PKL नीलामी 2024: पहले दिन बिके और अनबिके खिलाड़ियों की पूरी सूची

PKL नीलामी 2024: पहले दिन बिके और अनबिके खिलाड़ियों की पूरी सूची

PKL 2024 नीलामी का पहला दिन: महत्वपूर्ण सौदे और खिलाड़ी

प्रो कबड्डी लीग (PKL) सीजन 11 की नीलामी का आयोजन मुंबई में हुआ और पहले दिन ही कई बड़ी घटनाओं ने ध्यान आकर्षित किया। इस नीलामी में लगभग 500 खिलाड़ियों ने हिस्सा लिया, जिनमें से कुछ खिलाड़ी पिछले सीजन 10 के बाद टीमों द्वारा रिलीज किए गए थे और 24 खिलाड़ी खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स 2024 के फाइनलिस्ट थे।

सबसे महंगे खिलाड़ी

पहले दिन के सबसे महंगे खिलाड़ी सचिन तंवर रहे, जिन्हें तमिल थलाइवाज ने 2.15 करोड़ रुपये में खरीदा। सचिन के प्रदर्शन और उनकी कौशलता को देखते हुए उनकी इस मोटी रकम की बोली ने सभी को चौंका दिया। वहीं, गुड़गांव जायंट्स ने गुमान सिंह को 1.97 करोड़ रुपये में खरीदा।

अन्य महंगे सौदे

हरियाणा स्टीलर्स ने ईरानी डिफेंडर मोहम्मदरेजा शादलू चियानेह को 2.07 करोड़ रुपये में खरीदकर अपनी डिफेंस लाइन को मजबूती दी। पवन सहरावत के लिए तेलुगु टाइटन्स ने अंतिम बोली मिलान विकल्प का उपयोग कर 1.725 करोड़ रुपये खर्च किए और उन्हें टीम में वापस लाया। बंगाल वॉरियर्स ने ईरानी डिफेंडर फजल अत्राचली को 50 लाख रुपये में अपनी टीम में शामिल किया।

एक करोड़ रुपये से ऊपर की बोली पाने वाले खिलाड़ी

पहले दिन कुल आठ खिलाड़ियों ने 1 करोड़ रुपये से अधिक की बोली प्राप्त की, जिससे स्पष्ट हो गया कि लीग की प्रतिस्पर्धात्मकता और मूल्यांकन में वृद्धि हो रही है। इन खिलाड़ियों की उच्च बोली से न केवल उनकी व्यक्तिगत कदमों की पुष्टि होती है, बल्कि लीग की आर्थिक स्थिति और खिलाड़ियों की मांग भी दर्शाती है।

नीलामी प्रक्रिया और आयोजन

नीलामी का आयोजन दो दिनों में विभाजित किया गया है, और नीलामी का संचालन अनुभवी मालिका सागर ने किया, जिन्होंने पहले भी PKL और IPL नीलामियों का संचालन किया था। नीलामी चार प्रमुख श्रेणियों में विभाजित थी, जिसमें आधार मूल्य और भूमिका के आधार पर खिलाड़ियों को बाँटा गया: श्रेणी ए (30 लाख रुपये), श्रेणी बी (20 लाख रुपये), श्रेणी सी (13 लाख रुपये), और श्रेणी डी (9 लाख रुपये)।

नीलामी के पहले दिन की घटनाएं दर्शाती हैं कि कैसे फ्रेंचाइजी ज्यादा से ज्यादा प्रतिस्पर्धात्मक बढ़त पाने के लिए बड़ी रकम खर्च करने को तैयार हैं। प्रत्येक टीम के पास 18 से 25 खिलाड़ियों का दल हो सकता है, जिससे रणनीतिक चयन का महत्व और भी बढ़ जाता है।

पुनेरी पलटन: सबसे अधिक खिलाड़ियों का रिटेंशन

पुनरी पलटन, जो सीजन 10 के वर्तमान विजेता हैं, ने सबसे अधिक खिलाड़ियों को रिटेन किया। यह टीम की स्थिरता और उनके विजेता मौडल की निरंतरता को दर्शाता है।

नीलामी की प्रक्रिया और इसमें शामिल हर एक घटना को देखते हुए, यह स्पष्ट हो जाता है कि कैसे PKL नीलामी खिलाड़ियों की साख और टीमों की रणनीतियों को परिभाषित करती है। खिलाड़ियों के चयन में तेजी से बढ़ता प्रतिस्पर्धा स्तर और टीमें युवाओं में निवेश करती हैं, यह नीलामी को दर्शनीय बनाता है।

दूसरे दिन की उम्मीदें

पहले दिन की सफलता और प्रतियोगिता ने दूसरे दिन के लिए उम्मीदों को और बढ़ा दिया है। आने वाले दिन में किन खिलाड़ियों पर फ्रेंचाइजी की नजर होगी और कौन-कौन से नाम विरोधियों की टीम में नजर आएंगे, यह देखने योग्य होगा। खिलाड़ियों की शानदार प्रदर्शन और उनकी नीलामी में उच्च बोली दर्शाता है कि PKL का स्तर हर साल ऊंचा हो रहा है। खिलाड़ियों की गाथा और उनके संघर्षों की कहानियों ने इस खेल को और भी रोमांचक बना दिया है।

आने वाले समय में PKL का ये 11वां सीजन कबड्डी प्रेमियों के लिए रोमांचकारी साबित होगा। नीलामी की घटनाओं ने संकेत दिया है कि यह सीजन पहले से कहीं अधिक प्रतिस्पर्धात्मक और अद्वितीय रहने वाला है।

द्वारा लिखित Pari sebt

मैं एक समाचार विशेषज्ञ हूँ और मुझे भारत में दैनिक समाचार संबंधित विषयों पर लिखना पसंद है।

Sakshi Mishra

क्या आपने कभी सोचा है... कि ये सारे करोड़ों के खिलाड़ी, जो अब टीवी पर चमक रहे हैं, वो किसी गाँव के मिट्टी के मैदान से शुरू हुए थे? ये नीलामी न सिर्फ एक खेल है, बल्कि एक सामाजिक जागृति है। हर बोली में एक लड़के की मेहनत, हर रुपये में एक माँ की प्रार्थना, हर टीम के पीछे एक पूरा जिला। क्या हम इसे सिर्फ 'एंटरटेनमेंट' कहकर छोड़ देंगे?

Radhakrishna Buddha

अरे भाई ये सचिन तंवर को 2.15 करोड़? बस बस! अब तो खिलाड़ी बनने के लिए पहले एमबीए कर लेना चाहिए! जब तक तुम अपनी बोली के बाद वीडियो बनाकर टिकटॉक पर डाल दो, तब तक तुम्हारा नाम नहीं बढ़ेगा! ये PKL अब नीलामी नहीं, रियलिटी शो बन गया है। बस अब एक और टीम चाहिए - ‘क्लास ऑफ़ फेक्स’!

Govind Ghilothia

इस नीलामी के आयोजन के संदर्भ में, यह अत्यंत उल्लेखनीय है कि एक अनुभवी मालिका सागर द्वारा संचालित यह प्रक्रिया, भारतीय खेल प्रशासन के लिए एक निर्णायक निदर्शन है। श्रेणी आधारित विभाजन और रणनीतिक रिटेंशन की अवधारणा, जिसमें पुनेरी पलटन ने उत्कृष्ट उदाहरण प्रस्तुत किया है, यह एक ऐसी व्यवस्था है जो दीर्घकालिक स्थिरता और व्यावसायिक विकास के लिए आवश्यक है। यह खेल की गुणवत्ता को बनाए रखने का एक विवेकपूर्ण उपाय है।

Sukanta Baidya

2.15 करोड़ बस एक खिलाड़ी के लिए? यार ये लोग तो अपनी बाइक के लिए भी लोन लेते हैं। अब तो कबड्डी खेलने के लिए भी बैंक लोन लगेगा। ये टीमें अब अपने खिलाड़ियों को फोर्ड कार की तरह खरीद रही हैं - बिना टेस्ट ड्राइव के! असली टैलेंट तो वो है जो 50 लाख में खरीदा गया, न कि जिसे लगातार 20 बार बोली लगाई गई।

Adrija Mohakul

फजल अत्राचली को 50 लाख में खरीदना बहुत स्मार्ट था... वो तो रातोंरात बदल सकता है मैच का रुख। इन ईरानी डिफेंडर्स का अंदाज़ ही कुछ और है, बस उनकी बॉडी लैंग्वेज देखो, अंदर से ही डर जाते हैं ऑपोजिशन। ये टीमें अब बस नाम नहीं, बल्कि फिजिक्स और फिलॉसफी भी खरीद रही हैं।