पुलवामा शहीद दिवस: क्यों है यह खास?

हर साल 14 फरवरी को भारत में पुलवामा शहीद दिवस मनाया जाता है। यह दिन उन जवानों की याद दिलाता है जिन्होंने अपने प्राण न्योछावर कर देश की सुरक्षा सुनिश्चित की। इस अवसर पर स्कूल, ऑफिस और सरकारी इमारतें तिरंगे से सजी रहती हैं, और लोग श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं।

इतिहास: कब और क्यों शुरू हुआ?

पुलवामा में 14 फरवरी 2019 को एक आतंकवादी हमले ने कई सुरक्षा कर्मियों की जान ली थी। इस दुखद घटना के बाद सरकार ने शहीदों को सम्मानित करने के लिए विशेष दिवस घोषित किया। तब से हर साल इस दिन पर शहीदों के परिवारों को सम्मान पत्र, सरकारी सहायता और सामाजिक समर्थन मिलता है।

कैसे मनाते हैं लोग?

सरकार विभिन्न स्थानों पर शहीद स्मारकों के पास पैनल स्थापित करती है जहाँ ध्वज फहराया जाता है। स्कूल में बच्चों को शहीदों की कहानियां सुनाई जाती हैं, ताकि वे उनका साहस समझ सकें। कई शहरों में मिलन समारोह होते हैं जहाँ परिवारजन एक‑दूसरे से समर्थन साझा करते हैं।

भोजन पर भी कुछ बदलाव देखे जाते हैं—आमतौर पर शहीद के नाम पर दान किया जाता है, जिससे उनके बच्चे शिक्षा या स्वास्थ्य सुविधाओं का लाभ ले सकें। सोशल मीडिया पर #पुलवामा_शहीद_दिवस टैग से लाखों पोस्ट होते हैं, जिसमें तस्वीरें और भावनात्मक संदेश साझा किए जाते हैं।

यह दिन सिर्फ शोक नहीं, बल्कि एकजुटता की भावना को भी बढ़ाता है। जब लोग मिलकर शहीदों का सम्मान करते हैं तो राष्ट्रीय सुरक्षा में हर नागरिक की भागीदारी स्पष्ट हो जाती है। युवा वर्ग इसे प्रेरणा के रूप में लेता है और देशभक्ति से भर जाता है।

यदि आप इस दिन कुछ खास करना चाहते हैं, तो स्थानीय शहीद अभयारण्य या स्मारक पर जाकर फूल चढ़ा सकते हैं। साथ ही किसी भी दान संस्था को आर्थिक सहायता देकर आप सीधे परिवारों की मदद कर सकते हैं। छोटे‑छोटे कार्य बड़े बदलाव लाते हैं और शहीदों के सपनों को साकार करते हैं।

पुलवामा शहीद दिवस का मकसद सिर्फ यादें ताज़ा करना नहीं, बल्कि भविष्य में ऐसी घटनाओं से बचने की चेतावनी भी देना है। इसलिए इस दिन सुरक्षा जागरूकता अभियानों, ट्रैफ़िक नियमों के पालन और सामुदायिक सहयोग को बढ़ावा दिया जाता है।

अंत में यही कहा जा सकता है कि हर शहीद का बलिदान हमारे राष्ट्रीय एकजुटता की नींव है। उनका सम्मान करके हम न सिर्फ उनके परिवारों को सान्त्वना देते हैं, बल्कि आने वाली पीढ़ियों को भी सुरक्षा और साहस के मूल्य सीखाते हैं। इस पुलवामा शहीद दिवस पर आप भी कुछ ऐसा करें जो यादगार हो—चाहे वह छोटी सी दानराशि हो या एक सरसराती आवाज़ में उनका सम्मान करना।

मुरादाबाद में वैलेंटाइन डे के खिलाफ विरोध, पुलवामा शहीद दिवस घोषित

मुरादाबाद में वैलेंटाइन डे के खिलाफ विरोध, पुलवामा शहीद दिवस घोषित

मुरादाबाद में राश्ट्रीय बजरंग दल और अन्य संगठनों ने वैलेंटाइन डे का विरोध करते हुए 14 फरवरी को पुलवामा शहीद दिवस घोषित किया। सार्वजनिक जगहों पर जोड़ों से सवाल किए गए और अविवाहितों को राखी बंधवाई गई। पुलिस ने कई स्थानों पर हस्तक्षेप किया। यह घटना सांस्कृतिक टकराव को उजागर करती है।

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अप्रैल 27, 2025 द्वारा Pari sebt