नारायण जगदेवसैन: रिकॉर्ड तोड़ते तमिलनाडु के विंकटकीपर‑बैटर

प्रारम्भिक जीवन और पारिवारिक पृष्ठभूमि
कोयंबटूर, तमिलनाडु में 24 दिसंबर 1995 को जन्मे नारायण जगदेवसैन का बचपन ही क्रिकेट के चारों ओर घूमा करता था। उनके पिता, सी.जे. नारायण, टाटा इलेक्ट्रिक कंपनी के लिए मुंबई में और बाद में तमिलनाडु के लिए क्रिकेट खेले थे। इसलिए घर में ही बॉल, बैट और ग्लव की ध्वनि सुनाई देती थी। नौ साल की उम्र में उन्होंने तेज़ गेंदबाजी का सपना देखा, पर पिता के मार्गदर्शन में वह विकेट‑कीपर बन गया, जो बाद में उनकी दोहरी भूमिका – बैट्समैन और किपर – को मजबूती से स्थापित करेगा।
भाई‑बहनों के साथ खेलते‑खेलते नारायण ने स्थानीय स्कूलों और क्लबों में अपने कौशल को निखारा। शुरुआती उम्र में ही उनका तेज़ दौड़ना, फुर्तीला होकर स्क्वेयर पर बैट पकड़ना और फील्डिंग में तीव्र दिमाग का प्रदर्शन उनके कोचों को आकर्षित कर गया। इस समय से ही उन्होंने अपने आप को एक पूर्ण गेंदबाज‑बैटर के बजाय एक पूर्ण‑पैकेज किपर‑बैटर के रूप में तैयार किया।

डोमेस्टिक करियर और अंतर्राष्ट्रीय मान्यता
रंजि ट्रॉफी में 27 अक्टूबर 2016 को तमिलनाडु बनाम मध्यप्रदेश के मैच में सिर्फ बीस वर्ष की आयु में उनका डेब्यू हुआ। दूसरे इनिंग में अटकाए बिना 100 न निकाल कर उन्होंने ‘प्लायर ऑफ द मैच’ का खिताब जीत लिया। यह शुरुआती शतक उनके लिये एक मोटा ताज था, जिसने उन्हें जल्दी ही भारत के सर्वश्रेष्ठ डोमेस्टिक किपर‑बैटरों में जगह दिला दी।
विजय हज़ारे ट्रॉफी में 26 फरवरी 2017 को उनका लिस्ट ए डेब्यू था, जहाँ उन्होंने 10 रन बनाए। शुरुआती तीरछापा बायचारा था, पर अगले सत्रों में उन्होंने अपनी बॅटिंग को ताल‑बद्ध किया। सितम्बर 2024 तक 44 प्रथम‑क्लास मैचों में 2,699 रन, औसत 46, आठ शतक और नौ अढ़ाई बनाकर उन्होंने स्थिरता का परिचय दिया। लिस्ट ए में 58 मैचों में 2,000 से अधिक रन, औसत 44.90, तथा आठ‑आठ शतक‑अढ़ाई ने उन्हें एक ‘रन‑मशीन’ बना दिया।
उनकी सबसे बड़ी उपलब्धि 21 नवंबर 2022 को आई, जब उन्होंने विजय हज़ारे ट्रॉफी में अरुणाचल प्रदेश के खिलाफ 141 गेंदों में 277 रन बनाकर लिस्ट ए की व्यक्तिगत सर्वाधिक स्कोर का विश्व‑रिकॉर्ड बनाया। 25 चौके और 15 छक्के मारते हुए उनका स्ट्राइक‑रेट 196.45% था। इस ऐतिहासिक पारी में उन्होंने पाँच लगातार शतक बनाने की लकीर भी तोड़ी, जिससे उनका नाम क्रिकेट इतिहास में अमर हो गया।
रंजि ट्रॉफी 2023‑24 में फिर से उन्होंने अपनी बेजोड़ फॉर्म दिखायी। कोयंबटूर के अपने होम ग्राउंड पर चंडीगढ़ के खिलाफ 321 रन बनाकर 36 साल पुरानी तमिलनाडु की व्यक्तिगत सर्वाधिक स्कोर की रिकॉर्ड को झाड़‑फूँक दिया। यह पारी केवल रन नहीं, बल्कि पिच‑पर उनकी तकनीकी महारत, शॉट चयन और मनोविज्ञान का भी प्रमाण थी।
इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) में उनका सफर 2018 में चेन्नई सुपर किंग्स द्वारा 20 लाख रुपये के अनुमान में खरीदा गया। लगातार प्रदर्शन ने उनका वेतन 2023 में 90 लाख रुपये तक पहुंचा दिया। आईपीएल में जब भी उन्हें मौका मिला, वे तेज़ रिफ़्लेक्स, सफ़ेद ड्रेसिंग रूम से निकलते ही किपर‑बैटर की भूमिका में चमक दिखाते रहे।
तमिलनाडु प्रीमियर लीग (टीएनपीएल) में भी उन्होंने दमदार प्रदर्शन किया। आठ इनिंग्स में 397 रन, औसत 56 और पाँच फिफ्टी स्कोर करके उन्होंने टूरनामेंट में सबसे ज्यादा फिफ्टी करने वाले खिलाड़ी का खिताब जीता। यह आंकड़ा उनके घरेलू लीग में भी स्थायी प्रभाव का संकेत है।
जुलाई 2025 में उनका अंतर्राष्ट्रीय बुलावा आया, जब रिषभ पैंट के फुट फ्रैक्चर के कारण उन्होंने भारत की पाँचवीं टेस्ट में जगह पाई। यह कॉल‑अप न केवल उनके व्यक्तिगत सपनों को साकार किया, बल्कि भारतीय टीम में एक भरोसेमंद किपर‑बैटर की कमी को भी पूरा किया।
उनका खेल‑शैली तेज़ी‑भरी, आक्रामक और तकनीकी रूप से निपुण है। 5 फुट 11 इंच की कद-काठी, तेज़ प्रतिक्रिया, और बैटिंग में फ्रंट‑फ़ुट ड्राइव और इनसाइड‑आउट शॉट्स उनके पसंदीदा हथियार हैं। वे अक्सर कहते हैं कि विकेटकीपिंग उन्हें हर डिलीवरी को करीब से देखना सिखाती है, जिससे उनका रफ़्तार और शॉट चयन बेहतर होता है। उनका आदर्श बल्लेबाज विराट कोहली है, जिससे उन्होंने कई बार कहा है कि कोहली की ‘केसिंग’ और ‘माइंडसेट’ ने उन्हें प्रेरित किया।
ड्यूप ट्रॉफी 2024 में इण्डिया बी के लिए खेलते हुए उन्होंने 70 रन बनाए, पर बाद की पारी में निरंतरता नहीं बन पाई। फिर भी उनका समग्र रिकॉर्ड, निरंतर गति और विश्व‑स्तर की पारी उन्हें भविष्य में भारत की लंबी फॉर्मेट में स्थायी सदस्य बना सकती है।
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