रूस के कामचटका में 8.8 आयाम का भूकंप, 2011 के बाद सबसे बड़ा, प्रशांत महासागर में तूफानी लहरों की चेतावनी

रूस के कामचटका में 8.8 आयाम का भूकंप, 2011 के बाद सबसे बड़ा, प्रशांत महासागर में तूफानी लहरों की चेतावनी

29 जुलाई, 2025 को रात 11:24:52 यूटीसी (कामचटका स्थानीय समय 30 जुलाई, 11:24:52 PETT) को, प्रशांत महासागर के किनारे रूस के कामचटका प्रायद्वीप के 119 किमी पूर्व-दक्षिण-पूर्व में एक 8.8 आयाम का भूकंप आया। यह भूकंप जापान के 2011 के तोहोकू भूकंप के बाद दुनिया का सबसे बड़ा है और इतिहास में छठा सबसे शक्तिशाली भूकंप है। भूकंप का केंद्र समुद्र के नीचे 35 किमी की गहराई पर था, और इसकी टूटन की लंबाई 390 किमी और चौड़ाई 140 किमी थी — यह एक ऐसा भूकंप था जिसने 1952 के विशाल भूकंप के निशान को फिर से जगाया।

क्या हुआ था असल में?

यह भूकंप कुरिल-कामचटका उपचालन क्षेत्र में प्रशांत प्लेट के उत्तरी अमेरिकी प्लेट के नीचे घुसने के कारण हुआ। यही जगह 1952 में 9.0 आयाम का भूकंप आया था, जिससे हवाई के लिए विनाशकारी सुनामी आई थी। इस बार भी भूकंप का केंद्र 1952 के भूकंप के करीब 30 किमी के भीतर था। वैज्ञानिकों के अनुसार, यह भूकंप एक समय के अंतराल को भर रहा था — वह खाली जगह जो 1923 और 1952 के भूकंपों के बीच बच गई थी। इससे पहले दस दिन पहले, 20 जुलाई को 7.4 आयाम का भूकंप आया था, और उसके बाद 700 से अधिक छोटे झटके आए। यह एक बड़ी तूफान की शुरुआत थी।

सुनामी चेतावनी: दो देशों में आपातकाल

भूकंप के तुरंत बाद, रूस के कामचटका प्रायद्वीप के गवर्नर व्लादिमीर सोलोदोव ने समुद्र तटों से दूर रहने की अपील की। जापान के मौसम विभाग ने प्रशांत तटों पर एक मीटर (3.3 फीट) तक की सुनामी की चेतावनी जारी की। लगभग 20 लाख लोगों को उच्च भूमि पर जाने का निर्देश दिया गया। कामचटका के एलिजोवो जिले में 3-4 मीटर की लहर दर्ज की गई, जिससे घरों और सड़कों को नुकसान पहुंचा। एलिजोवो हवाई अड्डे के टर्मिनल की छत गिर गई, जिसमें एक महिला घायल हुई। साखलिन ओब्लास्ट में कुछ इमारतों के वेंटिलेटर और स्टोव पाइप टूट गए। एक बच्चों के बाल विहार की दीवार गिर गई, लेकिन वह खाली था — इसलिए कोई बच्चा नहीं घायल हुआ।

क्यों नहीं हुई कोई मौत? रूस की तैयारी की कहानी

इतने बड़े भूकंप के बावजूद, अभी तक कोई मौत की खबर नहीं आई। इसका राज़? रूसी सरकार की लंबे समय से चली आ रही इमारतों की तैयारी। डिमित्री सर्गेएविच पेस्कोव, क्रेमलिन के प्रवक्ता, ने कहा, "यहाँ की इमारतें भूकंप-सहिष्णु हैं, और लोग तैयार हैं।" यहाँ के लोग भूकंप के बारे में बचपन से सीखते हैं। वे जानते हैं कि जब जमीन हिले, तो उच्च भूमि पर जाना है। यह अनुभव आज बचाने में साबित हुआ।

भूकंप के बाद: अनुभव और असर

भूकंप के बाद 24 से अधिक बाद के झटके आए, जिनमें से दो 6.0 से अधिक आयाम के थे। अभी भी जांच जारी है। एलिजोवो और पेट्रोपावलोव्स्क-कामचट्स्की में लोगों ने अपने घरों से फोन करके बताया कि उन्हें उच्च रक्तचाप, अनियमित धड़कन और अपस्मार की समस्याएं हो रही हैं। यह भूकंप का मानसिक असर है — जिसे वैज्ञानिक "साइकोलॉजिकल ट्रामा" कहते हैं।

ऐतिहासिक संदर्भ: एक भूकंपीय जंगल

कामचटका का इतिहास भूकंपों से भरा है। 1923 में 8.4 आयाम का भूकंप आया, 1952 में 9.0, और अब 2025 में 8.8। यह सभी एक ही उपचालन रेखा पर हुए। इसी तरह, चिली में 2010 में 8.8 आयाम का भूकंप आया था, जिसमें 523 लोग मारे गए। जापान का 2011 का भूकंप तो इतिहास का सबसे भयानक था — 15,000 से अधिक लोग मारे गए, और तीन परमाणु रिएक्टर बंद हो गए। इस बार, लोगों ने अपने घरों को बचा लिया। लेकिन यह एक अलग बात है कि अगली बार क्या होगा।

अगला क्या होगा?

भूकंप के बाद अब भी अनुमानित बाद के झटके जारी हैं। अमेरिकी भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (USGS) के अनुसार, अगले 7 दिनों में 10 से अधिक 5.0 आयाम के झटके आ सकते हैं। कामचटका के अधिकारी अभी भी इमारतों की जांच कर रहे हैं। एलिजोवो हवाई अड्डे की छत को फिर से बनाने की योजना बनाई जा रही है। लेकिन लोगों के मन में एक सवाल बना हुआ है — अगला भूकंप कब आएगा? वैज्ञानिक कहते हैं कि यह रेखा अभी भी तनाव में है। यह सिर्फ एक भूकंप नहीं, बल्कि एक चेतावनी है।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

क्या यह भूकंप भारत को प्रभावित करेगा?

नहीं, भारत पर इस भूकंप का सीधा प्रभाव नहीं होगा। हालांकि, भारत के पूर्वी तट — विशेषकर ओडिशा और तमिलनाडु — के लिए भूकंपीय जोखिम अलग है। यह भूकंप कुरिल-कामचटका उपचालन क्षेत्र में हुआ, जो दक्षिणी अमेरिका और जापान के बीच है। भारत का भूकंपीय खतरा प्रशांत के बजाय हिमालय के नीचे इंडियन प्लेट के उत्तरी दबाव से आता है।

क्यों इतना बड़ा भूकंप आया और कोई मौत नहीं हुई?

इस भूकंप का कारण भूमि के नीचे बहुत बड़े टेक्टोनिक प्लेटों का टकराव है। लेकिन कोई मौत नहीं हुई क्योंकि कामचटका के लोग भूकंपों के लिए बहुत तैयार हैं। इमारतें विशेष रूप से बनाई गई हैं, जिनमें कमजोर स्टील और लचीले बेसमेंट होते हैं। इसके अलावा, लोगों को तुरंत समुद्र तट से दूर जाने का निर्देश दिया गया। यह तैयारी ने जान बचाई।

भूकंप के बाद आने वाले झटके कितने खतरनाक होते हैं?

भूकंप के बाद आने वाले झटके अक्सर अधिक खतरनाक होते हैं, क्योंकि लोग आराम करने लगते हैं। इस बार 24 से अधिक 5.0 से ऊपर के झटके आ चुके हैं, और दो 6.0 से अधिक थे। ये झटके पहले से कमजोर हुई इमारतों को और नुकसान पहुंचा सकते हैं। इसलिए अधिकारी अभी भी अलर्ट पर हैं।

क्या यह भूकंप अगले कुछ वर्षों में और आएगा?

वैज्ञानिकों का मानना है कि यह भूकंप एक लंबे समय के तनाव को रिलीज कर रहा है, लेकिन यह नहीं कहता कि अब शांति आ गई है। कुरिल-कामचटका उपचालन क्षेत्र में अभी भी अन्य भागों में तनाव बना हुआ है। यह अगले 10-15 वर्षों में कहीं और 8.0 आयाम का भूकंप आने की संभावना बढ़ाता है।

क्या यह भूकंप जापान के परमाणु संयंत्रों को प्रभावित कर सकता है?

इस भूकंप के कारण जापान के परमाणु संयंत्रों पर कोई सीधा प्रभाव नहीं पड़ा, क्योंकि सुनामी केवल 1 मीटर तक थी — जो जापान के नवीनतम सुरक्षा मानकों के लिए खतरनाक नहीं है। लेकिन यह एक याद दिलाता है कि जापान के तटीय क्षेत्रों में भूकंप और सुनामी का खतरा अभी भी मौजूद है। जापान ने अपने संयंत्रों को अब 15 मीटर तक की सुनामी के लिए डिज़ाइन किया है।

भूकंप के बाद लोगों को मानसिक समस्याएं क्यों हो रही हैं?

भूकंप के बाद उच्च रक्तचाप, अनियमित धड़कन और अपस्मार के मामले बढ़े हैं। यह तनाव का प्रत्यक्ष प्रभाव है। जब इतना बड़ा झटका आता है, तो शरीर में एड्रेनालिन बढ़ जाता है। बुजुर्ग और जिनके पहले से ही दिल की बीमारी है, उनके लिए यह खतरनाक हो सकता है। यहाँ के डॉक्टर अब इन मामलों को "भूकंप-संबंधित स्ट्रेस एमरजेंसी" कह रहे हैं।

दिस॰ 10, 2025 द्वारा Pari sebt

द्वारा लिखित Pari sebt

मैं एक समाचार विशेषज्ञ हूँ और मुझे भारत में दैनिक समाचार संबंधित विषयों पर लिखना पसंद है।

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