सेबी ने CNBC आवाज़ के पूर्व एंकर और विश्लेषक पर लगाया जुर्माना, 5 वर्षों के लिए बाजार से बाहर

सेबी ने CNBC आवाज़ के पूर्व एंकर और विश्लेषक पर लगाया जुर्माना, 5 वर्षों के लिए बाजार से बाहर

सेबी का कड़ा कदम

भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) ने CNBC आवाज़ के पूर्व मार्केट्स एडिटर प्रमुद पंड्या और तकनीकी विश्लेषक अल्पेश वसंजी फुरिया पर 1-1 करोड़ रुपये का जुर्माना लगा दिया है। इन दोनों को छह अन्य संस्थाओं के साथ पांच वर्षों के लिए प्रतिभूति बाज़ार से बाहर भी कर दिया गया है। सेबी ने यह कड़ा कदम तब उठाया जब यह पाया गया कि इन दोनों व्यक्तियों ने धोखाधड़ीपूर्ण व्यापारिक गतिविधियों में लिप्त होकर खुद को लाभ पहुंचाने की कोशिश की थी।

धोखाधड़ी का मामला

सेबी के अनुसार, प्रदीप पंड्या और अल्पेश फुरिया ने अन्य छह संस्थाओं के साथ मिलकर स्टॉक सिफारिशों का गलत फायदा उठाया और शेयर बाजार में अनैतिक लाभ कमाने का प्रयास किया। इन छह संस्थाओं में शामिल हैं: अल्पेश फुरिया (HUF), आलपा फुरिया, मनीष फुरिया, मनीष फुरिया (HUF), महान इंवेस्टमेंट और तोशी ट्रेड। इन अन्य संस्थाओं पर भी 10-10 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है।

सूचना का दुरुपयोग

सूचना का दुरुपयोग

ये सभी संस्थाएं और व्यक्तित्व, स्टॉक सिफारिशों का प्रयोग कर बाजार में जागरूकता होने से पहले ही खुद को लाभकारी स्थिति में रख लेते थे। यह कार्यवाही स्पष्ट रूप से धोखाधड़ी और सूचना का गलत उपयोग करने का संकेत देती है। यह एक क्लासिकल 'फ्रंट रनिंग' मामले की तरह है, जहां अंदरूनी जानकारी को इस्तेमाल कर बाजार की गतिशीलता को प्रभावित किया जाता है।

फुरिया समूह के खिलाफ कार्यवाही

सेबी ने यह भी कहा कि अल्पेश फुरिया और उनसे जुड़े संस्थाओं को जांच अवधि के अंत से लेकर अंतरिम आदेश की तारीख तक 12% की साधारण ब्याज दर पर 2.4 करोड़ रुपये की राशि वापस करनी होगी। इसके अलावा, फुरिया समूह द्वारा अवैध तरीके से कमाए गए 10.8 करोड़ रुपये में से पहले से ही 8.4 करोड़ रुपये पहले ही जब्त किए जा चुके हैं।

नैतिक मानकों का उल्लंघन

नैतिक मानकों का उल्लंघन

सेबी ने नोट किया कि जब टीवी एंकर और विश्लेषक गैर-सार्वजनिक जानकारी को साझा करते हैं, तो यह न केवल नैतिक मानकों का उल्लंघन होता है बल्कि बाजार की गतिशीलता को भी प्रभावित करता है। इससे निवेशकों के बीच सूचना के समान वितरण का सिद्धांत कमजोर हो जाता है और उनके विश्वास को भी ठेस पहुंचती है।

भविष्य के लिए संदेश

सेबी के इस कदम से न केवल इस प्रकार की धोखाधड़ीपूर्ण गतिविधियों को रोकने का प्रयास किया गया है, बल्कि एक कड़ा सन्देश भी दिया गया है कि ऐसे काम करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा। निवेशकों और बाजार के सभी सम्बन्धित पक्षों को यह संदेश स्पष्ट रूप से समझ लेना चाहिए कि सेबी बाजार में सभी प्रकार की गतिविधियों पर कड़ी नजर रखती है और कोई भी अनियमितता बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

जून 12, 2024 द्वारा Pari sebt

द्वारा लिखित Pari sebt

मैं एक समाचार विशेषज्ञ हूँ और मुझे भारत में दैनिक समाचार संबंधित विषयों पर लिखना पसंद है।

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Rajesh Sahu

ये सब लोग बाजार में घुसकर लोगों का पैसा चुराते हैं! सेबी ने बिल्कुल सही किया! इन लोगों को सालों तक बाजार से बाहर रखना चाहिए, नहीं तो ये फिर से निकल आएंगे!

Deepak Singh

सेबी के आदेश का विश्लेषण करने पर, यह स्पष्ट है कि फ्रंट रनिंग की गतिविधि ने न केवल नियमों का उल्लंघन किया, बल्कि निवेशकों के विश्वास को भी नुकसान पहुंचाया। इस तरह की गैर-पारदर्शिता के खिलाफ कार्रवाई अत्यंत आवश्यक है।

Chandu p

अच्छा हुआ कि कुछ लोगों को सबक सिखाया गया। भारत के बाजार को साफ रखना हम सबकी जिम्मेदारी है। 🙏

Gopal Mishra

इस मामले में एक महत्वपूर्ण बात यह है कि विश्लेषकों का भूमिका केवल जानकारी प्रदान करना नहीं, बल्कि उसे नैतिक रूप से और पारदर्शी ढंग से प्रस्तुत करना है। जब यह सिद्धांत तोड़ दिया जाता है, तो पूरा विश्वास प्रणाली कमजोर हो जाती है। यह एक निर्णायक पल है जिससे भविष्य के लिए मानक स्थापित होते हैं।

Swami Saishiva

ये सब एंकर्स बस अपनी टीवी छवि के लिए बाजार को खेल बनाते हैं। अब तक बहुत देर हो चुकी है।

Swati Puri

फ्रंट रनिंग के इस तरह के अभ्यास में अंदरूनी जानकारी का दुरुपयोग एक स्ट्रक्चरल इंसाइडर थ्रेट है, जो बाजार की दक्षता के अर्थशास्त्र को बाधित करता है। सेबी की कार्रवाई इस रिस्क को कम करने के लिए एक प्रासंगिक नियामक प्रतिक्रिया है।

megha u

सेबी भी तो बस एक झूठा नाटक कर रही है... ये सब लोग अपने दोस्तों के साथ बाजार चला रहे हैं। ये सब नियम बस छोटे लोगों के लिए होते हैं 😒

pranya arora

क्या हम वाकई यह सोचते हैं कि एक एंकर की बात से बाजार बदल जाता है? या हम अपने विश्वास को बाहरी स्रोतों पर टिकाए हुए हैं? यह सवाल अधिक महत्वपूर्ण है जिसे हमें सोचना चाहिए।

Arya k rajan

इस तरह के कदमों से लोगों को डर लगता है, लेकिन अगर डर के बिना नियम नहीं चलते, तो ये जरूरी है। धीरे-धीरे बाजार साफ हो रहा है।

Sree A

Front running का ये एक क्लासिक उदाहरण है। अंदरूनी जानकारी का दुरुपयोग और नियामक उल्लंघन का स्पष्ट मामला।

DEVANSH PRATAP SINGH

कुछ लोग तो बस अपनी टीवी पर आकर लोगों को भ्रमित करते हैं। अब तो सेबी ने उन्हें ठीक से सबक सिखा दिया।

SUNIL PATEL

ये लोग बाजार के नियमों को तोड़कर अपना लाभ कमा रहे थे। इनके खिलाफ कार्रवाई नहीं होती तो भारत का बाजार कभी विश्वसनीय नहीं होगा।

Avdhoot Penkar

लेकिन अगर ये सब गलत है तो क्या बैंक और फंड मैनेजर ठीक हैं? वो तो और ज्यादा बड़ा धोखा देते हैं!

Akshay Patel

इन लोगों को जेल भी जाना चाहिए। बस जुर्माना और बाहर निकालना काफी नहीं है। ये लोग देश के निवेशकों को धोखा दे रहे थे।

Raveena Elizabeth Ravindran

फिर से ये वाला खेल... सेबी का काम ही यही है कि छोटे लोगों को दिखावा करे और बड़े लोगों को छोड़ दे।

Krishnan Kannan

अगर ये लोग विश्लेषण कर रहे थे तो उन्हें बस अपने निष्कर्ष बताने चाहिए थे, न कि अपने पोर्टफोलियो के लिए बाजार को दिशा देनी चाहिए थी।

Dev Toll

हर बार ऐसा होता है। कुछ लोग फंसते हैं, बाकी चुप रहते हैं।

utkarsh shukla

ये जो लोग बाजार को नियंत्रित करते हैं, वो अब बाहर हैं! भारत की जीत हुई! 🇮🇳🔥

Amit Kashyap

सेबी ने बहुत अच्छा किया, इन लोगों को बाजार से निकालना बहुत जरूरी था। भारतीय बाजार के लिए ये एक बड़ी जीत है।

mala Syari

ये सब लोग तो बस टीवी पर बोलते हैं... असली धोखेबाज़ तो वो हैं जो इनके पीछे बैठे हैं।