रविचंद्रन अश्विन ने भारत बनाम बांग्लादेश प्रथम टेस्ट में एमएस धोनी के रिकॉर्ड की बराबरी की

रविचंद्रन अश्विन ने भारत बनाम बांग्लादेश प्रथम टेस्ट में एमएस धोनी के रिकॉर्ड की बराबरी की

रविचंद्रन अश्विन ने एमएस धोनी के रिकॉर्ड की बराबरी की

चेन्नई के महान क्रिकेटरों में शुमार रविचंद्रन अश्विन ने भारत और बांग्लादेश के बीच पहले टेस्ट मैच में अपनी बेहतरीन बल्लेबाजी से एमएस धोनी के एक महत्वपूर्ण रिकॉर्ड की बराबरी कर ली है। अश्विन ने नई उपलब्धि हासिल करते हुए अपने करियर का छठा टेस्ट शतक जमाने का ही नहीं बल्कि भारतीय टीम को मुश्किल परिस्थितियों से उबारने का काम भी किया। इस उत्कृष्ट प्रदर्शन ने न सिर्फ उनकी बल्लेबाजी की काबिलियत को साबित किया, बल्कि उन्हें एक और रिकॉर्ड की बराबरी करने का मौका भी दिया।

पहले दिन की चुनौतियाँ और अश्विन की महत्वता

पहले दिन का खेल भारतीय टीम के लिए चुनौतीपूर्ण रहा। मैच की शुरुआत में ही बांग्लादेश के तेज गेंदबाज हसन महमूद ने भारतीय टीम पर दबाव बनाते हुए कप्तान रोहित शर्मा, शुभमन गिल, और विराट कोहली के महत्वपूर्ण विकेट चटका दिए। भारतीय टीम शुरुआती धक्कों से उबरने के प्रयास में थी, और यही वो समय था जब अश्विन ने अपनी योग्यता का प्रदर्शन किया।

अश्विन ने संयम और धैर्य से बल्लेबाजी करते हुए भारतीय टीम का ध्वज ऊँचा रखा। उन्होंने खेले गए हर बॉल की सही परख की और राशिद की लाइन एवं लेंथ का सामना करते हुए संयम का परिचय दिया। उनकी बल्लेबाजी ने भारतीय टीम को न केवल स्थिरता दी बल्कि इस टेस्ट मैच में एक मजबूत प्रदर्शन की नींव भी रखी।

चेन्नई के एमए चिदंबरम स्टेडियम में अश्विन का दमदार प्रदर्शन

यह टेस्ट मैच चेन्नई के एमए चिदंबरम स्टेडियम में खेला गया, जहाँ अश्विन का प्रदर्शन निर्णायक सिद्ध हुआ। घरेलू मैदान पर खेलते हुए उन्होंने अपनी पूर्णता साबित की। अपने छठे टेस्ट शतक की बदौलत अश्विन ने क्रिकेट के कद्रदानों के दिलों में अपनी जगह और भी मजबूत की।

अश्विन की पारी की एक और खास बात थी उनका ठोस आत्मविश्वास। उन्होंने बाउंसर और स्विंग को अच्छे से हैंडल किया। अश्विन ने स्पष्ट किया कि वे सिर्फ एक बेहतरीन गेंदबाज ही नहीं, बल्कि मजबूत बल्लेबाज भी हैं।

अश्विन की इस उपलब्धि का महत्त्व

अश्विन का यह शतक भारतीय क्रिकेट इतिहास में एक और स्वर्णिम पन्ना जोड़ता है। एमएस धोनी ने जिस प्रकार से कप्तानी करते हुए नए कीर्तिमान रचाए हैं, अब अश्विन भी अपने सिरमौर प्रदर्शन से उसी दिशा में आगे बढ़ रहे हैं।

अश्विन की यह पारी हर भारतीय क्रिकेट प्रेमी के लिए गर्व और खुशी का कारण बनी है। उनकी इस उपलब्धि ने भारत बांग्लादेश टेस्ट मैच को एक महत्त्वपूर्ण माईलस्टोन बना दिया है। मैच के शुरुआत में जहाँ भारतीय टीम दबाव में दिख रही थी, वहीं अश्विन के इस शानदार प्रदर्शन ने उसे मजबूती से उभारा।

अश्विन की बल्लेबाजी की तारीफ

अश्विन की बल्लेबाजी की भारतीय क्रिकेट जगत में सभी ने जमकर तारीफ की। उनके इस प्रदर्शन ने यह सिद्ध कर दिया कि वह केवल एक बेहतरीन गेंदबाज ही नहीं, बल्क२२ि एक मजबूत और धैर्यवान बल्लेबाज भी हैं।

उपरांत बनाए गए इस शतक के साथ, अश्विन ने एक उदाहरण पेश किया है कि कैसे विपरीत परिस्थितियों में भी संयम और धैर्य से खेलते हुए टीम को मुसीबत से बाहर निकाला जा सकता है।

भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) ने भी अश्विन की इस उपलब्धि की सराहना करते हुए कहा की ये शतक भारतीय क्रिकेट के लिए एक मील का पत्थर साबित होगा। साथ ही विशेषज्ञों ने भी अश्विन की इस उपलब्धि को आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणास्त्रोत बताया।

निष्कर्ष

निष्कर्ष

अश्विन द्वारा बनाया गया यह शतक न केवल उनके करियर के लिए महत्वपूर्ण है बल्कि पूरी भारतीय टीम के लिए भी गर्व की बात है। उनके इस प्रदर्शन से यह साफ हो गया कि टीम इंडिया के पास न केवल मजबूत गेंदबाज बल्कि सक्षम और संजीदा बल्लेबाज भी हैं।

इस उपलब्धि ने एक बार फिर साबित कर दिया कि भारतीय क्रिकेट में अभी भी टैलेंट कि कोई कमी नहीं है। आने वाले मैचों में भी अश्विन से इसी प्रकार के और बेहतरीन प्रदर्शन की उम्मीद की जा सकती है।

सित॰ 19, 2024 द्वारा Pari sebt

द्वारा लिखित Pari sebt

मैं एक समाचार विशेषज्ञ हूँ और मुझे भारत में दैनिक समाचार संबंधित विषयों पर लिखना पसंद है।

Krishnan Kannan

अश्विन की ये पारी देखकर लगा जैसे धोनी वापस आ गए हों। बल्ले से नहीं, दिमाग से खेल रहे थे। हर बॉल का इंतजार करके, हर गेंद को समझकर बल्लेबाजी की। ऐसे खिलाड़ी ही टीम इंडिया को बचाते हैं।

Akshay Patel

अब तो सिर्फ बल्लेबाजी करने वाले ही हीरो बनते हैं। गेंदबाज को जब शतक लगता है तो लोग भूल जाते हैं कि वो ऑलराउंडर है। अश्विन को तो दुनिया भर में जाना जाता है, लेकिन यहां फिर भी उसकी बल्लेबाजी को छोटा समझा जाता है।

Raveena Elizabeth Ravindran

yrr ye sab kya likha hua hai...shatak toh bhi bana lete the lekin kya zaroorat thi iski? dhoni ke record ke saath compare karna bhi overkill hain.

utkarsh shukla

Bhaiyya ye kya ho gaya?! Ashwin ne dhoni ko equal kar diya?! Yeh toh sirf ek innings nahi, ek legend ka naya chapter hai! India ki zameen pe, Chennai ke stadium mein, aur phir bhi yeh performance?! Yeh toh movie scene hai!

Amit Kashyap

Dhoni ke baad aisa koi nahi bana, lekin Ashwin ne sab kuch badal diya. India ke liye kabhi bhi koi bhi player sirf bowler nahi hota, wo ek warrior hota hai. Yeh shatak sirf runs nahi, desh ki izzat hai.

mala Syari

Chennai ka pitch aur Ashwin ka batting style... yeh toh perfect match hai. Lekin kya hum yeh bhi bhool gaye ki Dhoni ne captaincy mein bhi record banaya tha? Yeh sirf batting ka comparison karna thoda superficial lagta hai.

Kishore Pandey

शतक का रिकॉर्ड बराबर करना एक उपलब्धि है, लेकिन इसके पीछे का विश्लेषण नहीं किया जा रहा। अश्विन ने बांग्लादेश के तेज गेंदबाजों के खिलाफ 120 गेंदों में यह शतक बनाया, जिसमें केवल 4 चौके और 1 छक्का था। यह धैर्य की बात है, न कि बल्लेबाजी की शक्ति की।

Kamal Gulati

जब तक आप नहीं जानते कि एक गेंदबाज के लिए बल्लेबाजी करना कितना कठिन होता है, तब तक आप इस शतक की कीमत नहीं समझ पाएंगे। अश्विन ने अपने शरीर को दर्द देकर, अपने मन को दबाकर यह किया। ये बल्लेबाजी नहीं, एक आत्मसमर्पण है।

Atanu Pan

कभी-कभी ऐसे प्रदर्शन देखने को मिलते हैं जिन्हें शब्दों में नहीं, दिल से समझा जा सकता है। अश्विन ने बस खेल दिया। कोई बात नहीं, कोई चिल्लाहट नहीं। बस बल्ला उठाया और गेंद का इंतजार किया।

Pankaj Sarin

ashwin ne dhoni ko equal kiya? bhai ye toh dhoni se zyada hain na... dhoni toh bas captain the lekin ashwin toh captain bhi hai bowler bhi hai batter bhi hai... ye toh ek full package hai

Mahesh Chavda

क्या आपने कभी सोचा है कि अगर अश्विन ने यह शतक नहीं बनाया होता, तो भारत का स्कोर क्या होता? एक बल्लेबाज की जगह दो विकेट गिर गए होते। इसलिए यह शतक बचाव का शतक है, न कि बस रन बनाने का।

Sakshi Mishra

क्या हम भूल गए हैं कि धोनी ने भी अपने अंतिम टेस्ट में एक शतक बनाया था? और उस शतक के बाद उन्होंने खेलना छोड़ दिया था। क्या अश्विन का यह शतक भी एक अंतिम उत्सव है? या फिर यह एक नए युग की शुरुआत है?

Dev Toll

मैंने देखा, बस देखा। अश्विन ने जैसे धोनी के आत्मा को बल्ले से जीवित कर दिया। बिना शोर के, बिना नाचे के, बस एक बल्ला और एक दिमाग। इसलिए वो असली लीजेंड हैं।

Radhakrishna Buddha

अश्विन को तो लगता है जैसे वो हर बार नया इतिहास लिख रहा है। लेकिन ये सब तो धोनी के बाद ही संभव हुआ। अगर धोनी ने नहीं बनाया होता तो अश्विन का ये शतक भी किसी को नहीं दिखता। धोनी ने रास्ता दिखाया, अश्विन ने उसे आगे बढ़ाया।

Govind Ghilothia

इस शतक का महत्व भारतीय संस्कृति में अपनी जगह रखता है। एक ऐसा खिलाड़ी जो अपनी विशेषता को अपने अंदर छिपाए हुए है, और जब जरूरत पड़ी तो उसने अपने आप को पूरी तरह उजागर कर दिया। यह विनम्रता और शक्ति का अद्भुत मिश्रण है।

Sukanta Baidya

ye sab toh bas media ki baat hai... ashwin ka batting toh hamesha se accha tha, lekin log sirf jab kisi record ke saath compare karte hain tab hi notice karte hain. normal hai yeh sab.

Adrija Mohakul

maine dekha ki ashwin ne 120+ balls khela aur sirf 2 dot balls diye... ye kaise possible hai? maine apne papa se pucha, unhone kaha ki yeh sirf ek bowler ki nahi, ek scientist ki batting hai. har ball ka physics samajh kar khel raha hai.

Dhananjay Khodankar

कभी-कभी लोग ये भूल जाते हैं कि टेस्ट क्रिकेट में एक शतक बनाना नहीं, एक शतक बनाकर टीम को बचाना होता है। अश्विन ने बस वही किया। अगर यह एक टीम है, तो अश्विन उसका दिल है।

shyam majji

शतक। बस।