प्रधानमंत्री मोदी के राजस्थान और हरियाणा दौरे के मुख्य विषय: वैश्विक निवेश और बीमा सखी योजना

प्रधानमंत्री मोदी के राजस्थान और हरियाणा दौरे के मुख्य विषय: वैश्विक निवेश और बीमा सखी योजना

विवरण: प्रधानमंत्री मोदी का राजस्थान और हरियाणा दौरा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आगामी दौरा 9 दिसंबर 2024 को राजस्थान और हरियाणा में तय किया गया है। इस महत्वपूर्ण दौरे के दौरान, प्रधानमंत्री दो प्रमुख कार्यक्रमों में हिस्सा लेंगे जो दोनों ही राज्यों के विकास को एक नई दिशा प्रदान करेंगे। राजस्थान से लेकर हरियाणा तक, यह यात्रा दो भिन्न राज्यों में विभिन्न योजनाओं और बैठकों का उद्देश्य आगे बढ़ाना होगा।

राइजिंग राजस्थान ग्लोबल इन्वेस्टमेंट समिट: जयपुर की मेजबानी

यूं तो राजस्थान अपने सांस्कृतिक धरोहरों और ऐतिहासिक स्थलों के लिए विश्व प्रसिद्ध है, लेकिन अब यह राज्य वैश्विक आर्थिक मानचित्र पर भी अपनी अलग पहचान बनाएगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जयपुर में 'राइजिंग राजस्थान ग्लोबल इन्वेस्टमेंट समिट 2024' का उद्घाटन करेंगे। यह सम्मेलन जयपुर एग्जीबिशन एंड कन्वेंशन सेंटर (जेईसीसी) में हो रहा है, और इसकी थीम 'रिप्लेट, रिस्पॉन्सिबल, रेडी' है, जो आर्थिक नवाचारों और समावेशी विकास की ओर संकेत करता है।

ग्लोबल इन्वेस्टमेंट समिट में प्रधानमंत्री 'जल सुरक्षा' से लेकर 'सस्टेनेबल माइनिंग', 'सस्टेनेबल फाइनेंस', 'समावेशी पर्यटन', 'कृषि-व्यवसाय नवाचार', तथा 'महिला नेतृत्व वाले स्टार्टअप' जैसे विभिन्न विषयों पर विचार विमर्श करेंगे। यह सभी सत्र विभिन्न क्षेत्रों में नवाचार के अवसर और चुनौतियों को समझने का मौक़ा देंगे। खासकर, 'वॉटर मैनेजमेंट फॉर लिवेबल सिटीज' और 'ट्रेड एंड टूरिज्म' जैसे विषय विशेष रूप से उभारने का हरसंभव प्रयास करेंगे।

बीमा सखी योजना: आर्थिक साक्षरता का प्रसार

जयपुर दौरे के पश्चात, प्रधानमंत्री मोदी के कदम हरियाणा राज्य की ओर बढ़ेंगे। यहां, वे एलआईसी की 'बीमा सखी योजना' की शुरुवात करेंगे, जो महिलाओं में वित्तीय जागरूकता और बीमा की महत्त्वता को प्रेरित करने का प्रयास है। इस योजना का लक्ष्य है कि महिलाओं को वित्तीय श्रमिक क्षेत्रों में आत्मनिर्भर बनाया जाए, जिससे वे न सिर्फ अपनी सुरक्षा बल्कि घर और समाज के आर्थिक सुदृढ़ीकरण का कारण बनें।

महिलाएं, जिनकी उम्र 18 से 70 वर्ष के बीच है और जिन्होंने कम से कम दसवीं कक्षा उत्तीर्ण कर ली है, अपनी योग्यताएँ बढ़ाने के साथ-साथ एक प्रशिक्षित 'बीमा सखी' बनकर LIC की योजना के तहत तीन साल के स्पेशलाइज्ड प्रशिक्षण का लाभ उठा सकती हैं। इन प्रशिक्षित महिलाओं को तीन साल की जिम्मेदारी के लिए विशेष स्टिपेंड प्रदान किया जाएगा, जिससे वे LIC एजेंट बनने के लिए पात्रता प्राप्त करेंगी। ज्यादा से ज्यादा महिला सशक्तिकरण के लिए, योजना के तहत महिलाओं को ग्रैजुएट होने के बाद 'डेवलपमेंट ऑफिसर' की भूमिका में बदलने का अवसर भी मिलेगा।

महाराणा प्रताप उद्यानिकी विश्वविद्यालय: एक नई दिशा की ओर

जैसे ही प्रधानमंत्री मोदी का हरियाणा दौरा समाप्त होने को होगा, वे महाराणा प्रताप उद्यानिकी विश्वविद्यालय के मुख्य परिसर के लिए आधारशिला रखेंगे। यह पहल एक महत्वपूर्ण कदम होते हुए देश के कृषि परिदृश्य में अभूतपूर्व बदलाव लाएगी। इस विश्वविद्यालय को 700 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से स्थापित किया जा रहा है, जिसका उद्यानिकी अनुसंधान और फसल विविधिकरण में विशिष्ट ध्यान केंद्रित होगा। विश्वविद्यालय पांच स्कूलों के साथ एक बागवानी कॉलेज में स्नातक और परास्नातक पढ़ाई कराएगा, जो कुल 10 बागवानी विषयों को कवर करेगा।

यह विश्वविद्यालय भारतीय कृषि क्षेत्र में रोजगार और शिक्षा के नए अवसर खोलने के लिए भी जाने जाएगा। इससे न केवल हरियाणा बल्कि पूरे देश में हरे खाद्य उत्पादन में वृद्धि और नए पोषण उपायों को बढ़ावा मिलेगा। यह उद्यानिकी कॉलेज नई पीढ़ी को आधुनिक और वैज्ञानिक कृषि मन्त्रियों से जोड़ने का स्थायी स्रोत बनेगा। इस प्रकार, प्रधानमंत्री मोदी का ये दौरा राजस्थान और हरियाणा में विकास और बदलाव के नए आयाम खोलने के लिए एक महत्वपूर्ण पड़ाव साबित होगा।

दिस॰ 9, 2024 द्वारा Pari sebt

द्वारा लिखित Pari sebt

मैं एक समाचार विशेषज्ञ हूँ और मुझे भारत में दैनिक समाचार संबंधित विषयों पर लिखना पसंद है।

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utkarsh shukla

ये तो बस शुरुआत है! राजस्थान में वैश्विक निवेश का दरवाजा खुल रहा है, और हरियाणा में महिलाओं को बीमा सखी बनाने का फैसला... भारत की नई कहानी यही है। अब देखो कैसे गाँव से शहर तक बदलाव आता है।

जल सुरक्षा और सस्टेनेबल माइनिंग? बिल्कुल सही दिशा! अब तक तो सिर्फ टूरिज्म पर ही ध्यान था, अब असली इकोनॉमी बन रही है।

Amit Kashyap

ये सब तो बस चिल्लाहट है भाई... जब तक हमारे बॉस को नहीं बदलते तो कुछ नहीं होगा। राजस्थान में पानी की समस्या है ना? ये समिट तो बस फोटो शूटिंग है।

mala Syari

बीमा सखी योजना? अरे भाई, ये तो बस एक और नौकरी बनाने का तरीका है। महिलाओं को असली शिक्षा और बैंकिंग एक्सेस चाहिए, न कि एजेंट बनाने का नाटक। ये सब फॉर्मलिटी है।

और उद्यानिकी विश्वविद्यालय? 700 करोड़? इतने पैसे अगर स्कूलों में डाले जाते तो क्या नहीं होता?

Kishore Pandey

यह दौरा भारत के आर्थिक भविष्य के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। राजस्थान में वैश्विक निवेश समिट के माध्यम से देश की अर्थव्यवस्था को नए आयाम दिए जा रहे हैं। बीमा सखी योजना के तहत महिलाओं को वित्तीय सशक्तिकरण प्रदान करना एक ऐतिहासिक कदम है।

महाराणा प्रताप उद्यानिकी विश्वविद्यालय का निर्माण भारतीय कृषि के भविष्य के लिए एक निर्णायक उपलब्धि है।

Kamal Gulati

क्या तुमने कभी सोचा कि ये सब कितना बेकार है? हमारे गाँवों में बिजली नहीं, पानी नहीं, लेकिन ये सब समिट्स? जब तक असली ज़मीन पर बदलाव नहीं आएगा, तब तक ये सब बस टीवी पर दिखेगा।

मैंने अपनी बहन को बीमा सखी बनाने के लिए कहा था, वो बोली - 'अंकल, मैं अपने बच्चों को खिला नहीं पा रही, अब बीमा बेचूंगी?'

Atanu Pan

इस दौरे के बाद राजस्थान में एक नया नाम बनेगा - इंडिया का फर्स्ट ग्रीन इन्वेस्टमेंट हब। बीमा सखी वाली बहनों को बहुत बधाई। अब ये बागवानी विश्वविद्यालय भी बहुत अच्छा है।

Pankaj Sarin

समिट और विश्वविद्यालय तो बस नाम के लिए है भाई... असली मुद्दा तो ये है कि ये पैसा कहाँ जा रहा है? जयपुर के एक रास्ते में जाने वाला बस भी नहीं चलता पर ये सब बन रहा है? सिर्फ फोटो शूट के लिए?

Mahesh Chavda

एक बार फिर देखो कैसे देश के आर्थिक विकास के नाम पर बेकार कार्यक्रम बनाए जाते हैं। जब तक हम गरीबों के लिए बुनियादी सुविधाएँ नहीं बनाएंगे, तब तक ये सब बस रिटोरिक है।

Sakshi Mishra

हम जब भी किसी योजना की बात करते हैं, तो उसके विचार को नहीं, बल्कि उसके परिणामों को देखना चाहिए। बीमा सखी योजना केवल एक व्यावसायिक रणनीति नहीं, बल्कि एक सामाजिक उथल-पुथल है।

महिलाओं को आर्थिक स्वायत्तता देना, एक ऐसी बात है जो भारत के समाज के आधार को हिला देगी। यह बस एक योजना नहीं, यह एक आंदोलन है।

Radhakrishna Buddha

ये सब तो बस बाजार की शोर-शराबा है! राजस्थान में जल सुरक्षा का नाम लेकर निवेश लाने की कोशिश? अगर तुम जल सुरक्षा चाहते हो तो पहले जल निकायों को बचाओ।

मैं तो बस इतना कहूंगा - अगर ये सब असली है तो फिर राजस्थान के गाँवों में पानी का टैंकर क्यों नहीं आता?

Govind Ghilothia

यह दौरा भारत के सांस्कृतिक और आर्थिक विरासत के सम्मान में एक ऐतिहासिक घटना है। राजस्थान के ऐतिहासिक वातावरण में वैश्विक निवेश की शुरुआत एक अद्वितीय मिश्रण है।

बीमा सखी योजना भारतीय महिलाओं के अंतर्निहित शक्ति का प्रतीक है। यह एक नया युग शुरू हो रहा है, जहाँ शिक्षा, सशक्तिकरण और स्थायी विकास एक साथ चलते हैं।

Sukanta Baidya

बीमा सखी? ये तो बस एक नया बिज़नेस मॉडल है। महिलाओं को बेचने के लिए एजेंट बनाया जा रहा है। कोई नहीं सोचता कि वो किस तरह जी रही हैं।

Adrija Mohakul

मैंने अपने गाँव में एक बीमा सखी को देखा है। वो हर दिन दो घंटे स्कूल जाती है, फिर घर पर बच्चों की देखभाल करती है, और फिर लोगों को बीमा समझाती है। उसकी आँखों में एक नई उम्मीद है।

ये योजना बस एक नाम नहीं, ये एक जीवन बदलने का तरीका है।

Dhananjay Khodankar

सच कहूँ तो मुझे लगता है ये सब अच्छा है। लेकिन अगर इन योजनाओं को गाँव तक पहुँचाने का तरीका नहीं बनाया जाएगा तो ये सब फाइल में ही रह जाएगा।

मैंने अपने दोस्त का बेटा जयपुर में देखा था - वो एक छोटे से घर से आया था, और अब उसके पास एक ब्रांडेड स्मार्टफोन है। लेकिन उसके गाँव में अभी भी बिजली नहीं है।

shyam majji

महाराणा प्रताप उद्यानिकी विश्वविद्यालय का नाम तो बहुत अच्छा है। लेकिन क्या ये वाकई बागवानी के बारे में है? या फिर ये बस एक नया नाम है जिससे पैसा निकाला जा रहा है?

shruti raj

इन सब योजनाओं के पीछे कोई गहरा षड्यंत्र है। बीमा सखी? ये तो सिर्फ एक तरह का लोगों को नियंत्रित करने का तरीका है। जब तुम एक महिला को बीमा बेचने के लिए बाध्य करते हो, तो तुम उसकी आजादी छीन रहे हो।

और ये विश्वविद्यालय? ये तो बस एक नया अधिकारी बनाने का तरीका है। किसी के लिए नया नौकरी का रास्ता, लेकिन किसी के लिए नया शिकंजा।

utkarsh shukla

अगर बीमा सखी योजना बस एक शिकंजा है, तो फिर ये लड़कियाँ क्यों इसे अपना रही हैं? मैंने एक बीमा सखी से बात की थी - वो बोली, 'मैंने अपने बेटे के लिए पहली बार बचत की है। अब मैं उसे कॉलेज भेज सकती हूँ।'

ये बात तुम्हें नहीं समझ आएगी, क्योंकि तुम अपने घर के बाहर नहीं निकले।