पावेल ड्यूरॉव: टेलीग्राम के पीछे की कहानी

अगर आप कभी चैट ऐप का इस्तेमाल करते हैं तो पावेल ड्यूरॉव नाम आपके कानों पर आ चुका होगा। वो रूसी प्रोग्रामर और उद्यमी है, जिसने 2013 में टेलीग्राम लॉन्च किया। शुरुआती दिनों में इसे सिर्फ़ एक तेज़ मैसेजिंग टूल माना जाता था, लेकिन आज ये गोपनीयता और फ्रीसॉफ़्टवेयर का प्रतीक बन चुका है।

ड्यूरॉव का सफर: रूसी कोडर्स से विश्वव्यापी स्टार तक

ड्यूरॉव ने सेंट पीटरज़बर्ग में कंप्यूटर विज्ञान पढ़ा और बाद में VK.com (रूसी फेसबुक) की सह-स्थापना की। VK पर काम करते समय उसे विज्ञापन और डेटा बेचने की सीमाओं का एहसास हुआ, इसलिए उसने एक अलग रास्ता चुना – यूज़र्स की प्राइवेसी को सबसे ऊपर रखना। यही सोच ने टेलीग्राम को जन्म दिया।

टेलीग्राम के दो मुख्य फीचर हैं: क्लाउड‑बेस्ड स्टोरेज और एंड‑ टू‑एंड एन्क्रिप्शन. ये दोनों चीज़ें यूज़र को बिना किसी विज्ञापन या डेटा ट्रैकिंग के संदेश भेजने की सुविधा देती हैं। इस कारण से ड्यूरॉव का नाम प्राइवेसी प्रेमियों की लिस्ट में हमेशा ऊपर रहता है.

टेलीग्राम और भारत: क्यों बन गया पसंदीदा ऐप?

भारत में टेलीग्राम को खास पसंद इसलिए किया जाता है क्योंकि यहाँ के यूज़र अक्सर बड़ी ग्रुप चैट, चैनल्स और फाइल शेयरिंग की जरूरत रखते हैं। एक ही समूह में 200,000 तक सदस्य हो सकते हैं – यही बात व्हाट्सएप नहीं कर पाता। इसके अलावा, भारत में कई पत्रकार, एक्टिविस्ट और छोटे व्यवसाय टेलीग्राम का इस्तेमाल बिना सेंसर्ड कंटेंट के संवाद करने के लिये करते हैं.

ड्यूरॉव ने भारत की जरूरतों को समझते हुए ऐप में लोकल फ़ीचर जैसे कि भारतीय भाषाओं का सपोर्ट जोड़ा। आज आप हिंदी, तमिल या गुजराती में भी संदेश भेज सकते हैं और वही एन्क्रिप्शन बना रहता है. यह भरोसा बनाता है कि आपका डेटा कहीं नहीं जता.

टेलीग्राम की लोकप्रियता ने कुछ चुनौतियां भी लाईं – सरकार को कभी‑कभी कंटेंट मॉडरेशन के मुद्दे पर सवाल उठते हैं। लेकिन ड्यूरॉव का कहना है, "स्वतंत्र संवाद ही सच्ची लोकतांत्रिक प्रक्रिया है" और वह इस सिद्धांत पर कायम रहता है.

अगर आप अभी तक टेलीग्राम नहीं इस्तेमाल करते तो एक बार आज़माएँ। बस ऐप डाउनलोड करें, अपनी भाषा सेट करें और देखिए कैसे बड़े ग्रुप में भी मैसेज तेज़ी से पहुँचते हैं. याद रखिए, ड्यूरॉव ने इसे इस तरह बनाया है कि आपका डेटा आपके हाथ में ही रहे.

समाप्ति में कहा जा सकता है कि पावेल ड्यूरॉव ने टेक्नोलॉजी को एक नया दिशा दिया – जहाँ प्राइवेसी और फ्रीडम दोनों साथ चलते हैं. भारत में उसके इस विचार की गूँज सुनने लायक है, चाहे आप छात्र हों, पेशेवर या सिर्फ़ चैट के शौकीन.

फ्रांस के हवाई अड्डे पर टेलीग्राम के सीईओ पावेल ड्यूरॉव गिरफ्तार

फ्रांस के हवाई अड्डे पर टेलीग्राम के सीईओ पावेल ड्यूरॉव गिरफ्तार

टेलीग्राम के संस्थापक और सीईओ पावेल ड्यूरॉव को शनिवार शाम पेरिस के पास ले बुर्जेट हवाई अड्डे पर फ्रांसीसी अधिकारियों ने गिरफ्तार कर लिया। उन पर टेलीग्राम के उपयोग से जुड़े अपराधों का आरोप है। ड्यूरॉव की गिरफ्तारी के पीछे अपराध की रोकथाम के लिए एक फ्रांसीसी एजेंसी का हाथ है।

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