बीजेपी के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी की स्थिति स्थिर, एम्स से डिस्चार्ज

बीजेपी के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी की स्थिति स्थिर, एम्स से डिस्चार्ज

लालकृष्ण आडवाणी की सेहत में सुधार

बीजेपी के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी को नई दिल्ली स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) से डिस्चार्ज कर दिया गया है। 96 वर्ष की उम्र में भी आडवाणीजी का जोश और उनकी सियासी जुड़ी शुद्धता वाकई प्रशंसनीय है। उन्हें बुधवार शाम को अस्पताल में भर्ती कराया गया था और डॉक्टरों की टीम द्वारा उनका पर्यवेक्षण किया गया। डॉक्टरों के अनुसार हालत स्थिर है और उन्हें चिकित्सीय प्रक्रिया के बाद आराम करने की सलाह दी गई है।

भारत रत्न से सम्मानित

यह घटनाक्रम तब आया है जब कुछ ही महीने पहले, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने लालकृष्ण आडवाणी को भारत रत्न, देश का सर्वोच्च नागरिक सम्मान, से नवाजा था। देश के राजनीतिक क्षेत्र में आडवाणीजी की भूमिका महत्वपूर्ण रही है। उन्होंने अटल बिहारी वाजपेयी सरकार के समय सातवें उप-प्रधानमंत्री के रूप में सेवाएं दी हैं तथा भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष के रूप में भी काम किया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आडवाणीजी के योगदान को विकास की दिशा में महत्वपूर्ण बताया है और उनकी पारदर्शिता और ईमानदारी की सराहना की है।

एम्स में विशेष सुविधाएं

एम्स में विशेष सुविधाएं

एम्स ने अपने स्टाफ के लिए विशेष कल्याणकारी उपाय भी उठाए हैं, खासकर किषण की ग्रीष्मकालीन स्थितियों को ध्यान में रखते हुए। एम्स प्रबंधन ने यह सुनिश्चित किया है कि परिसर के सभी हिस्सों में पीने का पानी आसानी से उपलब्ध हो। स्टाफ और मरीजों दोनों के लिए यह कदम उठाया गया है ताकि किसी को भी पानी की कमी न हो। यह पहल विशेष रूप से गर्मी की चरम स्थितियों में महत्वपूर्ण सिद्ध हो सकती है।

आडवाणी का राजनीतिक करियर

लालकृष्ण आडवाणी भारतीय राजनीति के उन हस्तियों में से हैं जिन्होंने न केवल बीजेपी को मजबूत किया बल्कि वर्षों तक पार्टी के स्तंभ बने रहे। आडवाणीजी ने अपनी राजनीतिक यात्रा की शुरुआत जनसंघ से की थी और बाद में बीजेपी के गठन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्होंने कई चुनाव अभियान-संचालन किए और बीजेपी को राष्ट्रीय स्तर पर मान्यता दिलाई। उनकी विचारधारा और पार्टी के प्रति निष्ठा ने उन्हें अद्वितीय राजनेता के रूप में स्थापित किया है।

आडवाणी की विरासत

आडवाणी की विरासत

आडवाणीजी की राजनीति में विशाल योगदान को कभी भी भुलाया नहीं जा सकता। उन्होंने न केवल बीजेपी बल्कि देश की राजनीति में भी अनुशासन और नैतिकता की नींव रखी है। आज की राजनीति में भी उनकी नीतियों और विचारधाराओं का अनुसरण किया जाता है। उनकी स्पष्टवादिता और सटीक निर्णय लेने की क्षमता ने उन्हें भारतीय राजनीति का मार्गदर्शक बनाया है।

स्वास्थ्य का ध्यान

आडवाणीजी के परिवार और समर्थकों ने हमेशा उनकी सेहत का ख्याल रखा है। इस उम्र में भी उनकी सक्रियता और जोश काबिलेतारीफ है। उनके स्वास्थ्य की बेहतरी और लंबी उम्र की कामना देशभर से की जा रही है। एम्स से लौटकर अब वह कुछ समय परिवार के साथ बिताएंगे और अपना स्वास्थ्य फिर से सामान्य करेंगे।

समर्थकों की प्रतिक्रिया

समर्थकों की प्रतिक्रिया

बीजेपी और आडवाणीजी के समर्थकों में इस खबर के बाद एक खुशहाली की लहर दौड़ गई है। सोशल मीडिया पर लाखों लोगों ने उनके स्वस्थ होने की शुभकामनाएँ दी हैं। पार्टी के कार्यकर्ता और समर्थक उनके प्रति अपने प्रेम और सम्मान को व्यक्त कर रहे हैं। वरिष्ठ नेताओं ने भी आडवाणीजी के जल्द स्वस्थ होने की कामना की है।

सारांश

लालकृष्ण आडवाणी भारतीय राजनीति का एक प्रतिष्ठित नाम हैं। उनकी स्थिति में सुधार की खबर के बाद, समर्थकों और पार्टी कार्यकर्ताओं ने राहत की सांस ली है। भाजपा के इस दिग्गज नेता का स्वास्थ्य और दीर्घायु हमारी शुभकामनाएँ।

द्वारा लिखित Pari sebt

मैं एक समाचार विशेषज्ञ हूँ और मुझे भारत में दैनिक समाचार संबंधित विषयों पर लिखना पसंद है।

Mahesh Chavda

लालकृष्ण आडवाणी जी की निष्ठा और अटूट दृढ़ता आज के राजनीतिक वातावरण में दुर्लभ है। उन्होंने कभी साम्प्रदायिकता या व्यक्तिगत लाभ के लिए अपनी नीतियाँ नहीं बदलीं। यही उनकी विरासत है।
अब जब भाजपा के नए नेता एक दूसरे को टारगेट कर रहे हैं तो उनकी निष्ठा और शांति की याद आती है।

Radhakrishna Buddha

अरे भाई, आडवाणी जी को एम्स से डिस्चार्ज कर दिया? वो तो 96 साल के हैं और अभी भी देश की राजनीति के दिल की धड़कन हैं! अब जो लोग उनके बारे में बोल रहे हैं, उनमें से 90% तो आज भी बिस्कुट खाकर अपना नाम ट्रेंड कर रहे हैं। आडवाणी जी के सामने ये सब बच्चों की खेल बातें हैं।

Govind Ghilothia

श्री लालकृष्ण आडवाणी के जीवन में अद्वितीय विशिष्टता यह है कि उन्होंने राजनीति को एक सेवा के रूप में देखा। उनकी भाषा ने विचारों को स्पष्ट किया, उनकी नीतियाँ नैतिकता के स्तंभ बनीं, और उनकी उपस्थिति ने एक युग को निर्धारित किया। एम्स के विशेष उपाय जैसे पीने के पानी की व्यवस्था भी उनकी उच्च दर्जे की देखभाल का संकेत है।

Sukanta Baidya

यार इतना गौरव दिखा रहे हो? आडवाणी जी तो अब एक लेजेंड हैं, लेकिन आज के युवा तो उनकी बातें सुनकर भी नहीं जानते कि वो कौन हैं। आजकल टिकटॉक पर नाम बनाने वाले लोग ज्यादा फेमस हैं। ये राजनीति का अंत है।