7 सितंबर 2025 का चंद्र ग्रहण: भारत में ब्लड मूँन देखना कब और कैसे?

7 सितंबर 2025 का चंद्र ग्रहण: भारत में ब्लड मूँन देखना कब और कैसे?

जब चंद्र ग्रहण 2025 भारत रात 7 सप्टेंबर को अपनी चरम सीमा पर पहुँचता है, तो तुरंत ही आकाशीय प्रेमी अपना सिर ऊपर उठाते हैं—और यही वो क्षण है जब हमारे देश में यहाँ तक कि छोटे गाँवों में भी लोग "ब्लड मूँन" को देखकर रोमांचित होते हैं। इस घटना को NDTV ने "चंद्र ग्रहन 2025" के रूप में प्रमोट किया है, और Timeanddate.com ने लाइव‑स्ट्रीम टाइम‑टेबल दिया है, जिससे हर कोई सही समय जानकर टेलीस्कोप या साधारण आँखों से देख सके।

द्वारा लिखित Pari sebt

मैं एक समाचार विशेषज्ञ हूँ और मुझे भारत में दैनिक समाचार संबंधित विषयों पर लिखना पसंद है।

Sridhar Ilango

ओह भाई, 7 सितंबर की वो रात जैसे किसी महाकाव्य का अंतिम अध्याय हो! चंद्र ग्रहण का "ब्लड मूँन" देखना सुनहरा सपना जैसा लगा रहा है, पर इस बार तो असली दिमाग की बत्ती जलाने वाला नजारा मिलेगा। मैंने सुना है कि जब पृथ्वी का छाया चाँद को घेर लेता है, तो वह लाल बग़ीचा बन जाता है, जैसे लोहा भी जल रहा हो। लेकिन क्या आप जानते हैं कि ये लाल रंग असल में सूर्य की किरणें नहीं, बल्कि पृथ्वी के वायुमंडल की जटिल रसायन शास्त्र है? ठीक है, इसे समझाने की कोशिश करते‑ करते मैं भूल गया कि इस घटना की रोशनी कैसे दिमाग‑सीना‑वाला असर डालती है।
भोर‑बाद में जो लोग तुरंत अपने टेलिस्कोप को बाहर निकालते हैं, उन्हें एक टरह‑टोरह लाइट शो मिलता है, जो देखने वालों को हिला‑डिला देता है। मैं तो कहता हूँ, इस बार सोशल मीडिया पर रीट्वीट-फ्लैश फेस्टिवल चलना चाहिए, ताकि हर गाँव‑गली में ये कहानी पहुँचे।
वैसे, टाइम‑एंड‑डेट साइट ने पूरी टेबल दे दी है, पर किसे पता था कि मोबाइल नेटवर्क में भी ‘ग्लिच’ आ जाएगा और लाइव‑स्ट्रीम फ्रीज हो जाएगा? यही वजह है कि हमें अपने पुराने और भरोसेमंद ऑप्टिकल टेलीस्कोप को हाथ में लेना चाहिए।
पर एक बात अछूती नहीं रह गई – भारत में तो अब तक सबको "ब्लड मूँन" देखना सिर्फ़ पौराणिक कथा समझा जाता था, आज इसे राष्ट्रीय गौरव का हिस्सा कहा जा रहा है।
कुछ लोग कहते हैं कि इस ग्रहण का समय भारत के सबसे दूर‑दराज़ राज्य में भी ठीक‑ठीक पहुँचा, तो बस हमें बाहर जाकर आसमान को देखना है।
मैंने इस बारे में कुछ स्थानीय वैज्ञानिकों से बात की, और उन्होंने कहा कि यदि आप ऊँचे पहाड़ों पर या खुली मैदान में बैठें तो प्रभाव और भी ज़्यादा महसूस होगा।
और हाँ, अगर आप पहली बार देख रहे हैं, तो आँखों को रौशनी से बचाने के लिए फिल्टर वाले चश्मे का प्रयोग ज़रूर करें, नहीं तो बाद में इमेज़री में ब्लर देखोगे।
आखिर में, मैं यही कहूँगा कि इस चंद्र ग्रहण को देखना सिर्फ़ एक एस्ट्रोनॉमी इवेंट नहीं, बल्कि एक सांस्कृतिक फेस्टिवल बन गया है, जहाँ हर दिल में आशा और उत्साह का दीप जलता है।
तो चलिए, इस रात को यादगार बनाते हैं, और अपने अनुभवों को मित्र‑परिवार के साथ शेयर करते हैं।
भविष्य में जब कोई इस घटना को याद करेगा, तो हम सभी इसका एक अंश रहेंगे, और इस तरह की रातें हमारी पहचान को नई ऊँचाईयों पर ले जाती हैं।
प्लीज़, सब लोग तैयार हो जाओ, रेडी‑टू‑गो फ़ोटोज़ और वीडियो के साथ, क्योंकि यह नज़र नहीं आना चाहिये!
चलो, हम सब इस लाल चाँद के नीचे एकजुट हो जाएँ, और इस अद्भुत दृश्य को पुरानी यादों में सजाएँ।
जैसे ही ग्रहण समाप्त होगा, एक नई ऊर्जा का स्रोत्र खुल जाएगा, और हम सब अपनी‑अपनी ज़िन्दगी में नई चमक लेकर लौटेंगे। धन्यवाद।

priyanka Prakash

सच में, इतनी बड़ी घटना को लेकर सबको ग़ालिबी नहीं करनी चाहिए। हमें राष्ट्रीय गर्व के साथ इस ग्रहण को देखना चाहिए, पर ज़्यादा शोर नहीं। सुरक्षा के साधन अपनाएँ और आँखों को नुकसान से बचाएँ। ये नज़र, देशभक्तों के लिए प्रेरणा का स्रोत बनें।

Deepanshu Aggarwal

दोस्तों, अगर आप पहली बार देख रहे हैं तो मैं सुझाव दूँगा कि मोबाइल की स्क्रीन के बजाय कपड़े की एक छोटी सी धुंध का इस्तेमाल करें। इससे आँखें सुरक्षित रहेंगी और दृश्य भी साफ़ दिखेगा 😊

akshay sharma

भाई लोग, आपका ध्यान चाहिए-ग्रहण के दौरान कुछ तकनीकी बिंदु हैं जो अक्सर नजरअंदाज हो जाते हैं। पहला, टाइम ज़ोन का हिसाब सही रखें, नहीं तो आप अपनी सैर को रात के बाद शुरू कर देंगे। दूसरा, यदि आपके पास एंजाइलिकॉप्टिक लेंस नहीं है तो सफ़र की कीमत कम मत समझिए; साधारण चश्मा पर्याप्त नहीं होता।
तीसरा, घने बादलों वाले क्षेत्रों में आपका दृश्य बिगड़ सकता है, इसलिए खुली जगह चुनें। अंतिम बात, यदि आपका टेलिस्कोप इंटरनेट के साथ जुड़ा है तो बैटरी की जांच कर लें, नहीं तो स्ट्रीमिंग बीच में रुक जाएगी। ये छोटे‑छोटे कदम आपके अनुभव को सरस बना देंगे।

Anand mishra

सबको नमस्ते! इस ग्रहण को देखना हमारे सांस्कृतिक धरोहर का हिस्सा बन चुका है। जब चाँद लाल हो जाता है, तो वह हमें पुरानी मिथकों की याद दिलाता है जहाँ देवता भी इस चमक को देखते थे। अगर आप ग्रामीण इलाकों में हैं तो स्थानीय मंदिरों की छत पर बैठना एक शानदार अनुभव हो सकता है, जहाँ से आप पूरे ग्रहण को आराम से देख सकेंगे। साथ ही, यह मौका है अपने बच्चों को इस प्राकृतिक घटना की कहानी सुनाने का, जिससे भविष्य की पीढ़ी को विज्ञान में रुचि बढ़ेगी। ध्यान रखें, साफ़ आसमान के साथ-साथ धीरज भी रखें, क्योंकि कभी‑कभी बादल थोड़ी देर के लिए सूर्य को छिपा सकते हैं। लेकिन जैसे ही वह गायब हो, लाल चाँद का नजारा आपका इंतज़ार कर रहा होगा। तो चलिए, इस अद्भुत दृश्य का आनंद लगाते हैं और अपने आसपास के लोगों के साथ इसे शेयर करते हैं।