अरविंद केजरीवाल को दिल्ली एक्साइज नीति मामले में सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिली
सुप्रीम कोर्ट का बहुप्रतीक्षित फैसला: केजरीवाल को मिली जमानत
भारत के उच्चतम न्यायालय द्वारा शुक्रवार, 13 सितंबर 2024 को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को दिल्ली एक्साइज नीति 2021-22 में कथित अनियमितताओं के मामले में जमानत दे दी गई है। यह निर्णय जस्टिस सूर्य कांत और उज्जल भुयान की पीठ द्वारा सुनाया गया, जो आम आदमी पार्टी (AAP) के नेता की वर्तमान कानूनी लड़ाई के लिए एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित हुआ।
केजरीवाल की जमानत याचिका में उनके गिरफ्तारी और निषेध आदेशों को चुनौती दी गई थी, जिसमें दावा किया गया था कि उनकी हिरासत के आधार उचित नहीं थे। यह मामला दिल्ली के पूर्व उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के हालिया जमानत मामले के साथ भी तुलना की गई थी, जिन्हें सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में जमानत दी थी।
केजरीवाल की गिरफ्तारी और कानूनी झंझट
अरविंद केजरीवाल को प्रवर्तन निदेशालय (ED) द्वारा 21 मार्च 2024 को गिरफ्तार किया गया था, और बाद में केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) द्वारा 26 जून 2024 को। सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें 12 जुलाई को ED मामले में अंतरिम जमानत दी थी, लेकिन CBI मामले के कारण वे हिरासत में ही रहे।
दिल्ली एक्साइज नीति को दिल्ली की शराब नीति में सुधार लाने के उद्देश्य से लागू किया गया था, जिसमें व्यापारियों के लिए एक लाइसेंस शुल्क लागू किया गया था। इस नीति के तहत कथित तौर पर AAP ने 100 करोड़ रुपये की रिश्वत ली थी, जिसके कुछ हिस्से का उपयोग गोवा चुनाव में किया गया था।
नीति से विवाद
दिल्ली एक्साइज नीति शुरू से ही विवादों में रही है। नीति को लागू करने के बाद, विभिन्न व्यापारियों और राजनेताओं ने इस पर सवाल उठाया। आरोप लगे कि नीति के माध्यम से आप ने बड़ी मात्रा में धन अर्जित किया, जो बाद में राजनीतिक अभियानों में इस्तेमाल हुआ। इस नीति को बाद में आरोपों के चलते निरस्त कर दिया गया था।
सुप्रीम कोर्ट का निर्णय
सुप्रीम कोर्ट का यह फैसला व्यापक रूप में देखा जा रहा है, खासकर आगामी दिल्ली विधानसभा चुनावों के संदर्भ में। कोर्ट के निर्णय के बाद, अरविंद केजरीवाल को तिहाड़ जेल से रिहा किया गया है।
सुप्रीम कोर्ट ने यह निर्णय 5 सितंबर को दोनों पक्ष के वकीलों की बहस सुनने के बाद सुरक्षित रखा था। अब जब यह फैसला आया है, तो यह आम आदमी पार्टी के लिए चुनावी वातावरण में एक बड़ी खुशी की खबर है।
चुनावों पर प्रभाव
केजरीवाल की इस रिहाई के बाद, आगामी विधानसभा चुनावों में उनकी उपस्थिति आम आदमी पार्टी की चुनावी रणनीति के लिए महत्वपूर्ण साबित होगी। यह निर्णय चुनावी माहौल में काफी हद तक जलवायु को प्रभावित कर सकता है, खासकर जब दिल्ली के लोग अब यह देख रहे हैं कि उनके मुख्यमंत्री को उच्चतम न्यायालय द्वारा राहत दी गई है।
आम आदमी पार्टी की प्रतिस्पर्धी पार्टियों के लिए भी यह एक नया मोड़ साबित हो सकता है। उनके विपक्षी दलों को अब नई रणनीतियों के साथ आना होगा ताकि वे जनता का समर्थन प्राप्त कर सकें। चुनावों में केजरीवाल की मौजूदगी उनके प्रशंसकों के लिए एक प्रेरणादायक क्षण साबित हो सकता है और इससे AAP के संभावनाओं में भी एक नई ऊर्जा आ सकती है।
इस पूरी घटना ने देशव्यापी राजनीतिक परिदृश्य को भी नए सिरे से खड़ा कर दिया है और आने वाले समय में इसके परिणामस्वरूप कई बड़ी राजनीतिक घटनाएं देखने को मिल सकती हैं।
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