7 सितंबर 2025 का चंद्र ग्रहण: भारत में ब्लड मूँन देखना कब और कैसे?
7 सितंबर 2025 को भारत में पूरी तरह से दिखेगा ब्लड मूँन चंद्र ग्रहण। समय, देखे जाने वाले स्थान और विशेषज्ञ राय इस लेख में दी गई हैं।
जारी रखें पढ़ रहे हैं...जब हम ब्लड मूँन, एक दुर्लभ चंद्र ग्रहण है जिसमें पृथ्वी की छाया चंद्रमा पर लाल रंग का परत बनाती है की बात करते हैं, तो दिमाग में तुरंत कई सवाल उठते हैं। क्या यह सिर्फ एक दृश्य रचना है या इसके पीछे वैज्ञानिक और ज्योतिषीय अर्थ छिपे हैं? सरल शब्दों में, ब्लड मूँन वह समय है जब सूर्य, पृथ्वी और चंद्रमा एक सीध में आते हैं, और पृथ्वी की वायुमंडलीय दाब (र्जेट) लाल प्रकाश को छानकर चंद्रमा को लाल रंग में रंग देती है। इस घटना को समझना आसान है, लेकिन इसके प्रभाव को समझने के लिए हमें खगोल विज्ञान, ब्रह्मांडीय पिंडों के अध्ययन की शाखा और ज्योतिष, आकाशीय घटनाओं का व्यक्तिगत जीवन से संबंध दोनों को जोड़ना पड़ेगा।
भौतिक विज्ञान के अनुसार, ब्लड मूँन अंतरिक्ष मिशन के लिए एक प्राकृतिक प्रयोगशाला बन जाता है। उपग्रहों और टेलीस्कोपों द्वारा एकत्रित डेटा से वैज्ञानिक वायुमंडलीय संरचना, सूर्य की कण-धारा की तीव्रता और चंद्रमा की सतह पर सॉलर रैडिएशन के प्रभाव को मापते हैं। वहीं, ज्योतिष में माना जाता है कि ब्लड मूँन बदलाव की लहर लाता है – कुछ लोग इसे आर्थिक उछाल या सामाजिक उथल-पुथल से जोड़ते हैं। इस प्रकार, ब्लड मूँन “खगोल विज्ञान की प्रमुख घटना है” (ब्लड मूँन → खगोल विज्ञान → प्रमुख घटना) और “ज्योतिष इसे शुभ संकेत मानता है” (ज्योतिष → ब्लड मूँन → शुभ संकेत) दोनों दृष्टिकोण से जुड़ा हुआ है।
इन बिंदुओं को समझते हुए, आप आगे पढ़ेंगे कि पिछले कुछ ब्लड मूँन कब हुए, उन्होंने कौन‑से वैज्ञानिक खोजें लाए और विभिन्न संस्कृतियों में इसको कैसे व्याख्यायित किया गया। नीचे दी गई सूची में उन लेखों की विस्तृत जानकारी मिलेगी जो ब्लड मूँन से जुड़ी नवीनतम रिपोर्ट, ऐतिहासिक विश्लेषण और भविष्य के अनुमान प्रस्तुत करती हैं। आइए, इस रोचक ब्रह्मांडीय घटना के विभिन्न आयामों की सैर करें और देखें कि कैसे विज्ञान और ज्योतिष एक साथ मिलकर इस लाल चंद्रमा को समझाते हैं।
7 सितंबर 2025 को भारत में पूरी तरह से दिखेगा ब्लड मूँन चंद्र ग्रहण। समय, देखे जाने वाले स्थान और विशेषज्ञ राय इस लेख में दी गई हैं।
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