ह्रितिक रोशन ने लॉन्च किया 'कंटारा: चैप्टर 1' का हिंदी ट्रेलर, रिषभ शेट्टी का बड़ा प्रीसेल

फिल्म की कहानी और पृष्ठभूमि
हंबले फ़िल्म्स के प्रोड्यूसर विजय किरागंधुर ने कंटारा: चैप्टर 1 को प्री‑कोलोनियल कोस्टल कर्नाटक में स्थित कदंब के बानावासी राजकाल के समय सेट किया है। इस दौर में भूत कोला और बौटा कोला जैसे रहस्यमयी अनुष्ठान समाज में गहरी जड़ें रखते थे। पूर्व फिल्म में दिखाए गये पवित्र भूमि की रक्षक-देवताओं की कहानियों को और गहराई से एक्सप्लोर किया गया है, जहाँ नगा साधु बर्मे (रिषभ शेट्टी) को अलौकिक शक्ति मिली हुई है।
कहानी में बर्मे के साथ कन्हाकवति (रुक्मिणी वसन्त) की प्रेम‑और‑रिवाज़ी यात्रा दिखाएगी, जबकि कूलशेखर (गुलेशन देविया) जैसे विरोधी पात्र ग्रेस को चुनौती देंगे। कर्नाटक की समुद्री बस्ती, लोहा‑खेत, और प्राचीन मंदिरों का चित्रण दर्शकों को 500 साल पहले की सच्ची झलक देगा।
- रिषभ शेट्टी – बर्मे (नगा साधु)
- रुक्मिणी वसन्त – कन्हाकवति
- जयराम – प्रमुख सहायक
- गुलेशन देविया – कूलशेखर
- प्रमोद शेट्टी, राकेश पूजरी, प्रकाश थुमिनाड, दीपक राय पनेजे, और हरिप्रसाद एम.जी. – सजावटी भूमिका
प्रकाशन, रिलीज़ और बॉक्स‑ऑफ़िस की उम्मीदें
ट्रेलर का उद्घाटन 22 सितंबर को मुंबई के हॉटेल में हुआ, जहाँ ह्रितिक रोशन ने खुद ट्रेलर को बड़ाई की। उनका यह कदम बड़े स्टार‑पावर को जोड़ता है और फिल्म को राष्ट्रीय स्तर पर तुरंत पहचान देता है। त्रैमासिक में पहली बार फॉरमैट जैसे IMAX, 4DX और D‑Box को चुनने से दर्शकों को एक वर्चुअल इमर्शन का अनुभव मिलने की संभावना है।
फिल्म के निर्माण की शुरुआत नवंबर 2023 में हुई थी, और 27 नवंबर 2023 को पहला लुक और टीज़र जारी किया गया था। पोस्टर का डिजाइन कानी स्टूडियो ने किया, जबकि बी. अजनिश लोकनाथ ने संगीत और बैकग्राउंड स्कोर तैयार किया, जो मूल 'कंटारा' की तरह ही स्थानीय धुनों को समकालीन साउंड में बदलता है।
उद्योग विशेषज्ञों की राय है कि प्री‑सेल्स, टूर डिस्ट्रीब्यूशन और मल्टी‑प्लेटफॉर्म स्ट्रीमिंग अधिकारों से इस प्रीसेल का शुरुआती राजस्व 100 करोड़ रुपये से ऊपर जा सकता है। इस अनुमान में केवल भारत में नहीं, बल्कि दक्षिण एशिया, मध्य पूर्व और यूएसए के भारतीय डायस्पोरा को भी शामिल किया गया है।
ह्म्बले फ़िल्म्स ने इस प्रीसेल को ‘रजत’ फ्रैंचाइज़र का एक बड़ा कदम मानते हुए कहा है कि यह पहल भारतीय रीति‑रिवाज़ और लोककथाओं को वैश्विक मंच पर प्रस्तुत करने का नया उदाहरण होगा। भले ही कहानी स्थानीय हो, लेकिन इसकी थीम – मनुष्य‑और‑प्रकृति का जुड़ाव – सार्वभौमिक है और अंतरराष्ट्रीय दर्शकों में गूँजने की संभावना रखती है।
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