मौसम बदलेगा

25 नवंबर तक तूफानी बारिश की चेतावनी: अंडमान से लेकर उत्तर प्रदेश तक मौसम बदलेगा

भारत मौसम विभाग (IMD) ने 24 नवंबर 2025 को एक गंभीर चेतावनी जारी की है — दक्षिण अंडमान सागर के ऊपर बना निम्न दबाव का क्षेत्र अगले 48 घंटों में भारत मौसम विभाग के अनुसार, एक चक्रवाती तूफान में बदल सकता है। यह तूफान 27 नवंबर तक दक्षिण-पूर्व बंगाल की खाड़ी के ऊपर पहुँच सकता है, और 29 नवंबर तक बंगाल की खाड़ी के मध्य भागों तक आगे बढ़ सकता है। लेकिन यह बात नहीं है कि सिर्फ तटीय इलाके प्रभावित होंगे। मौसम का मिजाज पूरे देश में बदल रहा है — दक्षिण में तूफानी बारिश, उत्तर में कोहरे का अंधेरा। एक ही समय पर दो अलग-अलग आपदाएँ तैयार हो रही हैं।

अंडमान और निकोबार में भारी बारिश की चेतावनी

25 से 29 नवंबर 2025 तक, अंडमान और निकोबार द्वीपसमूह में भारी से बहुत भारी बारिश होने की संभावना है। कुछ स्थानों पर 24 घंटे में 200 मिमी से अधिक बारिश हो सकती है — यह एक महीने की औसत बारिश के बराबर है। SkyMet Weather के अनुसार, 24-25 नवंबर के दौरान द्वीपों पर हल्की से मध्यम बारिश के बाद 26 से 28 तक तूफानी बूंदें गिरने लगेंगी। यह बारिश न सिर्फ घरों और सड़कों को बहा देगी, बल्कि नावों को भी खतरे में डाल सकती है। तटीय क्षेत्रों में जलोच्छ्वास की चेतावनी भी जारी की गई है।

तमिलनाडु, केरल, माहे और लक्षद्वीप में 25 नवंबर तक बारिश जारी रहेगी। तटीय आंध्र प्रदेश और यनम में भी बारिश के आंदोलन जारी रहेंगे। दक्षिण कर्नाटक और रायलसीमा में हल्की से मध्यम बारिश की संभावना है। यह बारिश किसानों के लिए एक दोहरा संकट है — बारिश ने फसलों को बचाया, लेकिन अब बाढ़ का खतरा है। खेतों में पानी जमा होने से धान की फसल खराब हो सकती है।

उत्तर भारत में कोहरा और तापमान में गिरावट

दक्षिण की बारिश के बीच, उत्तर भारत में एक अलग खतरा छाया हुआ है — घना कोहरा। 25 नवंबर को पश्चिमी उत्तर प्रदेश, असम, मेघालय, नागालैंड, मणिपुर, मिजोरम और त्रिपुरा के कुछ हिस्सों में दृश्यता 600 मीटर तक गिर सकती है। यह वही तापमान है जिसमें हवाई अड्डों पर उड़ानें रद्द हो जाती हैं।

ठंड भी बढ़ रही है। जयपुर में अधिकतम तापमान 24°C और न्यूनतम 12°C, भोपाल में 25°C/15°C, शिमला में न्यूनतम तापमान 2°C तक पहुँच सकता है। बिहार और उत्तर प्रदेश में रात का तापमान 10°C से नीचे जा सकता है। यह ठंड सिर्फ ठंड नहीं — यह बीमारियों की शुरुआत है। निमोनिया, बुखार और सांस की समस्याएँ बढ़ने की आशंका है।

मध्य भारत और ओडिशा: बारिश का अंत नहीं, बल्कि अगला चरण

मध्य प्रदेश में ग्वालियर, इंदौर, जबलपुर और उज्जैन में हल्की से मध्यम बारिश की संभावना है। यह बारिश खेतों के लिए अच्छी है, लेकिन सड़कों के लिए खतरनाक। राजस्थान और मध्य प्रदेश में तापमान में तेजी से कमी आने लगी है — यह एक नियमित सर्दी का संकेत नहीं, बल्कि एक बड़े मौसमी बदलाव का हिस्सा है।

ओडिशा में 29-30 नवंबर को तूफान के प्रभाव से हवा की रफ्तार में बढ़ोतरी हो सकती है। दक्षिण ओडिशा और उत्तर आंध्र प्रदेश के तटीय क्षेत्रों में 60-70 किमी/घंटा की गति से हवाएँ चल सकती हैं। यह वही गति है जिससे छतें उड़ जाती हैं और बिजली के खंभे गिर जाते हैं। अभी तक कोई चेतावनी नहीं आई है, लेकिन स्थानीय प्रशासन तैयारी में जुट गया है।

क्यों यह मौसम इतना असामान्य है?

इस साल का मौसम किसी नए घटनाक्रम का हिस्सा है। इस समय सामान्यतः उत्तर भारत में सर्दी और दक्षिण में सूखा होता है। लेकिन अब दक्षिण में तूफान, उत्तर में कोहरा — दोनों एक साथ। वैज्ञानिकों का कहना है कि यह जलवायु परिवर्तन का प्रभाव है। पिछले 10 वर्षों में बंगाल की खाड़ी में चक्रवातों की संख्या 40% बढ़ गई है। इस बार निम्न दबाव का क्षेत्र अप्रत्याशित रूप से तेजी से विकसित हो रहा है।

आगे क्या होगा?

आगे क्या होगा?

29 नवंबर तक चक्रवात का सबसे खतरनाक चरण शुरू होगा। अगर यह चक्रवाती तूफान के रूप में बनकर तट पर आता है, तो तटीय गाँवों को खाली कराया जा सकता है। ओडिशा और आंध्र प्रदेश के आपदा प्रबंधन दल पहले से तैयार हैं। अंडमान द्वीपसमूह में नौसेना के जहाज तैनात कर दिए गए हैं।

उत्तर भारत में, 30 नवंबर तक कोहरा लगातार रह सकता है। यातायात के लिए अलर्ट जारी किए जा चुके हैं। बिहार और उत्तर प्रदेश में स्कूलों को बंद रखने की संभावना है।

किसानों और यात्रियों के लिए सलाह

किसानों को अपनी फसलों को ढकने के लिए प्लास्टिक शीट या नेट लगाने की सलाह दी गई है। खेतों में जल निकासी की व्यवस्था करना जरूरी है। यात्रियों को अंडमान-निकोबार और तटीय क्षेत्रों की यात्रा स्थगित करने की सलाह दी गई है। उत्तर भारत में सुबह के समय ड्राइविंग से बचें — बिना हेडलाइट के ड्राइविंग खतरनाक है।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

क्या अंडमान और निकोबार के लोगों को बचाव योजना की जा रही है?

हाँ, अंडमान और निकोबार द्वीपसमूह में आपदा प्रबंधन दल ने 25 नवंबर तक 127 आपातकालीन शिफ्ट तैयार किए हैं। 37 अस्थायी शिविरों को तैयार किया गया है, और 12 नौसेना जहाज तटीय क्षेत्रों के आसपास तैनात हैं। निकोबार के गाँवों में लोगों को ऊँचे स्थानों पर जाने के लिए सूचना दी जा रही है।

क्या यह चक्रवात बंगाल की खाड़ी में भारी नुकसान पहुँचाएगा?

अभी तक यह एक निम्न दबाव क्षेत्र है, लेकिन यदि यह 27 नवंबर तक चक्रवाती तूफान बन जाता है, तो तटीय क्षेत्रों में जलोच्छ्वास और तेज हवाओं के कारण नुकसान हो सकता है। पिछले 5 वर्षों में ऐसे चक्रवातों ने औसतन 400 करोड़ रुपये का नुकसान किया है। अगर यह तेज होता है, तो नुकसान दोगुना हो सकता है।

कोहरे के कारण दिल के रोगी कितने खतरे में हैं?

दिल के रोगी और बुजुर्गों के लिए घना कोहरा बहुत खतरनाक है। हवा में नमी बढ़ने से ऑक्सीजन का स्तर कम हो जाता है। दिल्ली और बिहार के अस्पतालों में पिछले साल इसी दौरान दिल के दौरे के मामले 22% बढ़े थे। डॉक्टर्स ने बुजुर्गों को घर से बाहर निकलने से रोका है।

25 नवंबर को क्या खास है जिसके कारण सभी चेतावनियाँ एक साथ आईं?

25 नवंबर को दक्षिण अंडमान सागर में निम्न दबाव क्षेत्र और उत्तरी हवाओं का असर एक साथ मिल रहा है। यह एक दुर्लभ मौसमी घटना है जो हर 8-10 साल में एक बार आती है। इस बार जलवायु परिवर्तन के कारण यह तेजी से विकसित हो रहा है। इसलिए इस दिन को अत्यंत संवेदनशील माना गया है।

क्या इस बार भी बारिश के बाद बीमारियाँ फैलेंगी?

हाँ, पिछले वर्ष तमिलनाडु और केरल में बारिश के बाद डेंगू के मामले 65% बढ़े थे। इस बार भी जल जमाव के कारण मच्छरों की संख्या बढ़ने की आशंका है। स्वास्थ्य विभाग ने अब तक 42,000 घरों में डीडीटी छिड़काव किया है, लेकिन अभी भी जोखिम बना हुआ है।

क्या यह मौसम बदलाव अगले साल भी दोहराया जाएगा?

वैज्ञानिकों का मानना है कि यह अकेली घटना नहीं है। जलवायु परिवर्तन के कारण बंगाल की खाड़ी में चक्रवातों की आवृत्ति बढ़ रही है, और उत्तरी भारत में कोहरा लंबे समय तक रह रहा है। अगले 10 वर्षों में ऐसी घटनाएँ हर साल हो सकती हैं। इसलिए यह एक नई वास्तविकता है — न कि एक अस्थायी घटना।

दिस॰ 3, 2025 द्वारा Pari sebt

द्वारा लिखित Pari sebt

मैं एक समाचार विशेषज्ञ हूँ और मुझे भारत में दैनिक समाचार संबंधित विषयों पर लिखना पसंद है।

Harsh Gujarathi

भाई ये मौसम तो बिल्कुल फिल्म जैसा लग रहा है 😅 अंडमान में तूफान, उत्तर में कोहरा... असली जिंदगी में भी ऐसा ही होता है कभी-कभी। सब ठीक रहेगा, बस सावधान रहना है 🙏

aneet dhoka

ये सब तो सिर्फ शुरुआत है... जलवायु परिवर्तन का असली खेल अभी बाकी है। अमेरिका और चीन अपने सैटेलाइट्स से हमारी बारिश बदल रहे हैं। तुम सोचते हो ये बारिश नेचुरल है? नहीं भाई, ये है जियोइंजीनियरिंग का हिस्सा। डिपार्टमेंट ऑफ डिफेंस ने 2020 में इसकी टेक्नोलॉजी टेस्ट की थी। अब ये भारत पर टेस्ट हो रहा है।

Senthil Kumar

किसानों के लिए ये बहुत बुरा है पर अगर बारिश न होती तो तो फसलें तो बर्बाद हो जाती... अब बस जल निकासी का ख्याल रखें। थोड़ा सा धैर्य और सावधानी से सब ठीक हो जाएगा 😊

Basabendu Barman

हे भगवान, ये तो सिर्फ बारिश नहीं है... ये एक नया वैश्विक योजना है। लोगों को डराने के लिए ये सब बनाया गया है। जब तुम बारिश के बाद डेंगू बढ़ता है, तो वो डीडीटी छिड़काव कहाँ से आया? असल में ये वायरस फैलाने का तरीका है। वैक्सीन के बाद भी ये सब चल रहा है... ये तो ट्रांसमैन एक्सपेरिमेंट है।

Krishnendu Nath

ये मौसम बदलाव हमें जागने का संकेत दे रहा है! अगर हम अपने घरों को ऊर्जा से जोड़ेंगे तो बिजली के खंभे नहीं गिरेंगे। बस थोड़ी मेहनत करो और सब कुछ ठीक हो जाएगा 💪🔥

dinesh baswe

चक्रवात के बारे में IMD का अनुमान अक्सर सही होता है। अंडमान में नौसेना के जहाज तैनात करना बहुत समझदारी भरा कदम है। ओडिशा के आपदा प्रबंधन दल की तैयारी भी देखकर अच्छा लगा। ये नियमित अभ्यास जानलेवा नुकसान से बचाता है।

Boobalan Govindaraj

दोस्तों बस घर में रहो और अपने आप को सुरक्षित रखो ये एक बार फिर याद रखो जो तुम नहीं कर सकते वो अपने आप ठीक हो जाएगा 😊

mohit saxena

मैंने अपने गाँव में एक छोटा सा नेटवर्क बनाया है - हर घर से एक व्यक्ति जो दूसरों को अलर्ट करे। अगर तुम भी ऐसा करोगे तो जान बच सकती है। बस थोड़ी सी मेहनत और एक दूसरे के प्रति जिम्मेदारी।

Sandeep YADUVANSHI

ये सब तो बस एक बार का अफवाह है। तुम लोग इतने डर गए कि आपने खुद को भी बेकार बना लिया। बंगाल की खाड़ी में चक्रवात तो हर साल होता है - इसे नॉर्मल करो।

Vikram S

ये सब चेतावनियाँ... बस एक बड़ी धोखेबाजी है! हमारी सेना कितनी ताकतवर है - और फिर भी ये लोग डर फैला रहे हैं? हमारी संस्कृति में तो बारिश को भगवान का वरदान माना जाता है! ये विदेशी बातें अपनी जमीन पर लाने की कोशिश क्यों कर रहे हैं???

nithin shetty

25 नवंबर को जलवायु परिवर्तन के कारण दक्षिण अंडमान सागर में निम्न दबाव और उत्तरी हवाओं का मिलन हो रहा है - ये घटना हर 8-10 साल में आती है, लेकिन इस बार इसकी तीव्रता असामान्य है। डेटा देखो, 2015 के बाद से बंगाल की खाड़ी में चक्रवातों की संख्या 40% बढ़ी है - ये तो साबित हो चुका है।

Aman kumar singh

हमारी जमीन पर जो हो रहा है, वो कोई आम बात नहीं है। हम इसे अपने तरीके से संभाल सकते हैं - लेकिन उसके लिए हमें एक साथ आना होगा। अगर तुम बारिश के बाद घर के आसपास पानी निकाल दो, तो मच्छर नहीं आएंगे। अगर तुम कोहरे में ड्राइविंग नहीं करोगे, तो दुर्घटनाएँ नहीं होंगी। ये सब छोटी बातें हैं, लेकिन इनका असर बड़ा है।

Rahul Sharma

मैंने अपने दादाजी से सुना है - पिछली बार ऐसा हुआ था तो गाँव वालों ने एक बड़ा जल निकासी का नहर बनाया था। आज भी वही नहर काम कर रही है। हमें अपनी परंपराओं को भूलना नहीं चाहिए। आधुनिक टेक्नोलॉजी के साथ इन बुद्धिमानी को जोड़ना है।