IPL 2025 में मिचेल स्टार्क का बाहर होना: दिल्ली कैपिटल्स की प्लेऑफ उम्मीदों पर संकट

IPL 2025 में मिचेल स्टार्क का बाहर होना: दिल्ली कैपिटल्स की प्लेऑफ उम्मीदों पर संकट

मिचेल स्टार्क की गैरमौजूदगी: दिल्ली कैपिटल्स की मुश्किलें बढ़ीं

ऑस्ट्रेलियाई दिग्गज मिचेल स्टार्क ने IPL 2025 के बचे हुए सीजन से अचानक नाम वापस ले लिया है। उनका यह फैसला दिल्ली कैपिटल्स के लिए किसी बुरी खबर से कम नहीं, क्योंकि वह इस सीजन में टीम के सबसे प्रभावशाली गेंदबाज रहे हैं। 11 मैचों में उन्होंने 14 विकेट चटकाए, जिसमें एक पांच विकेट हॉल भी शामिल रहा। इस तेजतर्रार गेंदबाज की वापसी को लेकर फैंस से लेकर टीम मैनेजमेंट तक सबकी उम्मीदें थी, लेकिन विश्व टेस्ट चैंपियनशिप (WTC) फाइनल की तैयारी और हालिया सुरक्षा चिंताओं ने उनकी प्राथमिकता बदल दी।

स्टार्क का जाना ऐसे समय हुआ, जब दिल्ली कैपिटल्स अंक तालिका में पांचवें स्थान पर थी और प्लेऑफ की होड़ बेहद कड़ी है। उनका बाहर होना गेंदबाजी यूनिट की धार को कमजोर कर देता है। IPL में विदेशी खिलाड़ियों की भूमिका अक्सर निर्णायक होती है, खासकर जब वह अपने प्रदर्शन से टीम को प्लेऑफ की फोटो-फिनिश तक लेकर जाते हैं।

सुरक्षा और शेड्यूलिंग विवाद: खिलाड़ियों के लिए दोराहा

IPL 2025 का सफर इस बार आसान नहीं रहा। भारत-पाक सीमा पर तनाव, जम्मू में धमाकों की खबरें और धर्मशाला में DC का मैच कैंसिल होना—इन सब कारणों ने खिलाड़ियों और उनकी सुरक्षा को लेकर बड़ी चिंता उठा दी है। मिचेल स्टार्क के अलावा ऑस्ट्रेलिया के अन्य खिलाड़ी जैसे जोश हेजलवुड (चोट के कारण), पैट कमिंस, ट्रेविस हेड भी इसी ऊहापोह में हैं कि IPL खेलें या अपने देश के लिए बड़ा टूर्नामेंट चुनें। दक्षिण अफ्रीका क्रिकेट बोर्ड ने भी अपने खिलाड़ियों के NOC की सीमा 25 मई तक तय कर दी है, जिससे दिल्ली कैपिटल्स जैसी टीमों की रणनीति पर बड़ा असर पड़ रहा है।

दिल्ली के लिए स्टार्क का ये फैसला फाइनेंशियली भी भारी है। अगर टीम प्लेऑफ में जाती है तो स्टार्क के करीब ₹3.92 करोड़ का प्रोराटा पेमेंट भी खतरे में है। वैसे भी, IPL के मौजूदा तनावदायक माहौल में किसी विदेशी खिलाड़ी के लिए जोखिम लेना सामान्य बात नहीं है। फैंस का रिएक्शन भी बंटा हुआ है—कई लोग इसे स्टार्क की जिम्मेदारी से भागना मान रहे हैं, तो कुछ उनका समर्थन करते दिख रहे हैं, खासकर सुरक्षा और शेड्यूलिंग को लेकर।

यही हाल दूसरी फ्रेंचाइजी के लिए भी है, जो अपने स्टार विदेशी खिलाड़ियों को बरकरार रखने के लिए जद्दोजहद कर रही हैं। IPL और इंटरनेशनल क्रिकेट के बीच बढ़ती टकराव की लाइनें, खिलाड़ियों की प्राथमिकता और सुरक्षित माहौल की चाहत—ये सब मिलकर 2025 के IPL को अब तक के सबसे चुनौतीपूर्ण सीजन में बदल रहे हैं।

द्वारा लिखित Pari sebt

मैं एक समाचार विशेषज्ञ हूँ और मुझे भारत में दैनिक समाचार संबंधित विषयों पर लिखना पसंद है।

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Sukanta Baidya

ये स्टार्क वाला फैसला तो बस एक बड़ा बेवकूफी है। IPL में 3.92 करोड़ का पैसा छोड़कर WTC के लिए जा रहा है? भारत में जो खेल दुनिया का सबसे बड़ा बिजनेस है, उसकी टीम के लिए छोड़ देना तो बस एक निर्लज्जता है। ऑस्ट्रेलिया के खिलाड़ी अब भारत को बस एक पैसा बनाने का जायजा बना रहे हैं।

Adrija Mohakul

समझ तो आता है कि सुरक्षा का ख्याल रखना जरूरी है... पर दिल्ली के लिए ये बहुत बड़ा झटका है। स्टार्क के बिना बाकी गेंदबाज़ अकेले नहीं लड़ पाएंगे। लेकिन खिलाड़ी को भी अपनी जिंदगी पर फैसला लेने का हक है।

Dhananjay Khodankar

दोनों तरफ से समझदारी चाहिए। IPL बड़ा है, लेकिन WTC भी नहीं छोड़ना चाहिए। खिलाड़ी अपनी प्राथमिकता बता सकते हैं, टीमें भी बैकअप प्लान बना सकती हैं। अब तो हर टीम के पास एक या दो ऐसे खिलाड़ी होते हैं जो अचानक चले जाते हैं। बस इतना तैयार रहो कि अगला आदमी भी खेल दे।

shyam majji

स्टार्क ने जाना तो ठीक है लेकिन दिल्ली के लिए ये बहुत बड़ी बात है।

shruti raj

ये सब एक बड़ा कॉन्सपिरेसी है! 😱 IPL के लिए खिलाड़ियों को दबाव डाला जा रहा है, और ऑस्ट्रेलिया के बोर्ड ने उन्हें धमकी दी है कि अगर तुम IPL खेलोगे तो टेस्ट में नहीं खेल पाओगे! ये खिलाड़ियों की जिंदगी नहीं, बस पैसे की लड़ाई है! 🤡

Khagesh Kumar

स्टार्क के जाने से टीम को नुकसान हुआ है, लेकिन उसकी सुरक्षा और अपने देश के लिए खेलने का फैसला समझ में आता है। अगर हम खिलाड़ियों को इंसान नहीं मानेंगे तो फिर IPL का क्या मतलब?

Ritu Patel

ये सब तो बस एक बड़ा धोखा है। ऑस्ट्रेलिया के खिलाड़ी भारत के पैसे लेकर जा रहे हैं और फिर अपने देश के लिए खेलने का बहाना बना रहे हैं। ये टीमें भी तो इन्हें रोक नहीं पा रहीं। क्या हम बस इतने निर्बल हो गए हैं?

Deepak Singh

मुझे लगता है कि इस स्थिति में, एक स्पष्ट और संरचित नीति की आवश्यकता है: एक ऐसी नीति जो अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट और आईपीएल के बीच समय-सारणी के टकराव को सुलझाए, और खिलाड़ियों की सुरक्षा के लिए एक निरंतर निगरानी तंत्र बनाए-इसके बिना, ऐसी अनिश्चितताएं बार-बार दोहराई जाएंगी।

Rajesh Sahu

ये ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ी भारत को बस अपना बैंक बना रहे हैं! जब हमारे खिलाड़ी ऑस्ट्रेलिया में खेलते हैं तो वहां के बोर्ड उन्हें रोक देते हैं! ये द्वैतवाद क्या है? भारत को अपने खिलाड़ियों को भी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बढ़ाना होगा, न कि बाहरी लोगों पर निर्भर रहना!