कन्नड़ टीवी चैनल की ग्राफिक्स में एंकर को विमान कॉकपिट में दिखाया गया - प्रज्वल रेवन्ना जर्मनी फ्लाइट न्यूज़ वायरल

कन्नड़ टीवी चैनल की ग्राफिक्स में एंकर को विमान कॉकपिट में दिखाया गया - प्रज्वल रेवन्ना जर्मनी फ्लाइट न्यूज़ वायरल

कन्नड़ टीवी चैनल की हाल ही में एक ग्राफिक्स सोशल मीडिया पर वायरल हो गई है, जिसमें समाचार एंकर को विमान के कॉकपिट में दिखाया गया है। इस ग्राफिक्स में दिखने वाला एंकर जर्मनी के म्यूनिख से बैंगलोर की उड़ान पर निलंबित सांसद प्रज्वल रेवन्ना के साथ नजर आ रहा है। इस समाचार को लेकर लोगों ने सोशल मीडिया पर खूब मज़े लिए और तरह-तरह की टिप्पणियाँ कीं।

प्रज्वल रेवन्ना, जो यौन उत्पीड़न के आरोपों के तहत जाँच का सामना कर रहे हैं, उन्होंने इस मामले में अग्रिम जमानत के लिए आवेदन किया है। 33 वर्षीय सांसद प्रज्वल रेवन्ना ने पहले से तय एक यात्रा योजना के तहत जर्मनी की यात्रा की थी और वे शुक्रवार की सुबह जल्दी बैंगलोर पहुंचने वाले हैं। पुलिस और अन्य संबंधित अधिकारी मोर्चा संभाल चुके हैं और प्रज्वल के आगमन पर उन्हें गिरफ्तार करने की तैयारी में हैं।

कन्नड़ टीवी चैनल की इस अनूठी और संदेशप्रद ग्राफिक्स ने सोशल मीडिया पर लोगों का ध्यान खींच लिया। इसमें देखने को मिला कि कई लोगों ने एंकर के जर्मनी से प्रज्वल रेवन्ना को लेकर आने की बात मज़ाक में बोली। वहीं, कुछ ने एंकर की सराहना की कि उन्होंने रेवन्ना को कानून के शिकंजे में लाने का काम किया।

मानवता की एक ओर बानगी देखने को मिली, जहां लोग न केवल इस खबर पर बल्कि चैनल द्वारा प्रयोग की गई इस असाधारण प्रस्तुति पर भी खुश थे। एक चैनल की प्रस्तुतिकरण में इस तरह की रोचकता और व्यंग्य भरा संदेश बहुत ही कम देखने को मिलता है, और इस बार इस चैनल ने यह कारनामा कर दिखाया।

इस घटना ने न केवल हमारी खबरों की दुनिया में एक नई स्पष्टता और ईमानदारी लाई है, बल्कि यह भी दिखाया है कि सोशल मीडिया पर खबरें कितनी तेजी से और व्यापकता से फैल सकती हैं। लोग रेवन्ना की खबर के लिए उत्सुकता से इंतजार कर रहे हैं और इस बीच इस ग्राफिक्स ने एक तरफ मनोरंजन तो दूसरी तरफ समाचार के महत्व को भी दर्शाया।

इस चैनल की प्रस्तुति ने यह भी साबित कर दिया कि किसी भी कहानी को कैसे अधिक रोचक और ध्यान आकर्षित बनाने के लिए क्रिएटिविटी का सहारा लिया जा सकता है। किसी न्यूज़ चैनल के लिए ऐसे वक्त में अपनी पहचान बनाना चुनौती भरा काम होता है, और इस चैनल ने यह करके दिखाया। अब सभी की नजरें शुक्रवार सुबह के घटनाक्रम पर होंगी जब प्रज्वल रेवन्ना बैंगलोर पहुंचेंगे और कानून का सामना करेंगे।

प्रज्वल रेवन्ना के आरोप और कानूनी प्रक्रिया

प्रज्वल रेवन्ना यौन उत्पीड़न के आरोपों के चलते कानूनी पचड़ों में घिरे हुए हैं। इन आरोपों के तहत उनपर कई गंभीर धाराओं में कारवाई चल रही है। देश की न्यायिक व्यवस्था में ऐसे मामलों को गंभीरता से लिया जाता है और इस मामले में भी ऐसा ही हो रहा है। रेवन्ना की जमानत याचिका पर सुनवाई जारी है और देखने वाली बात होगी कि कोर्ट क्या निर्णय लेती है।

राजनीति में सक्रिय और युवा सांसद होने के नाते, रेवन्ना की इस मामले में संलिप्तता ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं। उनके पार्टी और समर्थकों के लिए यह एक बड़ा झटका है और इसके चलते उन्होंने कई बयान भी जारी किए हैं।

सोशल मीडिया की प्रक्रिया और सार्वजनिक प्रतिक्रिया

सोशल मीडिया पर इस खबर और ग्राफिक्स को लेकर लोगों ने तमाम तरह की प्रतिक्रियाएं दी हैं। कुछ लोगों ने चैनल की इस क्रिएटिविटी की सराहना की है, तो कुछ ने इसे मज़ेदार और व्यंग्यात्मक बताया है। इसमें कोई शक नहीं कि इस घटना ने सोशल मीडिया पर एक नया ट्रेंड सेट कर दिया है और लोग इस पर चर्चा कर रहे हैं।

लोगों की प्रतिक्रियाएं बताते हैं कि वे इस घटना को कैसे देख रहे हैं और यह भी कि प्रस्तुतिकरण के तरीके ने उनकी दिलचस्पी को कैसे बढ़ाया है। कुछ लोग इसे चैनल की बहुत बड़ी सफलता मान रहे हैं और वहीं कुछ इसे एक रोचक प्रयोग के रूप में देख रहे हैं।

इस प्रकार, यह घटना न केवल प्रज्वल रेवन्ना के मामले में महत्वपूर्ण मोड़ है बल्कि पत्रकारिता में भी एक नया अध्याय है। सोशल मीडिया की बड़ती भूमिका के साथ, अब सभी पत्रकार और न्यूज़ चैनल इस और ध्यान दे रहे हैं कि कैसे वे अपनी प्रस्तुति को और भी अधिक रोचक और ध्यानाकर्षक बना सकते हैं।

द्वारा लिखित Pari sebt

मैं एक समाचार विशेषज्ञ हूँ और मुझे भारत में दैनिक समाचार संबंधित विषयों पर लिखना पसंद है।

DIVYA JAGADISH

ये ग्राफिक्स तो बिल्कुल मजेदार है। एंकर को कॉकपिट में देखकर लगा जैसे वो खुद उड़ान भर रहा हो। न्यूज़ चैनल ने अच्छा किया, बोरियत तोड़ दी।
कोई भी नहीं भूलेगा ये वीडियो।

Amal Kiran

ये सब नाटक है। एंकर को कॉकपिट में डालकर क्या फायदा? ये लोग जनता को बेवकूफ बनाने की कोशिश कर रहे हैं।
प्रज्वल के खिलाफ गंभीर आरोप हैं, और ये बेकार की ग्राफिक्स बनाकर ध्यान भटका रहे हैं।
सच्चाई को छिपाने की कोशिश मत करो।

abhinav anand

इस ग्राफिक्स को देखकर मुझे लगा कि न्यूज़ चैनल ने अपनी बात को बहुत ही क्रिएटिव तरीके से पेश किया है।
शायद ये बस एक तरह का मजाक है, लेकिन इसमें कुछ सच्चाई भी है।
लोग अब सिर्फ खबर नहीं, उसके तरीके पर भी बात कर रहे हैं।
ये बदलाव अच्छा है।
कभी-कभी अलग तरह से देखने से नए सवाल उठते हैं।
मैं इस तरह की प्रस्तुति को सराहता हूँ, बशर्ते वास्तविकता को न भूला जाए।
ये ग्राफिक्स ने बहुत सारे लोगों को इस मामले के बारे में सोचने पर मजबूर कर दिया।
अगर ये एक शॉर्ट फिल्म होती तो ऑस्कर मिल जाता।
मुझे लगता है इस तरह के ट्रेंड्स ने पत्रकारिता को जिंदा रखा है।
हम जितना ज्यादा बात करेंगे, उतना ही ज्यादा सच सामने आएगा।
कोई भी चैनल इतना ध्यान नहीं आकर्षित कर पाता जितना ये एक ग्राफिक्स ने किया।
मैं नहीं कह रहा कि ये सही है, लेकिन ये असरदार है।
हमें इस तरह के अनोखे तरीकों को अपनाने की जरूरत है।
बस एक बात - अगर ये मजाक है तो इसे बहुत ज्यादा गंभीरता से मत लो।
अगर ये सच है तो इसे बहुत ज्यादा हल्के में मत लो।

Rinku Kumar

अरे भाई, ये चैनल तो बिल्कुल नोबेल पुरस्कार के लायक है! एंकर को कॉकपिट में डालकर एक बार फिर दिखाया कि न्यूज़ कैसे बनती है - जब असली खबर बोरियत भरी हो, तो बस एक एनिमेशन और बस! जर्मनी से बैंगलोर तक उड़ान भर रहे हैं एंकर, न कि प्रज्वल।
मैं तो ये चैनल अपने घर में रख लूंगा, अगर कोई न्यूज़ नहीं आता तो इसे चला दूंगा।
क्या ये वाकई में खबर है या एक ब्लैक कॉमेडी फिल्म? कोर्ट में जाने वाला आदमी और एंकर का कॉकपिट ड्राइविंग - ये तो बहुत बड़ा एक्सपेरिमेंट है।
अब अगली बार क्या दिखाएंगे? क्या एंकर रेवन्ना को गिरफ्तार करने के लिए पुलिस कार चलाएगा? या फिर वो एक्स-रे मशीन में बैठकर उनके दिल की बीट दिखाएगा?
ये न्यूज़ नहीं, ये एक टीवी सीरीज है।
मैं इसे देखकर हंस रहा हूँ, लेकिन दुख भी हो रहा है कि हम इतना गंभीर नहीं रह पा रहे।
ये ग्राफिक्स ने बता दिया कि सच्चाई के बजाय ध्यान आकर्षित करना अब सबसे बड़ा जॉब है।
अगर ये चैनल इतना क्रिएटिव है, तो अगली बार एंकर को बैंगलोर एयरपोर्ट पर आते हुए दिखाएं - और एक बड़ा बोर्ड लगा दें: 'प्रज्वल रेवन्ना आ गया - अब बाकी सब तो जानते ही होंगे'।
मैं तो इस चैनल को अपना फेवरेट बना लूंगा।
ये न्यूज़ नहीं, ये आर्ट है।
और हाँ, इसके लिए ऑस्कर दे दो।

Pramod Lodha

ये ग्राफिक्स देखकर बहुत अच्छा लगा। लोग जब तक इस तरह की चीज़ों पर बात करेंगे, तब तक ये मामला भूला नहीं जाएगा।
कानून का सामना करना है तो करना ही पड़ेगा, लेकिन इस तरह से लोगों को जागृत करना भी जरूरी है।
इस चैनल ने बहुत समझदारी से काम किया है।
ये बस मजाक नहीं, ये एक अलग तरह की जागरूकता है।
हम जितना इस पर बात करेंगे, उतना ही ज्यादा लोग इस बारे में सोचेंगे।
ये ग्राफिक्स ने सबको एक साथ लाया है - हंसने वाले, गुस्सा होने वाले, सोचने वाले सब।
ये न्यूज़ नहीं, ये एक मोमेंट है।
अगर ये चैनल इसी तरह आगे बढ़े तो भारत की न्यूज़ लैंडस्केप बदल जाएगी।
मैं इसे अपने दोस्तों के साथ शेयर कर रहा हूँ।
हमें इस तरह के प्रयोगों की जरूरत है - न कि बोरिंग ब्रीकिंग न्यूज़।
अगर आप भी इसे देख चुके हैं, तो एक बार फिर देखिए - अब आपको शायद कुछ और दिखेगा।