दरभंगा में एम्स की आधारशिला रखेंगे प्रधानमंत्री मोदी: बिहार में स्वास्थ्य सेवा का नया अध्याय शुरू

दरभंगा में एम्स की आधारशिला रखेंगे प्रधानमंत्री मोदी: बिहार में स्वास्थ्य सेवा का नया अध्याय शुरू

दरभंगा में एम्स: बिहार के स्वास्थ्य अवसंरचना का आगे बढ़ना

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 13 नवंबर, 2024 को दरभंगा एम्स की आधारशिला रखने जा रहे हैं, जो बिहार के स्वास्थ्य क्षेत्र में एक महत्त्वपूर्ण मील का पत्थर साबित होगी। दरभंगा के विधायक संजय सराओगी ने घोषणा की है कि प्रधानमंत्री स्वयं इस अवसर पर उपस्थित रहेंगे। यह परियोजना न केवल दरभंगा के लिए बल्कि पुरे बिहार के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। दरभंगा एम्स के स्थापना के साथ, क्षेत्र की स्वास्थ्य सेवाओं में क्रांतिकारी बदलाव की उम्मीद है। जिन क्षेत्रों में चिकित्सा की विशेषताएं या विशेष उपचार का आभाव था, वहां अब यह सुविधा स्थानीय स्तर पर उपलब्ध हो सकेगी।

स्वास्थ्य सेवा में बदलाव की उम्मीद

दरभंगा में एम्स की स्थापना से वहां के स्थानीय निवासियों को चिकित्सा सेवा के लिए दूसरे शहरों या राज्यों की ओर नहीं भागना पड़ेगा। बिहार जैसे राज्य में, जहां सुपोषण और चिकित्सा सेवा की समस्याएँ लाखों लोगों को प्रतिदिन प्रभावित करती हैं, दरभंगा एम्स एक नई आशा की किरण बनकर उभर सकता है। सरकार का ध्येय है कि बिहार में स्वास्थ्य सेवाओं को आत्मनिर्भर और सुगम बनाया जाए, जिसके तहत उच्च गुणवत्ता वाली चिकित्सा सुविधाएं लोगों तक पहुँचाई जा सकें। यह एम्स, या अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान, उच्चतम चिकित्सा शिक्षा के साथ-साथ रोग निदान और शोध में भी अग्रसर होंगे।

स्थानीय अर्थव्यवस्था पर सकारात्मक प्रभाव

स्वास्थ्य सेवा में सुधार के अलावा, इस परियोजना से दरभंगा की स्थानीय अर्थव्यवस्था पर भी सकारात्मक असर पड़ेगा। एम्स की निर्माण प्रक्रिया से स्थानीय रोजगार में वृद्धि होगी, और जो लोग प्रशिक्षण या पढ़ाई के लिए बिहार से बाहर जाते थे, उन्हें नजदीक ही अच्छे विकल्प मिल सकेंगे। इसके साथ ही भविष्य में चिकित्सा शिक्षा की मांग के अनुसार संस्थान को विस्तारित किया जा सकता है, जिससे राज्य में कुशल चिकित्सकों की संख्या बढ़ेगी।

इसके आलावा, इस अस्पताल के चलते स्थानीय कंपनियों, छोटे व्यावसायियों, और सेवा प्रदाताओं के लिए भी नए अवसर खुल सकते हैं। आर्थिक गतिविधियों का विस्तार होगा जिससे क्षेत्र की आर्थिक स्थिति मजबूत होगी।

अंतरराष्ट्रीय स्तर की सुविधाओं की ओर बढ़ता कदम

एम्स अपने आप में चिकित्सा के क्षेत्र में प्रतिष्ठा और गुणवत्ता के प्रतीक होते हैं। दरभंगा एम्स से बिहार में चिकित्सीय अनुसंधान और रोग निदान की प्रक्रिया को अंतरराष्ट्रीय स्तर तक ले जाने का प्रयास रहेगा। अत्याधुनिक उपकरण, समृद्ध पुस्तकालय और उत्कृष्ट शिक्षण सुविधाएं छात्रों को उच्चतम चिकित्सा शिक्षा प्रदान करेंगी। जो चिकित्सा के क्षेत्र में उच्च शोध करना चाहते हैं, उनके लिए यह संस्थान उत्कृष्ट मंच बनेगा।

बिहार में स्वास्थ्य क्रांति की शुरुआत

दरभंगा एम्स की नींव रखने का यह महत्त्वपूर्ण कदम बिहार के स्वास्थ्य क्षेत्र की क्रांति का संकेत है। सरकार का यह निर्णय बिहार के लोगों के भविष्य को नया मोड़ देगा, जिससे केवल बड़ा ही नहीं बल्कि लंबा बदलाव आएगा। इस पहल से पूरे राज्य में सही स्वास्थ्य सुविधाएं पहुंचाने का लक्ष्य है। यह पहल बिहार को एक स्वास्थ्य सेवा हब के रूप में उभरने की ओर अग्रसर करेगी, जिससे आसपास के राज्यों के लोग भी लाभान्वित होंगे।

आज के इस कदम के माध्यम से, प्रधानमंत्री मोदी बिहार में विकास की नई राहें खोल रहे हैं। सरकार का उद्देश्य है कि हर व्यक्ति को समय पर उचित चिकित्सा सुविधा मिले और किसी भी रोग का उपचार अधिक समय तक खींचा न जाए। स्थानीय जनता में इस निर्णय को लेकर उत्साह देखा जा रहा है।

द्वारा लिखित Pari sebt

मैं एक समाचार विशेषज्ञ हूँ और मुझे भारत में दैनिक समाचार संबंधित विषयों पर लिखना पसंद है।

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Kamal Gulati

ये सब बकवास है। दरभंगा में एम्स बनेगा तो क्या होगा? वहां के डॉक्टर भी नहीं हैं, दवाइयां नहीं हैं, बिजली नहीं है। बस फोटो खींचवा कर चले जाओगे।

Atanu Pan

अच्छा हुआ। बिहार को ऐसे प्रोजेक्ट्स की जरूरत है। अब बस इसे अच्छे से बनाना होगा।

Pankaj Sarin

एम्स बन रहा है यार बस अब जब तक डॉक्टर आएंगे तब तक लोग मर जाएंगे और फिर वो एम्स भी बंद हो जाएगा जैसे बाकी सब

Mahesh Chavda

इस तरह के निर्णय तो बस चुनावी लाभ के लिए होते हैं। बिहार में स्वास्थ्य व्यवस्था तब तक बेकार होगी जब तक राजनीति को बाहर नहीं किया जाता।

Sakshi Mishra

क्या हम वाकई समझते हैं कि एक अस्पताल सिर्फ ईंटों और मोटार के बारे में नहीं है? यह एक विचार है-एक विश्वास कि हर इंसान के लिए स्वास्थ्य एक अधिकार है, न कि एक वरीयता।

Radhakrishna Buddha

अरे भाई ये तो बिहार के लिए बड़ी बात है! अब तक जो लोग भोपाल या दिल्ली जाते थे, अब वो दरभंगा में इलाज करवाएंगे! जय हिन्द!

Govind Ghilothia

इस प्रारंभिक कदम का ऐतिहासिक महत्व अतुलनीय है। बिहार के ग्रामीण जनजीवन में चिकित्सा एवं शिक्षा के क्षेत्र में एक नवीन युग का उदय हो रहा है।

Sukanta Baidya

एम्स बन रहा है? ओह बहुत बढ़िया। मैं तो अभी तक गांव में बुखार के लिए एक टैबलेट भी नहीं पा पाया। ये सब तो शहरों के लिए होता है ना।

Adrija Mohakul

मैंने देखा है बिहार के कई अस्पतालों में बिजली नहीं होती तो एम्स बनने से पहले बेसिक्स ठीक कर लेने चाहिए। डॉक्टर, नर्स, दवाई, बिजली, पानी-ये सब चाहिए। बस भवन नहीं।

Dhananjay Khodankar

अगर ये प्रोजेक्ट अच्छे से चला तो बिहार के युवाओं के लिए बहुत अच्छा होगा। अब वो बाहर नहीं जाएंगे, यहां ही पढ़ेंगे और रहेंगे। बस इसे लगातार देखते रहना होगा।

shyam majji

एम्स बन रहा है तो अच्छा हुआ लेकिन अब देखना होगा कि ये बस एक नाम तो नहीं बन जाता

shruti raj

इसके पीछे क्या छुपा है? क्या ये बस एक धोखा है जिससे लोगों को भ्रमित किया जा रहा है? मैंने देखा है कि जब भी कोई बड़ा प्रोजेक्ट शुरू होता है, तो उसके बाद बर्बादी शुरू हो जाती है। अब तो अस्पताल बन गया, अब दवाइयां बंद हो गईं।

Khagesh Kumar

एम्स का मतलब है डॉक्टर और नर्स भी आएंगे। बिहार के युवाओं को ट्रेनिंग दी जाएगी। ये सिर्फ एक अस्पताल नहीं, एक भविष्य है।

Kamal Gulati

तुम लोग सब खुश हो रहे हो लेकिन मैंने देखा है गांव में डॉक्टर नहीं है, बस एम्स का नाम लेकर बातें कर रहे हो।