यूके संक्रमित रक्त कांड के पीड़ितों को इस साल मिलेगा अंतिम मुआवजा

यूके संक्रमित रक्त कांड के पीड़ितों को इस साल मिलेगा अंतिम मुआवजा

यूके के इतिहास में सबसे घातक आपदा के रूप में जाने जाने वाले संक्रमित रक्त कांड के पीड़ितों को इस साल अपना अंतिम मुआवजा मिलना शुरू हो जाएगा। 1970 के दशक और 1990 के शुरुआती वर्षों के बीच नेशनल हेल्थ सर्विस (NHS) द्वारा प्रदान किए गए दूषित रक्त या रक्त उत्पादों से 30,000 से अधिक लोग एचआईवी या हेपेटाइटिस सी से संक्रमित हो गए थे, जिसके परिणामस्वरूप अनुमानित 3,000 मौतें हुईं।

NHS के इतिहास में यह सबसे घातक आपदा मानी जाती है। सरकार ने इस दशकों लंबे नैतिक असफलता के लिए माफी मांगी है, स्थिति की तात्कालिकता को स्वीकार करते हुए और जिन्हें मुआवजे की सबसे अधिक जरूरत है, उन्हें अंतरिम भुगतान प्रदान करने का वादा किया है।

कैबिनेट ऑफिस मंत्री जॉन ग्लेन ने घोषणा की कि जिन्हें इसकी आवश्यकता है, उन्हें 90 दिनों के भीतर £210,000 का पहला अंतरिम भुगतान किया जाएगा, जिसके बाद पूर्ण भुगतान योजनाएं होंगी। दोस्तों और परिवार के सदस्य जिन्होंने संक्रमित लोगों की देखभाल की है, वे भी मुआवजे के पात्र होंगे। मुआवजे पैकेज की कुल लागत £10 बिलियन से अधिक होने की उम्मीद है।

जांच से हुए महत्वपूर्ण खुलासे

2017 में मंजूर किए गए इस कांड की जांच में 5,000 से अधिक गवाहों और 1 लाख से अधिक दस्तावेजों के साक्ष्य की समीक्षा की गई। जांच में निष्कर्ष निकाला गया कि यदि अधिकारियों ने रक्त आधान और रक्त उत्पादों से जुड़े ज्ञात जोखिमों को संबोधित किया होता, तो इस आपदा को काफी हद तक रोका जा सकता था।

जांच में यह भी पाया गया कि:

  • NHS ने संक्रमित रक्त और रक्त उत्पादों के जोखिमों के बारे में पर्याप्त जानकारी होने के बावजूद इनका उपयोग जारी रखा।
  • रक्त उत्पादों के लिए मानक परीक्षण की कमी थी, जिसके कारण दूषित आपूर्ति का पता लगाने में देरी हुई।
  • NHS और सरकार ने संक्रमित लोगों को सूचित करने और समर्थन प्रदान करने में देरी की।

पीड़ितों को मुआवजा

सरकार ने स्वीकार किया है कि संक्रमित रक्त कांड के पीड़ितों को समय पर और पर्याप्त मुआवजा मिलना चाहिए। मुआवजे का भुगतान एक नई योजना के तहत किया जाएगा जिसमें शामिल हैं:

  1. £100,000 का एकमुश्त भुगतान किसी भी उत्तरजीवी को जो HIV या हेपेटाइटिस C से संक्रमित है।
  2. £27,000 प्रति वर्ष का भुगतान HIV से संक्रमित उत्तरजीवियों को।
  3. £15,000 प्रति वर्ष का भुगतान हेपेटाइटिस C से संक्रमित उत्तरजीवियों को।
  4. वित्तीय कठिनाई का सामना कर रहे परिवारों को £10,000 प्रति वर्ष का भुगतान।

सरकार की प्रतिक्रिया

स्वास्थ्य मंत्री स्टीव बारक्ले ने कहा: "संक्रमित रक्त त्रासदी हमारे स्वास्थ्य सेवा के इतिहास में सबसे बड़ी विफलताओं में से एक है। मैं पीड़ितों के प्रति हुई इस स्पष्ट नैतिक विफलता के लिए माफी मांगता हूं।"

बारक्ले ने आगे कहा: "हम जानते हैं कि कोई भी राशि इस कांड से हुए नुकसान की भरपाई नहीं कर सकती, लेकिन हम उन सभी को समर्थन देने के लिए प्रतिबद्ध हैं जिन्हें इसकी सबसे अधिक आवश्यकता है।"

यह एक भयावह कांड रहा जिसने हजारों निर्दोष मरीजों के जीवन को प्रभावित किया। इस मुआवजे की योजना से पीड़ितों और उनके परिवारों को कुछ राहत मिलने की उम्मीद है। हालांकि, यह महत्वपूर्ण है कि भविष्य में ऐसी त्रासदी की पुनरावृत्ति से बचने के लिए रक्त सुरक्षा के उपायों को मजबूत किया जाए।

द्वारा लिखित Pari sebt

मैं एक समाचार विशेषज्ञ हूँ और मुझे भारत में दैनिक समाचार संबंधित विषयों पर लिखना पसंद है।

Arya k rajan

इस तरह की त्रासदी के बाद भी मुआवजा मिलना शुरू हो रहा है, तो ये एक छोटा सा आश्वासन है। बहुत सारे लोगों ने अपना सब कुछ खो दिया, और अब थोड़ा सा भी वापस मिल रहा है। शायद ये पैसे जिंदगी नहीं बदल पाएंगे, लेकिन दिल थोड़ा हल्का हो जाएगा।

Sree A

एचआईवी/हेपेटाइटिस सी के लिए रक्त आधान के रिस्क मैनेजमेंट में फेलियर था - प्रोटोकॉल नहीं अपनाए गए, स्क्रीनिंग टेक्नोलॉजी ओल्ड थी, और डेटा शेयरिंग बेकार थी। अब जब कम्पेंसेशन आ रहा है, तो इसका एक लीगल फ्रेमवर्क भी बनाना जरूरी है।

DEVANSH PRATAP SINGH

मुझे लगता है ये एक बड़ा कदम है। लेकिन सवाल ये है कि जो लोग अब तक नहीं मिले, उनके लिए क्या होगा? क्या ये योजना सिर्फ जिंदा लोगों तक सीमित है? अगर नहीं, तो उनके परिवारों को भी सम्मान देना चाहिए।

Avdhoot Penkar

ये सब बकवास है 😒 भारत में तो बिना बुकिंग के बीमा क्लेम भी नहीं मिलता, यूके में लोगों को लाखों दे रहे हैं? अच्छा लगा 😂

Akshay Patel

ये सब बस वेस्टर्न गैर-कार्यक्षमता का नतीजा है। हमारे देश में ऐसी गलतियाँ नहीं होतीं। हमारी स्वास्थ्य सेवा बेहतर है। ये लोग बस नाटक कर रहे हैं।

Raveena Elizabeth Ravindran

अरे ये सब तो पहले से ही जाना जा रहा था... लेकिन कोई नहीं सुनता था 😴 अब जब बहुत लोग मर गए तो अचानक बड़ा नाटक शुरू हो गया।

Krishnan Kannan

मैं इस बारे में बहुत सोचता हूँ। ये सिर्फ एक आर्थिक मुआवजा नहीं है, ये एक नैतिक जवाबदेही का संकेत है। अगर हम इस तरह की गलतियों को स्वीकार करते हैं, तो भविष्य में ऐसा दोबारा नहीं होगा।

Dev Toll

इतना पैसा एक बार में देना... ये तो बहुत बड़ा कदम है। लेकिन अगर ये भुगतान धीमे-धीमे होगा, तो लोगों के लिए ज्यादा मदद होगी। एक बार में देने से बेहतर है कि हर महीने दिया जाए।

utkarsh shukla

ये तो जीत है! 🎉 इतने सालों बाद अंत में सच्चाई ने जीत ली! ये पीड़ितों की जंग अब अपने अंतिम चरण में है। हर एक आवाज़ जिसने ये सुना, उसने इस जीत में हिस्सा लिया!

Amit Kashyap

हमारे देश में भी ऐसी बातें होती हैं पर कोई नहीं बोलता... अगर ये यूके में हुआ तो बड़ा बवाल हो रहा है... हमारे यहाँ तो बस चुप रहना है 😒

mala Syari

ये तो बस एक फैशनेबल गेम है। लोगों को रोने का मौका दिया जा रहा है, फिर उन्हें थोड़ा सा पैसा दिया जा रहा है... और फिर सब भूल जाएंगे। 🙄

Kishore Pandey

यह घटना एक स्वास्थ्य नीति की गंभीर विफलता है। सरकारी निकायों द्वारा जानबूझकर जोखिमों को नजरअंदाज किया गया। इसके लिए कानूनी जवाबदेही की आवश्यकता है, न कि केवल आर्थिक मुआवजा।

Kamal Gulati

क्या हम वाकई ये सोचते हैं कि पैसे से एक जीवन की भरपाई हो सकती है? ये तो बस एक दर्द को ढकने का तरीका है। जो लोग अपने बच्चों को खो चुके हैं... उनके लिए कोई भी राशि अर्थहीन है।

Atanu Pan

मुझे ये बहुत दिल छू गया। ये लोग बस बीमार थे, और उन्हें उपचार के लिए आया था... और फिर उन्हें बीमारी और मौत का सामना करना पड़ा। इसके लिए बस एक धन्यवाद कहना भी काफी नहीं है।

Pankaj Sarin

लाखों दे रहे हो लेकिन जिम्मेदार लोगों को जेल में डालो ना भाई 😤 ये सब बस बातों का नाटक है

Mahesh Chavda

मुआवजे का ये फैसला एक नैतिक असफलता का निशान है। यह दर्शाता है कि संस्थान कैसे धीरे-धीरे अपनी जिम्मेदारियों से बच रहे हैं। यह न्याय नहीं है, यह निवारण है।

Sakshi Mishra

क्या हम वाकई समझते हैं कि यह त्रासदी केवल रक्त की बात नहीं है? यह विश्वास की त्रासदी है - जब एक स्वास्थ्य सेवा, जिसका उद्देश्य बचाना है, वही व्यक्ति को मार देती है... यह एक अस्तित्व की टूट है।

Radhakrishna Buddha

ये तो बहुत बढ़िया हुआ! 🤝 अब यूके के लोग देखेंगे कि सच्चाई कभी दबी नहीं रहती! अगर एक देश अपनी गलतियों को स्वीकार कर सकता है, तो दुनिया का हर देश कर सकता है!

Govind Ghilothia

इस घटना के संदर्भ में, यह नैतिक पुनर्मूल्यांकन एक अत्यंत महत्वपूर्ण घटना है। एक राष्ट्रीय स्वास्थ्य सेवा के लिए, जो जीवन की रक्षा के लिए स्थापित की गई है, यह विफलता एक अनिवार्य शिक्षा है - जिसे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अनुसरण किया जाना चाहिए।