एक युवक जंगल के किनारे एक हिरण के बच्चे को दूध पिला रहा था। तभी झाड़ियों से एक बाघ निकला और उस पर हमला कर दिया। इसके ठीक बाद, एक ईगल जंगल में घूम रहे शेर के बच्चे पर हमला करता है, लेकिन उसकी मां शेरनी आकाश से उड़ते ईगल को पकड़कर उसकी गर्दन तोड़ देती है। ये दोनों वीडियो सोशल मीडिया पर अब तक के सबसे चर्चित वायरल कंटेंट बन गए हैं। लेकिन ये वास्तविक हैं या AI द्वारा बनाए गए नाटक? कोई नहीं जानता।
बाघ का हमला: एक युवक का अज्ञात भाग्य
नवंबर 2025 में, ट्विटर पर @arvindchotia नाम के एक यूजर ने एक वीडियो शेयर किया, जिसमें किसी वाइल्ड लाइफ फॉरेस्ट में एक युवक हिरण के बच्चे के साथ खेल रहा है। अचानक, झाड़ियों के पीछे से एक बाघ का गुर्राहट सुनाई देता है। युवक पीछे मुड़ता है, लेकिन तब तक बाघ उसकी ओर बढ़ चुका है। वीडियो अचानक बंद हो जाता है। जनसत्ता की रिपोर्ट के मुताबिक, वीडियो को 1.5 लाख से अधिक बार देखा जा चुका है। लेकिन जहां यह घटना हुई, किस राष्ट्रीय उद्यान में, किस दिन — इन सब बातों का कोई जवाब नहीं। यही नहीं, युवक की किस्मत क्या हुई? वह जिंदा है या नहीं? इसका कोई पता नहीं।
यहां तक कि वीडियो में हिरण के बच्चे के भागने का तरीका भी सवाल उठा रहा है। एक यूजर ने पूछा: "मुझे समझ नहीं आया हिरण को कैसे पता चला यह पीछे से आ रहा है जबकि आदमी तो उधर ही देख रहा था?" जंगली जीवों के बारे में जानकारी रखने वाले लोग कहते हैं कि हिरण की सुनने की क्षमता बहुत तीव्र होती है, लेकिन ऐसी बातें जो वास्तविक घटनाओं में होती हैं, उन्हें AI इतना अच्छा बना सकता है कि वो वास्तविक लगने लगती हैं।
शेरनी और ईगल: आसमान का राजा बनाम जंगल का राजा
इसी दौरान, @riyapathak123 ने एक और वीडियो डाला — जिसमें एक शेरनी अपने बच्चे की रक्षा के लिए एक ईगल से लड़ रही है। ईगल अचानक आकाश से उतरता है, अपने नाखूनों से शेर के बच्चे को पकड़ लेता है। लेकिन शेरनी एक ऐसी छलांग लगाती है, जैसे कोई फिल्म का एक्शन सीन हो। वह हवा में ईगल को पकड़ती है, जमीन पर गिराती है और उसकी गर्दन तोड़ देती है। इस वीडियो को 9 लाख से ज्यादा बार देखा गया।
लेकिन यहां भी सवाल उठ रहे हैं। क्या शेरनी इतनी तेज़ छलांग लगा सकती है? क्या ईगल इतना भारी शेर का बच्चा उठा सकता है? एक यूजर ने लिखा: "आसमान का राजा बाज होता है, जंगल का राजा शेर। यह लड़ाई दो राजाओं के बीच की है।" लेकिन वन्यजीव विशेषज्ञ बताते हैं कि ईगल शेर के बच्चे पर हमला नहीं करते — वे छोटे स्तनधारियों, खरगोश या चूहों पर हमला करते हैं। यह वीडियो शायद एक ऐसा कॉलेज प्रोजेक्ट है, जिसे वायरल करने के लिए बनाया गया है।
AI का जाल: जब वास्तविकता और नाटक के बीच फर्क नहीं दिखता
दोनों वीडियो के लिए लाखों लोगों ने एक ही शब्द का इस्तेमाल किया: AI जेनरेटेड। एक यूजर ने सीधे कहा: "यह AI वीडियो है जिसे प्रोपेगेंडा के रूप में फैलाया जा रहा है।" क्या यह वास्तव में प्रोपेगेंडा है? शायद। शायद यह किसी ने जंगल के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए बनाया है। शायद किसी ने सिर्फ वायरल होने के लिए।
यह बात अब सिर्फ जानवरों के बारे में नहीं है। यह बात हमारे दिमाग के बारे में है। हम अब उन चीजों पर भरोसा नहीं कर सकते जो हम देख रहे हैं। क्या हम अपनी आंखों पर भरोसा कर सकते हैं? क्या वीडियो जिसे हम देख रहे हैं, वह वास्तविक है? या यह किसी ऐसे AI मॉडल का नतीजा है जिसे 1000 घंटे के जंगली जीवन के वीडियो से ट्रेन किया गया है?
क्या हुआ असली जंगल में?
इन वीडियो के बीच, भारत के कई राष्ट्रीय उद्यानों में वास्तविक घटनाएं हो रही हैं। तमिलनाडु के मुदुमलई वन्यजीव अभयारण्य में पिछले महीने एक पर्यटक की गाड़ी के पास एक बाघ आ गया था — लेकिन उसने कोई हमला नहीं किया। राजस्थान के रणथंभौर में एक शेरनी अपने बच्चे के साथ एक नदी के किनारे बैठी थी, जब एक बड़ा बाज ऊपर से उड़ रहा था। शेरनी ने बस ऊपर देखा, और बाज ने दूर चला गया।
ये वास्तविक घटनाएं किसी के लिए वायरल नहीं हुईं। क्यों? क्योंकि उनमें ड्रामा नहीं है। कोई नहीं उड़ रहा था। कोई नहीं तोड़ रहा था। बस जीवन चल रहा था।
अगला कदम: कौन जांचेगा?
तकनीकी रूप से, ये वीडियो जांचना लगभग असंभव है। कोई सरकारी एजेंसी ने इनकी पुष्टि नहीं की। कोई वन विभाग ने इनके बारे में कुछ नहीं कहा। कोई विशेषज्ञ ने वीडियो का विश्लेषण नहीं किया। लेकिन यही खतरनाक है।
जब एक वीडियो 9 लाख बार देखा जाता है, तो उसका असर दूर तक फैलता है। लोग बाघों के बारे में डरने लगते हैं। वन्यजीव टूरिज्म कम हो जाता है। शायद कोई नया कानून बन जाए — जैसे जंगल में वीडियो रिकॉर्डिंग पर प्रतिबंध। यह सब एक ऐसे वीडियो के कारण हो सकता है जो शायद ही कभी हुआ हो।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
क्या ये वीडियो AI द्वारा बनाए गए हैं?
अभी तक कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है, लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि दोनों वीडियो में जानवरों की गतिविधियां बहुत अतिशयोक्तिपूर्ण हैं। शेरनी की छलांग और ईगल के साथ लड़ाई का तरीका प्राकृतिक व्यवहार के विपरीत है। AI अब इतना तेज है कि ये बातें वास्तविक लग सकती हैं, लेकिन विज्ञान के अनुसार ये असंभव हैं।
इन वीडियो का क्या प्रभाव पड़ रहा है?
इन वीडियो के कारण लोग जंगलों में जाने से डर रहे हैं, और वन्यजीव टूरिज्म पर असर पड़ रहा है। कई युवा लोग अब बाघों को खतरनाक बता रहे हैं, जबकि वास्तविकता में बाघ आमतौर पर इंसानों से दूर रहते हैं। इन वीडियो का इस्तेमाल कुछ लोग अपनी राजनीतिक या धार्मिक बातों के लिए कर रहे हैं — जैसे कर्म और धर्म के संदर्भ में।
हम वीडियो की पुष्टि कैसे कर सकते हैं?
अभी कोई भारतीय संस्थान या वन विभाग इन वीडियो के विश्लेषण के लिए तैयार नहीं है। लेकिन तकनीकी रूप से, एक विशेषज्ञ AI टूल जैसे Deepware या Truepic से वीडियो के फ्रेम्स को चेक किया जा सकता है। इन टूल्स से वीडियो में एनिमेशन, फ्रेम असंगति और अजीब शैडो लाइटिंग पहचानी जा सकती है।
इन वीडियो के पीछे कोई लक्ष्य है?
हां। कई विश्लेषकों का मानना है कि ये वीडियो जानबूझकर बनाए गए हैं ताकि जनता में डर फैले और वन्यजीव संरक्षण के खिलाफ आवाज उठाई जा सके। कुछ वीडियो में धर्म और कर्म के संदर्भ डाले गए हैं — जो भावनात्मक रूप से लोगों को आकर्षित करता है। यह एक नया रूप का जानबूझकर फैलाया गया भ्रम है।
हमें ऐसे वीडियो कैसे शेयर करना चाहिए?
हमें वीडियो शेयर करने से पहले पूछना चाहिए: क्या इसकी पुष्टि हुई है? क्या कोई विश्वसनीय स्रोत ने इसे सत्यापित किया है? अगर नहीं, तो इसे शेयर करने से पहले रुक जाएं। एक वायरल वीडियो ने एक जंगल के नाम को बदल सकता है — और शायद एक प्राकृतिक संसाधन को नष्ट कर सकता है।