रजनीकांत की 'वेट्टैयन' का प्रमियर: अमेज़न प्राइम वीडियो ने हासिल किए स्ट्रीमिंग अधिकार

रजनीकांत की 'वेट्टैयन' का प्रमियर: अमेज़न प्राइम वीडियो ने हासिल किए स्ट्रीमिंग अधिकार

सुपरस्टार रजनीकांत की बहुप्रतीक्षित फिल्म वेट्टैयन, निर्देशक टीजे ज्ञानवेल की देखरेख में 10 अक्टूबर 2024 को रूपहले परदे पर आ चुकी है। इस फिल्म में ना केवल दक्षिण भारतीय सिनेमा के आइकन रजनीकांत इसलिए शामिल हैं बल्कि बॉलीवुड के शहंशाह अमिताभ बच्चन, मलयालम अभिनेता फहाद फासिल और तेलुगु स्टार राणा दग्गुबती जैसी हस्तियां भी महत्वपूर्ण भूमिकाओं में दिखाई देती हैं। फिल्म के प्रति फैंस की उत्सुकता को देखते हुए अमेज़न प्राइम वीडियो ने इसके स्ट्रीमिंग अधिकारों को पहले ही एक महत्वपूर्ण रकम में हासिल कर लिया है। इस प्रकार का कदम प्राइम वीडियो पहले भी अपने ठोस बिजनेस प्लान के तहत फिल्म 'पुष्प' के अधिकार खरीद के कर चुका है, जिसने अच्छा मुनाफा कमाया था।

लाइका प्रोडक्शन्स के बैनर तले निर्मित, वेट्टैयन की कहानी दो अनुभवी पुलिस अधिकारियों के नैतिक संघर्ष पर केंद्रित है। रजनीकांत और अमिताभ बच्चन के बीच की झड़प फिल्म का मुख्य आकर्षण है। मंझू वारियर, रितिका सिंह और दुशारा विजयन् के साथ, फिल्म में अनिरुद्ध रविचंदर के संगीत ने इसे और भी दिलचस्प बना दिया है। फिल्म की कहानी और निर्देशन को कुछ दर्शकों ने पसंद किया है, जबकि कुछ को इसमें अधिक संवाद और धीमी गति वाली कहानियों की शिकायत है। ऐसे में यह फिल्म समीक्षकों के विचारों के मिश्रण का सामना कर रही है।

सोशल मीडिया प्लेटफार्मों पर दर्शकों ने फिल्म की अच्छे बिंदुओं और खासकर 'राजिनी मोमेंट्स' की तारीफ की है। इस फिल्म को उन बड़ी फिल्मों में गिना जाएगा जो मंच के माध्यम से दर्शकों के सीधे संपर्क में आने से पहले ही स्ट्रीमिंग प्लेटफार्मों पर परेशानी मुक्त एंटरटेनमेंट प्रदान करती हैं। चित्रपट समीक्षकों ने पूरे परिदृश्य में धीमी गति से बढ़ने और गहन संवादों के भार को उजागर किया है, लेकिन कुछ ने इसे एक उत्कृष्ट कृति करार दिया है जो प्रशंसकों के दिलों पर राज कर रही है।

शो का मुख्य विषय मानवीय नैतिकता पर चिंतन है, जिसे निर्देशक ज्ञानवेल ने बखूबी उभारा है। दर्शकों के विचार विविध हैं, कुछ इस पारम्परिक कथानक में नवीनता पाकर प्रसन्न हैं और कुछ के लिए यह फिल्म समायोजन की भूमिका निभाती है। हालांकि, फिल्म का सफलता का पैमाना उसके परिवेश और कहानी में छिपी अद्वितीयता में निहित है।

वेट्टैयन के रिलीज के साथ ही यह देखना दिलचस्प होगा कि स्ट्रीमिंग पदों पर इस फिल्म को कितने दर्शक मिल पाते हैं और मौजूदा समय में टीजे ज्ञानवेल की कहानी प्रकट होती है। देखते रहिए, जब यह फिल्म अमेज़न प्राइम वीडियो पर उपलब्ध होगी, तो क्या यह मजबूत दर्शकों की संख्या के साथ डिजिटल स्पेस में अपनी छाप छोड़ पाएगी।

द्वारा लिखित Pari sebt

मैं एक समाचार विशेषज्ञ हूँ और मुझे भारत में दैनिक समाचार संबंधित विषयों पर लिखना पसंद है।

Rajesh Sahu

ये फिल्म तो बस रजनीकांत का एक और अद्भुत नाटक है! अमिताभ बच्चन के साथ ये झड़प? भाई, ये तो इतिहास बन गई! अमेज़न प्राइम ने बड़ा काम किया! भारतीय सिनेमा की गर्व की बात है! अब तो हर फिल्म इसी तरह बने! अमेरिका की फिल्में भी इसे देखकर सीखें! ये फिल्म तो बस एक राष्ट्रीय घटना है! जय हिंद! जय रजनीकांत! जय भारत! अब तो कोई और फिल्म नहीं देखनी! इसी को देखो, इसी को स्ट्रीम करो! ये तो बस भारत की शक्ति है! और अमिताभ का डायलॉग? वाह! वाह! वाह! बस इतना ही कहना है! अब तो बस यही फिल्म देखनी है! नहीं तो तुम भारतीय नहीं हो! जय हिंद! जय रजनीकांत! जय भारत! जय हिंद! जय रजनीकांत! जय भारत! जय हिंद! जय रजनीकांत! जय भारत! जय हिंद! जय रजनीकांत! जय भारत!

Chandu p

वाह! ये फिल्म तो बस एक बहुत बड़ा अनुभव है! 😍 रजनीकांत का एक्सप्रेशन? अमिताभ का डायलॉग? अरे भाई, ये तो बस भारत का गर्व है! 🇮🇳 अमेज़न प्राइम ने बहुत अच्छा फैसला किया! अब घर बैठे देखोगे, लेकिन दिल से देखोगे! 🙏 बहुत बढ़िया! बहुत बढ़िया! बहुत बढ़िया! 🎬✨

Gopal Mishra

इस फिल्म की निर्माण शैली और नैतिक गहराई को देखकर लगता है कि टीजे ज्ञानवेल ने एक विशिष्ट विचारधारा को बहुत सावधानी से चित्रित किया है। रजनीकांत और अमिताभ बच्चन के बीच का अंतर और समानता बहुत ही सूक्ष्म रूप से दर्शाया गया है। फिल्म की धीमी गति जो कुछ लोग आलोचना कर रहे हैं, वह वास्तव में दर्शक को चिंतन के लिए समय दे रही है। अनिरुद्ध रविचंद्र का संगीत ने इस फिल्म को एक आध्यात्मिक आयाम दिया है, जो बहुत कम फिल्मों में मिलता है। इसकी कहानी एक सामाजिक संघर्ष की तरह नहीं, बल्कि एक आंतरिक युद्ध की तरह है, जिसमें प्रत्येक पात्र अपने नैतिक सिद्धांतों के बीच फंसा हुआ है। यह एक ऐसी फिल्म है जिसे देखने के बाद आप खुद को फिर से जांचने के लिए बाध्य हो जाते हैं। इसकी अद्वितीयता इस बात में है कि यह एक अभिनय की फिल्म नहीं, बल्कि एक दर्शन की फिल्म है। अगर आप बस एक्शन या एंटरटेनमेंट ढूंढ रहे हैं, तो यह फिल्म आपके लिए नहीं है। लेकिन अगर आप एक ऐसी फिल्म चाहते हैं जो आपके दिमाग को चलाए, तो यह फिल्म आपके लिए बनी है। इसकी गहराई और अंतर्दृष्टि को देखकर मुझे लगता है कि यह फिल्म आने वाले वर्षों में एक क्लासिक बन जाएगी।

Swami Saishiva

रजनीकांत की फिल्म? फिर से वही बकवास। अमिताभ का डायलॉग? बोरिंग। धीमी गति? बस बेकार का टाइम पास। अमेज़न ने पैसे उड़ा दिए।

Swati Puri

इस फिल्म में नैतिक द्वंद्व की व्याख्या को एक बहु-भाषी, बहु-सांस्कृतिक दृष्टिकोण से देखा गया है, जो दक्षिण भारतीय सिनेमा के लिए एक नया मानक स्थापित करता है। राणा दग्गुबती की भूमिका एक अंतर्निहित विरोधाभास को दर्शाती है, जो आधुनिक न्याय प्रणाली के विरोध में एक परंपरागत नैतिकता का प्रतिनिधित्व करती है। फहाद फासिल की अभिनय शैली एक अल्पसंख्यक आवाज को उठाती है, जिसे अक्सर बॉलीवुड फिल्मों में अनदेखा किया जाता है। अनिरुद्ध रविचंद्र का संगीत एक निर्माणात्मक तत्व के रूप में कार्य करता है, जो दर्शक के मन में अवचेतन भावनाओं को उकसाता है। यह फिल्म एक बहुआयामी विश्लेषण के लिए एक उत्कृष्ट आधार प्रदान करती है।

megha u

अमेज़न ने इसे खरीदा? शायद ये सब एक बड़ा गड़बड़ है... 😏 रजनीकांत की फिल्म है तो अमेज़न को भी बाजार चाहिए... ये सब बस एक नेटवर्क ऑपरेशन है। अमिताभ भी तो अमेज़न के शेयर होंगे न? 😂

pranya arora

इस फिल्म में जो चीज़ सबसे ज्यादा छू गई, वो ये है कि अच्छाई और बुराई का अंतर कितना पतला हो सकता है। रजनीकांत और अमिताभ के बीच की भावनात्मक दूरी... वो बस एक नैतिक युद्ध नहीं, बल्कि एक आत्मा का अंतर्द्वंद्व है। कभी-कभी एक फिल्म का मतलब बस यही होता है - कि आप खुद को उसमें ढूंढ लें।

Arya k rajan

मैंने फिल्म देखी, और सच में बहुत भावनात्मक लगी। रजनीकांत का एक झलक जब वो बारिश में खड़े होते हैं... बस रुक गया दिल। अमिताभ का डायलॉग भी बहुत गहरा था। मैं नहीं चाहता कि लोग इसे बस एक्शन या एंटरटेनमेंट के तौर पर देखें। ये फिल्म तो एक आत्मा की बात करती है। बस थोड़ा धैर्य रखो, और देखो। अगर तुम दिल से देखोगे, तो तुम्हें ये फिल्म तुम्हारे लिए बनी होगी।

Sree A

स्ट्रीमिंग अधिकारों का लेन-देन बॉक्स ऑफिस से ज्यादा लाभदायक है। फिल्म का टारगेट डिजिटल ऑडियंस है। निर्माण बजट कम, रिटर्न ज्यादा। अमेज़न का रणनीतिक फैसला।

DEVANSH PRATAP SINGH

मैंने फिल्म देखी। रजनीकांत ने अपना जादू बरकरार रखा है। अमिताभ का किरदार बहुत सूक्ष्म था। फिल्म का टोन बहुत गंभीर था, लेकिन अच्छा लगा। अमेज़न ने सही निर्णय लिया।

SUNIL PATEL

इस फिल्म को अमेज़न ने खरीदा? ये बकवास है। रजनीकांत की फिल्मों को थिएटर में देखना है। ये स्ट्रीमिंग बेवकूफी है। भारतीय सिनेमा का अपमान।

Avdhoot Penkar

रजनीकांत की फिल्म? अमिताभ भी? ये तो बस एक बड़ा फेक है... 😒

Akshay Patel

अमेज़न ने इस फिल्म को खरीद लिया? ये बहुत बुरा है। भारतीय सिनेमा को अमेरिकी कंपनियों के हवाले करना शर्म की बात है। रजनीकांत को भारतीय स्टूडियो के साथ रहना चाहिए। ये निर्णय देशद्रोह के बराबर है।