अगर आप शूटिंग में नए हैं या अपनी स्कोर को सुधारना चाहते हैं, तो 50 मीटर राइफल की तीन पोज़ीशन को सही से समझना जरूरी है। प्रोन (lying), स्टैंडिंग और नी क्लिंग (kneeling) – इनको कैसे करना है, कब कौन सी चुनें और क्या गियर चाहिए, सब कुछ यहाँ आसान भाषा में बताया गया है।
प्रोन पोज़िशन: बेस्ट स्थिरता का राज
सबसे पहले प्रोन पोज़िशन पर बात करते हैं। जमीन पर लेटकर राइफल को दोनों हाथों से पकड़ते हैं, पैर सीधा या थोड़ा मोड़ा रख सकते हैं। मुख्य बात है कंधे और टखने के बीच एक सीधी लाइन बनाना ताकि शरीर में हल्की कंपना न हो। ब्रेस (गियर) जैसे कि सैंडबॉक्स या पेडल का प्रयोग करें, इससे राइफल की स्थिरता बढ़ती है। लक्ष्य पर ध्यान केंद्रित रखें, सांस को धीरे-धीरे छोड़ते हुए शॉट निकालें – यह एक आसान ट्रिक है जो स्कोर को तुरंत ऊपर ले जा सकती है।
स्टैंडिंग पोज़िशन: संतुलन और फोकस का परीक्षण
स्टैंडिंग पोज़िशन सबसे कठिन मानी जाती है, क्योंकि पूरे शरीर की स्थिरता चाहिए। पैर को कंधे-चौड़ाई पर रखें, एक पैर थोड़ा आगे रखकर बैलेन्स बनायें। राइफल को कंधे के साथ लटकाएँ और दोनों हाथों से पकड़ें – बाईं हाथ नीचे और दायीं हाथ ट्रिगर पर। आँखें लक्ष्य के केंद्र में रखें, फिर धीरे-धीरे श्वास छोड़ते हुए फायर करें। अगर आप शुरुआती हैं तो छोटे‑छोटे रेंज में अभ्यास करके शरीर की मांसपेशियों को मजबूत कर सकते हैं।
नी क्लिंग पोज़िशन प्रोन और स्टैंडिंग के बीच का संतुलन है। घुटने पर बैठकर एक पैर को आगे बढ़ाएँ, दूसरी पैर की एड़ी जमीन पर रखें। इस स्थिति में कंधे और टखनों को सीधा रखना जरूरी है ताकि राइफल स्थिर रहे। अक्सर शुरुआती लोग नी क्लिंग में कम फोकस देते हैं, लेकिन यह स्कोर को काफी सुधार सकता है क्योंकि इसमें प्रोन जैसी स्थिरता मिलती है और स्टैंडिंग की लचीलापन भी रहता है।
अब बात करते हैं जरूरी गियर की। 50 मीटर राइफल के लिए आमतौर पर .22LR कैलिबर की राइफल उपयोग होती है, लेकिन कुछ प्रतियोगिताओं में इम्प्रेसिव 5.56mm या 7.62mm भी चलती हैं। ब्रेस (रिकीविंग एड़्ज़), प्रोटेक्टर्स और सटीक निशाना लगाने वाले उपकरण जैसे कि ओपन एइज़ या स्कोप आपके शॉट को बेहतर बनाते हैं। गियर खरीदते समय वजन, बैलेंस और आराम पर ध्यान दें – भारी राइफल लंबे समय तक पकड़ना थकान देता है।
प्रैक्टिस का तरीका भी महत्वपूर्ण है। हर पोज़िशन के लिए कम से कम 30 मिनट रोज़ अभ्यास रखें। पहले प्रोन में 10‑15 शॉट्स ले, फिर स्टैंडिंग और अंत में नी क्लिंग पर ध्यान दें। हर सत्र के बाद अपनी स्कोर लिखें, देखें कि कौन सी पोज़िशन बेहतर चल रही है और कहाँ सुधार की जरूरत है। इस तरह आप जल्दी ही अपने एरर मार्जिन को कम कर पाएँगे।
प्रतियोगिता में भाग लेने से पहले रेंज नियमों को पढ़ना न भूलें। कुछ रेंज पर सिंगल‑स्टॉप शॉट्स या टाइम लिमिट होते हैं, जबकि कुछ में कई बार फायर करने की अनुमति होती है। अपने कोच या अनुभवी शूटर से पूछें कि किस तरह के प्रैक्टिस ड्रिल आपके लिए सबसे फायदेमंद रहेगा।
अंत में एक छोटी सी टिप: लक्ष्य पर नजर नहीं बल्कि साइलिंडर (स्लाइट) पर फोकस रखें। इससे आंखों की थकान कम होती है और शॉट अधिक स्थिर रहता है। यदि आप इन बुनियादी बातों को रोज़ाना लागू करेंगे, तो आपके स्कोर में निश्चित सुधार दिखेगा और 50 मीटर राइफल के तीन पोजिशन में महारत हासिल करना आसान हो जाएगा।
भारतीय निशानेबाज स्वप्निल कुशाले ने पेरिस ओलंपिक्स 2024 के पुरुषों की 50 मीटर राइफल 3 पोजिशन्स इवेंट के फाइनल के लिए क्वालिफाई कर लिया है। कुशाले ने तीन पोजिशन्स में कुल 590 अंक अर्जित किए। भारत ने इस इवेंट में कभी भी मेडल नहीं जीता है, इस प्रकार उनकी क्वालिफिकेशन महत्वपूर्ण है।