चिराग पासवान: एक नायक का उदय
चिराग पासवान: एक नायक का उदय
चिराग पासवान, एक युवा और उत्साही नेता, ने अपने राजनीतिक करियर में उल्लेखनीय प्रगति की है। हाजीपुर लोकसभा क्षेत्र के प्रतिनिधि के रूप में उन्होंने हाल ही में केंद्रीय मंत्रिमंडल में शपथ ली है। लेकिन, इस मुकाम तक पहुँचने की उनकी यात्रा बेहद दिलचस्प और प्रेरणादायक है।
शुरुआती जीवन और शिक्षा
चिराग पासवान का जन्म 1983 में हुआ था। उन्होंने दिल्ली के राष्ट्रीय मुक्त विद्यालयी शिक्षा संस्थान से अपनी स्कूली शिक्षा पूरी की और बाद में झांसी के इंजीनियरिंग और प्रौद्योगिकी संस्थान से कम्प्यूटर इंजीनियरिंग में बी.टेक की पढ़ाई शुरू की। हालांकि, उन्होंने तीसरे सेमेस्टर में ही पढ़ाई छोड़ दी।
बॉलीवुड से राजनीति तक का सफर
चिराग पासवान ने राजनीति में कदम रखने से पहले बॉलीवुड में अपनी किस्मत आजमाई। उन्होंने 2011 में कंगना रनौत के साथ फिल्म 'मिले ना मिले हम' से अपने फिल्मी करियर की शुरुआत की। हालांकि, फिल्म बॉक्स ऑफिस पर अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाई और उन्होंने इसके बाद फिल्म इंडस्ट्री को छोड़ दिया।
राजनीति का नया रास्ता
2012 में, चिराग पासवान ने लोक जनशक्ति पार्टी (एलजेपी) में शामिल होकर अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत की। उन्होंने 2014 में बिहार के जमुई से लोकसभा सीट पर चुनाव लड़ा और जीत हासिल की। यह सीट उनके लिए महत्वपूर्ण थी क्योंकि उनके पिता, रामविलास पासवान, ने इसे 1977 से आठ बार जीता था।
राष्ट्रीय अध्यक्ष और महत्वपूर्ण भूमिका
चिराग पासवान ने 2019 में फिर से जमुई से चुनाव जीता और एलजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष बने। उनके नेतृत्व में, पार्टी ने भाजपा के साथ गठबंधन किया और महत्वपूर्ण सीटें जीतीं। 2014 के लोकसभा चुनाव में एलजेपी ने छह सीटें जीतीं, जबकि 2009 में इसे कोई सीट नहीं मिली थी।
परिवारिक संघर्ष और नई पार्टी का गठन
चिराग पासवान ने अपने पिता की मृत्यु के बाद परिवारिक संघर्ष का भी सामना किया। 2020 में, उनके चाचा पशुपति कुमार पारस के साथ विवाद हुआ और 2021 में पांच एलजेपी सांसदों ने पारस के साथ हाथ मिला लिया। इसके बाद, चिराग ने एक नई पार्टी 'लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास पासवान)' की स्थापना की और 2024 के लोकसभा चुनाव में पांच सीटें जीतीं।
केंद्रीय मंत्री के रूप में नई भूमिका
चिराग पासवान का यह सफर बेहद प्रेरणादायक रहा है। एक समय पर फिल्मी दुनिया में असफलता का सामना करने के बाद, उन्होंने राजनीति में अपनी पहचान बनाई और अब नए केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल हो गए हैं। यह उनके लिए और उनके समर्थकों के लिए एक बड़ी उपलब्धि है।
चिराग पासवान की यह यात्रा न केवल उनके व्यक्तिगत संघर्षों की कहानी है, बल्कि यह एक युवा नेता के रूप में उनके संकल्प और दृढ़ता की भी मिसाल है। राजनीति में उनकी एंट्री से लेकर केंद्रीय मंत्री बनने तक का सफर उन सभी के लिए प्रेरणादायक है जो अपने जीवन में बड़े सपने देखते हैं और उन्हें साकार करने की दृढ़ इच्छा रखते हैं।
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