पश्चिम बंगाल में मतदाता सूची अपडेट के लिए EPIC को मोबाइल नंबर से लिंक करना अनिवार्य, स्टेप-बाय-स्टेप गाइड
पश्चिम बंगाल के करोड़ों मतदाताओं के लिए अब वोट का अधिकार बरकरार रखने के लिए एक नया और अनिवार्य कदम जरूरी हो गया है — चुनाव आयोग ऑफ इंडिया ने SIR 2025 के तहत ऑनलाइन फॉर्म जमा करने से पहले EPIC (इलेक्टोरल फोटो आईडेंटिटी कार्ड) को अपने मोबाइल नंबर से लिंक करने का आदेश दिया है। यह कदम सिर्फ एक तकनीकी बदलाव नहीं, बल्कि चुनावी प्रक्रिया की पारदर्शिता और विश्वसनीयता को सुनिश्चित करने का एक बड़ा प्रयास है। अगर आप पश्चिम बंगाल के किसी भी जिले में रहते हैं और अपना नाम मतदाता सूची में जोड़ना चाहते हैं, या कोई गलती सुधारना चाहते हैं, तो यह लिंकिंग नहीं तो आपका फॉर्म स्वीकार नहीं होगा।
क्यों जरूरी है EPIC और मोबाइल नंबर का लिंक?
चुनाव आयोग के अनुसार, यह लिंकिंग सिर्फ एक प्रमाणीकरण की प्रक्रिया नहीं, बल्कि धोखेबाजी और दोहरे मतदान को रोकने का एक बड़ा तरीका है। पिछले कई सालों में विभिन्न राज्यों में फर्जी मतदाता नामों के मामले सामने आए हैं। अब, जब आप पश्चिम बंगाल के किसी भी जिले से ऑनलाइन फॉर्म भरेंगे, तो सिस्टम आपके मोबाइल नंबर के माध्यम से आपकी पहचान की पुष्टि करेगा। यह बात जगरण जोश की लेखिका आयुक्त जिशा ने अपने लेख में स्पष्ट किया है — जिसमें उन्होंने लिखा है कि "यह प्रक्रिया अनिवार्य रूप से उन लोगों को बाहर रखती है जो किसी दूसरे के नाम का दुरुपयोग करने की कोशिश करते हैं।" यह नियम सिर्फ नए मतदाताओं के लिए नहीं, बल्कि उन सभी के लिए है जिनके नाम में गलतियां हैं या उन्हें अपना घर बदल दिया है।
कैसे करें EPIC को मोबाइल नंबर से लिंक?
यह प्रक्रिया बिल्कुल सरल है, लेकिन एक गलती भी आपके फॉर्म को रोक सकती है। नीचे दिया गया चरण-दर-चरण मार्गदर्शन आपके लिए काम करेगा:
- अपने ब्राउज़र में voters.eci.gov.in पर जाएं (ध्यान दें: यह एकमात्र आधिकारिक पोर्टल है)
- "Sign Up" बटन पर क्लिक करें
- अपना मोबाइल नंबर, ईमेल और कैप्चा डालें
- अपने मोबाइल पर आए OTP को भरें — यहीं आपकी पहचान पुष्टि हो जाती है
- लॉगिन करने के बाद, अपना EPIC नंबर डालें (यह आपके वोटर आईडी कार्ड पर छपा होता है)
- "Link EPIC" पर क्लिक करें — अब आपका नंबर और कार्ड लिंक हो चुका है
यह प्रक्रिया केवल 5-7 मिनट की होती है, लेकिन बहुत से लोग गलती कर देते हैं — जैसे गलत EPIC नंबर डालना, या OTP नहीं मिलने पर बार-बार रिक्वेस्ट करना। रुम्मन अंसारी के YouTube ट्यूटोरियल में इन्हीं गलतियों को उजागर किया गया है।
किन फॉर्म्स के लिए यह जरूरी है?
EPIC-मोबाइल लिंकिंग के बाद आप निम्नलिखित तीन फॉर्म्स में से कोई भी भर सकते हैं:
- फॉर्म 6: नए मतदाता के रूप में नाम जोड़ने के लिए (खासकर जो नए शहर में आए हैं)
- फॉर्म 7: किसी और के नाम को मतदाता सूची से हटाने के लिए (अगर आपको लगता है कि कोई फर्जी नाम है)
- फॉर्म 8: अपने नाम, पता, उम्र या फोटो में सुधार के लिए
चुनाव आयोग की वेबसाइट पर यह भी बताया गया है कि कश्मीर से आए मतदाता जो दिल्ली, जम्मू या उधमपुर में रह रहे हैं, वे फॉर्म 6 के जरिए विशेष पोलिंग स्टेशन पर वोट कर सकते हैं — लेकिन उन्हें भी इस लिंकिंग की आवश्यकता है।
क्या होगा अगर आप लिंक नहीं करते?
अगर आपने EPIC और मोबाइल नंबर को लिंक नहीं किया, तो आपका ऑनलाइन फॉर्म सिस्टम द्वारा रिजेक्ट हो जाएगा। आपको फिर से शुरुआत से करना पड़ेगा — और अगर डेडलाइन पार हो गई, तो आपका नाम 2025 के चुनाव की मतदाता सूची में नहीं आएगा। यह सिर्फ एक बार का अवसर है। इस बार कोई देरी नहीं होगी।
इस प्रक्रिया का इतिहास क्या है?
चुनाव आयोग की डिजिटल यात्रा 1998 में शुरू हुई, जब पहली बार कंप्यूटराइज्ड मतदाता सूचियां बनाई गईं। 2011 में नेशनल वोटर्स सर्विस पोर्टल लॉन्च हुआ, और अब SIR 2025 इस यात्रा का अगला बड़ा कदम है। यह न केवल तकनीकी बदलाव है, बल्कि एक सामाजिक जागरूकता का भी संकेत है — जहां आम नागरिक को अपने अधिकारों के लिए सक्रिय रूप से शामिल होना होगा।
क्या आपको इसके लिए कोई डॉक्यूमेंट चाहिए?
नहीं। आपको सिर्फ अपना EPIC नंबर और मोबाइल नंबर चाहिए। फोटो अपलोड करने की जरूरत नहीं है — बशर्ते आपका EPIC नंबर सही हो। अगर आपका EPIC कार्ड खो गया है, तो आप अपने जन्म तिथि और पिता/पति के नाम के आधार पर अपना EPIC नंबर ऑनलाइन ढूंढ सकते हैं।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
SIR 2025 के लिए अंतिम तिथि क्या है?
चुनाव आयोग ने अभी तक कोई आधिकारिक डेडलाइन घोषित नहीं की है, लेकिन स्रोतों के अनुसार यह फरवरी 2025 तक रहेगी। आपको जल्द से जल्द लिंकिंग पूरी कर लेनी चाहिए — क्योंकि आखिरी दिनों में सर्वर भारी हो जाता है और OTP देर से आने लगता है।
अगर मेरा मोबाइल नंबर पुराना है, तो क्या करूं?
अगर आपका मोबाइल नंबर बदल गया है, तो पहले अपना नया नंबर वोटर पोर्टल पर रजिस्टर करें। आपको नए नंबर पर OTP आना चाहिए। अगर आपका पुराना नंबर बंद है, तो आप चुनाव आयोग के स्थानीय कार्यालय में जाकर सीधे फॉर्म 6 भर सकते हैं — लेकिन ऑनलाइन लिंकिंग के बिना आपका फॉर्म अस्वीकार हो जाएगा।
क्या बुजुर्ग या ग्रामीण लोग इसे आसानी से कर पाएंगे?
हां, लेकिन उन्हें मदद की जरूरत होगी। चुनाव आयोग ने पंचायती स्तर पर "वोटर सहायता केंद्र" लगाए हैं, जहां युवा स्वयंसेवक लोगों को फॉर्म भरने में मदद करेंगे। कई गांवों में पंचायत सचिव या स्कूल शिक्षक इस काम को निःशुल्क कर रहे हैं।
क्या यह प्रक्रिया किसी भी भाषा में उपलब्ध है?
हां। पोर्टल हिंदी, बंगाली, अंग्रेजी और अन्य 12 भाषाओं में उपलब्ध है। बंगाली भाषी लोग अपनी मातृभाषा में फॉर्म भर सकते हैं, जिससे भाषाई बाधाएं दूर होती हैं। यह एक वास्तविक लोकतांत्रिक उपलब्धि है।
क्या यह लिंकिंग सिर्फ पश्चिम बंगाल के लिए है?
नहीं। यह प्रक्रिया पूरे भारत में SIR 2025 के तहत लागू है, लेकिन पश्चिम बंगाल में इसकी जरूरत सबसे ज्यादा है — क्योंकि यहां 294 विधानसभा क्षेत्र हैं और मतदाता सूची में लगभग 1.1 करोड़ नए नाम जोड़े जाने की संभावना है।
अगर मैंने लिंक कर लिया, तो क्या मुझे फिर से फॉर्म भरना होगा?
हां। लिंकिंग सिर्फ प्रमाणीकरण का काम करती है। आपको अलग से फॉर्म 6, 7 या 8 भरना होगा। लिंकिंग से आपका नाम सूची में नहीं जुड़ जाता — यह बस आपको फॉर्म भरने की अनुमति देती है।
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