बांग्लादेश ने 8 रन से अफ़ग़ानिस्तान को हराया, एशिया कप 2025 में सुपर‑फ़ोर का सपना जिंदा

मैच की प्रमुख झलकियां
सितंबर 16, 2025 को एशिया कप 2025 के समूह‑B के अंतिम चरण में बांग्लादेश ने अफ़ग़ानिस्तान के खिलाफ सट्टा जीत हासिल की। बांग्लादेश ने पहले 20 ओवर में 154 रन बनाकर लक्ष्य रखा, जबकि अफ़ग़ानिस्तान को 146 पर सीमित कर 8 रन से पीछे छोड़ दिया। यह जीत टीम को सुपर‑फ़ोर चरण में जगह बनाने के लिए आवश्यक बिंदु दिलाई।
बंगाली टीम ने टॉसल का फ़ॉर्म दिखाते हुए टैंज़िड़ हसन से तेज़ शुरुआत करवायी। हसन ने पहले ओवर में 30 से अधिक रन जोड़कर मैच का रिदम निर्धारित किया। उसके बाद मध्य क्रम में मौसमी खिलाड़ी झाकीर हसन ने 25 का योगदान दिया, जबकि लास्ट ओवर में नीरज चक्रवर्ती ने छोटे‑छोटे रन जोड़ते हुए लक्ष्य को पहुंचाने में मदद की। कुल मिलाकर पाँच विकेट गिरने के साथ 154/5 बनाकर बांग्लादेश ने एक ठोस लक्ष्य स्थापित किया।
अफ़़ग़ानिस्तान के लिए शुरुआत से ही तनाव बना रहा। नासूम अहमद, जो इस मैच में विशेष रूप से शामिल हुए थे, ने ही पहला ओवर में ही पहले बॉल पर ही रजत कुमार को आउट कर दिया। यह वाइल्ड कैच अफ़ग़ानिस्तान को 4 वीकली में 10 रन पर ठोकर खा गया, जिससे शुरुआती हद तक उनका शिकास्त टूट गया।
फिर भी अफ़ग़ानिस्तान ने कुछ हद तक वापसी की कोशिश की। रशीद ख़ान ने 11 गेंदों पर 20 रन बनाए, जबकि नूर अहमद ने तेज़ स्मैशिंग से 19 रन की इंटेंशन दिखायी। दो‑तेन के बाद रजत राय की महँगी गलती ने टीम को फिर से उलझन में डाल दिया। मध्य ओवर में यमन में रिफ्यूज होते रहने के कारण दो मीटर के अंदर गेंदें छूती रहीं, जिससे उनके रन‑संचयन को रुकावट आई।
जब अफ़ग़ानिस्तान को आखिरी ओवर में 22 रन चल रहे थे, तो बांग्लादेश की डेथ बॉलिंग ने फिर से माहौल बदल दिया। 19वें ओवर में मस्तफ़जुर रहमान ने दो लगातार विकेट लिए—पहले घज़ानफ़र को पहले ही गेंद पर निलंबित किया, और उसके बाद नूर अहमद को भी पकड़ा, जिससे उनका हैट्रिक कगार पर रह गया। यह दबाव पूरी टीम के मनोबल को नीचे ले आया।
अंतिम ओवर में नूर अहमद ने एक और छक्का मारते हुए टीम को कुछ आशा दी, लेकिन अब तक बचे हुए बटले ने लगातार वाईक्स के साथ उन्हें रोक दिया। अफ़ग़ानिस्तान 146 पर आउट हो गया, और बांग्लादेश की जीत सुनिश्चित हुई।

बांग्लादेश की जीत में सामने आई मुख्य वजहें
इस जीत को कई प्रमुख बिंदुओं से समझा जा सकता है। पहला, शुरुआती बॉलिंग ने विरोधी टीम को बिगड़ दिया। नासूम अहमद की पहली गेंद पर ही विकेट लेना, टीम को तुरंत आत्मविश्वास दिलाने में सहायक रहा। दूसरा, मोर्चे पर रशिद हसन की मध्य‑ओवर में कंट्रोल ने लक्ष्य के पीछे धकेल दिया। उन्होंने अपने लीनर बॉल और स्लो ड्राइव से अफ़ग़ानिस्तान को सीमित रखा और रन‑रेट को कम किया।
तीसरा और शायद सबसे महत्वपूर्ण पहलू था डेथ बॉलिंग। मस्तफ़जुर रहमान ने न केवल दो विकेट लिये, बल्कि अपनी तेज़ बॉल और सटीक लाइन से अफ़ग़ानिस्तान को ब्लॉक कर दिया। उनकी डिलिवरीज़ न केवल गति में थीं, बल्कि वाइरलेस कम्फ़र्ट की भी भावना रखती थीं, जिससे बैट्समैन को चुनौतियों का सामना करना पड़ा।
चौथा बिंदु टीम की फील्ड सेटिंग और कक्षीय रणनीति भी खेले। कप्तान शाकिब आल्मा ने प्रत्येक ओवर में फील्डर्स को इस तरह व्यवस्थित किया कि रोप्ड बॉल के लिए विकल्प कम हो और बाउंड्री के अवसर सीमित रहें। यह सूक्ष्मता बांग्लादेश को छोटे‑छोटे स्कोर गैंट्री बनाए रखने में मददगार रही।
अंत में, बांग्लादेश की टीम ने दबाव के तहत भी धीरज दिखाया। 154/5 जैसा लक्ष्य छोटे‑मध्यम पिचों पर आम तौर पर सहनीय माना जाता है, परंतु 20‑ओवर के फॉर्मैट में यह आसानी से चुराया जा सकता है। बांग्लादेश ने सही संघर्ष करके इस लक्ष्य को बचाया, जिससे उनका सुपर‑फ़ोर प्रवेश अभी भी संभावित है। यह जीत न केवल आँकड़ों में बल्कि मनोवैज्ञानिक रूप से भी टीम को आगे बढ़ाएगी, क्योंकि अब उन्हें पता है कि वे दबाव में जीत सकते हैं।
एक टिप्पणी लिखें