हर साल 14 फरवरी को वैलेंटाइन डे मनाने वाले और इसे नज़रअंदाज़ करने वाले दोनों ही दिखते हैं. सोशल मीडिया पर बधाई संदेश, फूलों का लेन‑देन तो चलता रहता है, लेकिन कई लोग इस दिन से असहमत होते हैं। उनके लिए यह सिर्फ एक विदेशी रिवाज नहीं, बल्कि सामाजिक मूल्यों को चुनौती देने वाला भी माना जाता है.
वैलेंटाइन डे का इतिहास और आलोचनाएँ
वैलेंटाइन की कहानी रोमन काल तक जाती है, लेकिन आजकल इसका मतलब पॉप कल्चर से जुड़ गया है। पश्चिमी देशों में यह रोमांटिक लव को सेलिब्रेट करने का दिन बन चुका है, जबकि भारत में कई समुदाय इसे संस्कृति के बाहर मानते हैं। कुछ धार्मिक समूह कहते हैं कि इस दिन पर प्रेम की सार्वजनिक अभिव्यक्ति पारंपरिक परिवार मूल्यों को बिगाड़ती है.
भारत में वैलेंटाइन विरोध की मुख्य वजहें
पहला कारण है सांस्कृतिक असहमति – कई लोग मानते हैं कि हमारे सामाजिक ताने‑बाने में इस तरह के विदेशी त्यौहार का कोई स्थान नहीं। दूसरा, आर्थिक दबाव – फूल, चॉकलेट और गिफ्ट्स पर खर्च बढ़ जाता है, जो गरीब वर्ग को परेशान करता है। तीसरा, नैतिकता की बात – कुछ समूह मानते हैं कि वैलेंटाइन डे पर खुले तौर पर इश्क़-इश्क़ दिखाना अनुचित है.
इन कारणों से कई राज्य में विरोध प्रदर्शन होते रहे हैं, कभी सड़कों पर बैनर लगे होते हैं तो कभी सोशल मीडिया पर #वैलेंटाइंडेविरोध जैसे ट्रेंड चलते हैं। कुछ स्कूल और कॉलेज भी इस दिन को मनाने की अनुमति नहीं देते, ताकि छात्रों पर अनावश्यक दबाव न पड़े.
पर्यायिक रूप से लोग वैकल्पिक तरीके अपनाते हैं – प्रेम का जश्न घर में या छोटे-छोटे इंटिमेट गिफ्ट्स के साथ। कई NGOs इस दिन को सामाजिक कार्यों जैसे रक्तदान, वृद्धाश्रम मदद आदि के लिए इस्तेमाल करने की सलाह देती हैं. इससे यह दिखता है कि विरोध भी रचनात्मक हो सकता है.
अंत में यह कहा जा सकता है कि वैलेंटाइन डे का विरोध सिर्फ एक राय नहीं, बल्कि हमारे समाज में चल रहे बदलावों को दर्शाता है। चाहे आप इसे मनाएं या नमनाएं, समझना जरूरी है कि हर व्यक्ति की अपनी सोच और सीमा होती है. इस तरह के बहस से ही हम अपने मूल्यों पर फिर से विचार कर सकते हैं.
मुरादाबाद में राश्ट्रीय बजरंग दल और अन्य संगठनों ने वैलेंटाइन डे का विरोध करते हुए 14 फरवरी को पुलवामा शहीद दिवस घोषित किया। सार्वजनिक जगहों पर जोड़ों से सवाल किए गए और अविवाहितों को राखी बंधवाई गई। पुलिस ने कई स्थानों पर हस्तक्षेप किया। यह घटना सांस्कृतिक टकराव को उजागर करती है।