हैरी केन का ट्रॉफी का इंतजार यूरो 2024 में इंग्लैंड की हार के बाद जारी

हैरी केन का ट्रॉफी का इंतजार यूरो 2024 में इंग्लैंड की हार के बाद जारी

इंग्लैंड की हार और केन के सपनों का टूटना

इंग्लैंड के स्टार स्ट्राइकर हैरी केन का अंतरराष्ट्रीय फुटबॉल में ट्रॉफी जीतने का सपना एक बार फिर टूट गया जब यूरो 2024 के फाइनल में उनकी टीम को स्पेन के हाथों 2-1 की हार का सामना करना पड़ा। इस हार ने केवल इंग्लैंड टीम के प्रशंसकों को ही नहीं, बल्कि खुद केन को भी गहरा आघात पहुंचाया। मैच के बाद केन काफी परेशान और निराश नजर आए।

यूरो 2024 में केन का प्रदर्शन उत्कृष्ट रहा। उन्होंने पूरे टूर्नामेंट में तीन गोल किए और गोल्डन बूट का भी हिस्सा बने। इसके बावजूद, फाइनल के मैच में उनका प्रदर्शन निराशाजनक रहा जिसमें उन्होंने केवल 13 बार ही बॉल को छुआ।

बायर्न म्यूनिख में केन का प्रभावशाली प्रदर्शन

हैरी केन वर्तमान में बायर्न म्यूनिख के लिए खेल रहे हैं और वहां उनका शानदार प्रदर्शन जारी है। उन्होंने 45 मैचों में 44 गोल दागे हैं, जो एक बेमिसाल उपलब्धि मानी जा रही है। इसके बावजूद, इंग्लैंड के लिए ट्रॉफी जीतने का उनका सपना अब तक अधूरा है।

इंग्लैंड टीम का सफर

इंग्लैंड टीम का सफर

यूरो 2024 के फाइनल तक पहुंचने के लिए इंग्लैंड टीम ने कई कठिनाइयों का सामना किया। नॉकआउट स्टेज में इंग्लैंड ने कई बार रैली की और अंतिम समय में गोल करके जीत दर्ज की। इस सफर को देखकर प्रशंसक और विशेषज्ञ दोनों ही उत्साहित थे, लेकिन फाइनल की हार ने उनकी उम्मीदों पर पानी फेर दिया।

केन का भविष्य और सवाल

इस हार ने केन के अंतरराष्ट्रीय भविष्य पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं। वह अब 33 साल के होने वाले हैं और उनका करियर एक अहम मोड़ पर है। इंग्लैंड के कोच गैरेथ साउथगेट ने भी केन की पोजीशन पर पुनर्विचार करने की बात कही है। हालांकि, केन ने 2018 के विश्व कप से इंग्लैंड की कप्तानी की है और इस दौरान टीम को कई महत्वपूर्ण मैचों में जीत दिलाई है, लेकिन ट्रॉफी जीतने में अभी भी नाकाम रहे हैं।

कप्तानी और नेतृत्व कौशल

कप्तानी और नेतृत्व कौशल

हैरी केन की कप्तानी और मैदान पर नेतृत्व कौशल की तारीफ हर ओर होती है। उन्होंने इंग्लैंड टीम को कई बड़े टूर्नामेंट के फाइनल तक पहुंचाया है। केन का हमेशा से ही यह सपना रहा है कि वे अपनी टीम को ट्रॉफी दिलाएं, लेकिन हर बार उनके इस सपने को झटका लगता है।

अंतरराष्ट्रीय फुटबॉल में धरोहर

केन का इंग्लैंड के लिए योगदान बहुत महत्वपूर्ण रहा है। उन्होंने न केवल अपने गोल्स के माध्यम से बल्कि अपनी नेतृत्व क्षमता से भी टीम को मजबूती दी है। उनकी धरोहर अंतरराष्ट्रीय फुटबॉल में स्थायी रूप से जुड़ी रहेगी, भले ही वे ट्रॉफी न जीत पाएं।

अब यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि केन अपने करियर के इस मोड़ पर क्या निर्णय लेते हैं। क्या वे इंग्लैंड के लिए खेलना जारी रखेंगे या किसी और विकल्प की तलाश करेंगे? आने वाले समय में उनके इस फैसले पर सभी की नजरें टिकी रहेंगी।

द्वारा लिखित Pari sebt

मैं एक समाचार विशेषज्ञ हूँ और मुझे भारत में दैनिक समाचार संबंधित विषयों पर लिखना पसंद है।

Radhakrishna Buddha

ये ट्रॉफी नहीं मिली तो क्या हुआ? केन तो अभी तक दुनिया के सबसे साफ फुटबॉलर हैं। बायर्न में 44 गोल? ये तो लीग ऑफ लीजेंड्स का रिकॉर्ड है।

Sakshi Mishra

क्या आपने कभी सोचा है... कि क्या ट्रॉफी ही असली उपलब्धि है? या फिर वो लगातार उठते हुए, गिरते हुए, फिर भी मैदान पर आने का साहस... वो असली जीत है?

Ritu Patel

केन की टीम बस फाइनल तक पहुंच गई थी बस! अगर वो ट्रॉफी जीत गए होते तो आज तक दुनिया भर में उनकी मूर्तियां बन रही होतीं।

shyam majji

हर बार फाइनल में हार... ये नियति है या फिर टीम का फॉर्मूला ही गलत है?

shruti raj

ये सब इंग्लैंड के लिए एक बड़ा जाल है... जो लोग बाहर रहते हैं वो तो ट्रॉफी चाहते हैं... पर अंदर वाले जानते हैं... ये सब सिर्फ एक बड़ा धोखा है 😔

Dhananjay Khodankar

मैं तो सोचता हूँ... अगर केन ने बायर्न में इतना किया तो इंग्लैंड के लिए भी अब बदलाव चाहिए। ट्रॉफी का इंतजार तो रुक जाए... लेकिन टीम का रिस्ट्रक्चरिंग शुरू हो जाए।

Khagesh Kumar

केन के लिए ट्रॉफी नहीं मिली तो भी वो एक बड़े खिलाड़ी हैं। गोल्डन बूट और बायर्न में 44 गोल... ये कोई छोटी बात नहीं।

Mahesh Chavda

केन की टीम की रणनीति बेकार है ये बात तो सब जानते हैं अब फिर भी उन्हें कप्तान रखा जा रहा है ये तो बेवकूफी है

Adrija Mohakul

मैंने देखा है केन का खेल... वो हमेशा टीम के लिए खेलते हैं... न कि अपने लिए... ये बात किसी को नहीं लगती लेकिन मैं जानती हूँ।

Gopal Mishra

हैरी केन के लिए ट्रॉफी जीतना अभी भी संभव है। उनका अनुभव, उनकी लगन, उनकी नेतृत्व क्षमता - ये सब अभी खत्म नहीं हुआ। अगर टीम को नया फॉर्मेट दिया जाए तो वो अभी भी बड़ा बदलाव ला सकते हैं।

Rajesh Sahu

इंग्लैंड को बस अपने खिलाड़ियों पर भरोसा करना है! केन को बाहर निकालने की बात कर रहे हो तो अपने बच्चों को भी बाहर निकाल दो! ये टीम अभी भी जीतने के लायक है!

Sukanta Baidya

केन ने तो बायर्न में ऐसा किया जैसे बायर्न उसकी अपनी टीम हो। इंग्लैंड तो बस एक बोझ है जिसे वो घुमा रहा है।

Chandu p

केन के लिए ये ट्रॉफी नहीं आई तो भी उनका नाम इतिहास में दर्ज हो जाएगा। अगर आपको लगता है कि ट्रॉफी ही सब कुछ है... तो आप फुटबॉल नहीं जानते।

Swami Saishiva

केन के लिए ट्रॉफी नहीं मिली... तो अब उसे बस जाने दो। इंग्लैंड के लिए अब नए लोगों को जगह दो। ये लोग तो बस अपनी गर्दन लटका रहे हैं।

Govind Ghilothia

हैरी केन का नेतृत्व अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एक नमूना है। उन्होंने टीम को न केवल गोल्स दिए, बल्कि उन्होंने उन्हें विश्वास भी दिया। ट्रॉफी एक वस्तु है... लेकिन प्रेरणा अमर है।

Deepak Singh

केन की फिटनेस... उनकी ताकत... उनका अनुभव... ये सब अभी भी बहुत अच्छा है... लेकिन इंग्लैंड के कोच का दिमाग बंद है... ये तो अंतिम विफलता है...