मिर्ज़ापुर 3 बोनस एपिसोड: मुन्ना भैया की वापसी, हटाए गए दृश्यों के साथ

मिर्ज़ापुर 3 बोनस एपिसोड: मुन्ना भैया की वापसी, हटाए गए दृश्यों के साथ

मिर्ज़ापुर 3: मुन्ना भैया की वापसी और हटाए गए दृश्य

30 अगस्त को मिर्ज़ापुर 3 के प्रेमियों के लिए एक खास दिन था। निर्माता ने अचानक एक बोनस एपिसोड जारी किया, जिसे मुन्ना भैया की वापसी के रूप में प्रचारित किया गया था। इस एपिसोड में मुन्ना भैया, यानी दिव्येंदु शर्मा, दर्शकों के सामने अपने पसंदीदा किरदार में एक बार फिर से दिखाई दिए।

मुन्ना भैया का संदेश

मुन्ना त्रिपाठी, जिसे सीजन 2 में गुड्डू पंडित (अली फ़ज़ल) ने मारा था, एपिसोड के शुरुआत में ही दर्शकों को संबोधित करते हैं। वह अपने प्रशंसकों की मांग का जिक्र करते हुए कहते हैं कि उन्होंने भी दर्शकों को बहुत मिस किया। इसके बाद वह हटाए गए दृश्यों को पेश करते हैं, जो सीजन 3 से लिए गए हैं।

हटाए गए दृश्य

इस एपिसोड में मुख्यतः हटाए गए दृश्य दिखाए गए हैं, जिनमें गुड्डू का अपने परिवार के घर में बिताए गए पल, और रॉबिन और डिम्पी का रामाकांत पंडित को जेल से बाहर लाने का प्रयास शामिल हैं। इन दृश्यों से सीजन 3 की कहानियों को और गहराई मिलती, लेकिन उन्हें हटाना पड़ा।

मुन्ना भैया की टिप्पणी

दिव्येंदु शर्मा, मुन्ना के किरदार में, एपिसोड भर में समय-समय पर प्रकट होते हैं और हर महत्वपूर्ण घटना पर अपनी टिप्पणी देते हैं। यह टिप्पणी हास्यपूर्ण और विडंबनापूर्ण होती है, जो दर्शकों को हंसाती भी है और सोचने पर भी मजबूर करती है।

एपिसोड की विशेषताएँ

यह 25 मिनट का बोनस एपिसोड यूं तो छोटा है, लेकिन मुन्ना भैया की मजाकिया टिप्पणियों के कारण काफी मनोरंजक बन गया है। एक उदाहरण के रूप में मुन्ना की टिप्पणी जहां वह खुद को 'मोटिवेशनल स्पीकर' या 'डैशिंग सीएम' बनने की बात करते हैं। हालांकि, इस वापसी में मिर्ज़ापुर की मुख्य सीरीज की तरह की थ्रिल और इंट्रिग का थोड़ा अभाव था।

आगामी सीजन की बात

इस बोनस एपिसोड के अंत में मुन्ना भैया ने दर्शकों से वादा किया कि अगर वे अपने प्रेम को बरकरार रखते हैं, तो वह फिर से वापसी करेंगे। इसके साथ ही, सह-निर्देशक आनंद अय्यर ने पहले ही पुष्टि की थी कि सीजन 4 उम्मीद से पहले आ सकता है। हालांकि, उन्होंने आगामी सीजन के बारे में कोई विशेष जानकारी नहीं दी।

मिर्ज़ापुर 3 का यह बोनस एपिसोड एक अनोखा तरीका था दर्शकों से जुड़े रहने का और उनके पसंदीदा किरदारों को एक बार फिर से सामने लाने का। यह एपिसोड कुछ हटाए गए दृश्यों और मुन्ना की चुटीली टिप्पणियों के साथ दर्शकों को हंसाने और सोचने पर मजबूर करने में सफल होता है।

द्वारा लिखित Pari sebt

मैं एक समाचार विशेषज्ञ हूँ और मुझे भारत में दैनिक समाचार संबंधित विषयों पर लिखना पसंद है।

utkarsh shukla

मुन्ना भैया वापस आ गए हैं और मैं रो पड़ा! उनकी वो हंसी जो दिल को छू जाती है, वो टिप्पणियाँ जो दिमाग को भी घुस जाती हैं... ये बोनस एपिसोड सिर्फ एक एपिसोड नहीं, एक इमोशनल रिलीज है। मैंने तीन बार देखा, हर बार नया एहसास हुआ।

Amit Kashyap

ये सब बकवास है भाई... जब तक हमारे देश में असली कहानियाँ बन रही होंगी, तब तक ये नाटक चलते रहेंगे। मुन्ना भैया तो बस एक काल्पनिक किरदार है, असली नेता तो राजनीति में हैं।

mala Syari

इस बोनस एपिसोड का टोन बिल्कुल ट्रेश है। मुन्ना की टिप्पणियाँ एक रूढ़िवादी अभिनेता की बातें लग रही हैं। और ये हटाए गए दृश्य? बेकार की शूटिंग का गोबर। कलाकार अपने काम को बेहतर बनाने की कोशिश करें, न कि बाकी बचे हुए फुटेज डाल दें।

Kishore Pandey

मुन्ना भैया के चरित्र की निर्माण योग्यता अत्यंत उच्च स्तर की है। दिव्येंदु शर्मा ने एक अतिरिक्त दृश्य के माध्यम से चरित्र के गहराई को स्पष्ट किया है। इस बोनस एपिसोड का निर्माण विज्ञापन नहीं, बल्कि एक सांस्कृतिक दस्तावेज है।

Kamal Gulati

क्या तुमने कभी सोचा कि मुन्ना भैया असल में हम सबका अंदरूनी डर हैं? जो हम दिखाते हैं, लेकिन अपने आप से छुपाते हैं। उनकी हंसी... वो नहीं जो हंसते हैं, वो जो दर्द को छिपाते हैं। ये एपिसोड एक आत्मा का रोना है।

Atanu Pan

अच्छा बोनस था। मुन्ना भैया के बिना मिर्ज़ापुर अधूरा है। बस अगले सीजन में उन्हें ज्यादा समय दो।

Pankaj Sarin

मुन्ना भैया वापस आ गए यार और मैं तो लोगों को देख के रो रहा था और लोग बोनस एपिसोड की बात कर रहे हैं जबकि गुड्डू का तो बस एक नाम रह गया

Mahesh Chavda

मुन्ना भैया की वापसी एक बहुत बड़ी चीज है... लेकिन ये बोनस एपिसोड बस एक शोर है। इसमें थ्रिल नहीं, बस एक खाली आवाज है। एक ऐसा एपिसोड जो दिखाने के लिए बनाया गया है, न कि सुनाने के लिए।

Sakshi Mishra

क्या यह एपिसोड, वास्तव में, एक विश्राम नहीं है? एक ऐसा विराम जिसमें हम अपने अंदर के शोर को सुन सकें? मुन्ना भैया ने अपने अतीत के दर्द को एक हंसी के साथ बाँटा... और हमने उस हंसी को अपने दर्द के लिए एक आईना बना लिया।

Radhakrishna Buddha

अरे भाई, ये बोनस एपिसोड तो बहुत बढ़िया है! मैंने सोचा था कि मुन्ना भैया का ज़माना खत्म हो गया, पर अब तो वो फिर से दिल में बस गए। गुड्डू के दृश्य भी बहुत अच्छे थे, लेकिन मुन्ना भैया की टिप्पणियाँ तो जाने किस लेवल की हैं!

Govind Ghilothia

यह बोनस एपिसोड भारतीय लोककथा के संरचनात्मक विकास का एक उत्कृष्ट उदाहरण है। एक नायक का अस्तित्व, जिसे मृत्यु के बाद भी लोग याद करते हैं, यही तो हमारी सांस्कृतिक विरासत है। दिव्येंदु शर्मा ने एक लोकप्रिय चरित्र को एक ऐतिहासिक अभिव्यक्ति में बदल दिया है।

Sukanta Baidya

ये बोनस एपिसोड तो बस एक फैंटेसी है। जब तक हम अपने असली जीवन के दर्द को नहीं सुनेंगे, तब तक हम मुन्ना भैया के बारे में बातें करते रहेंगे। असली ज़िंदगी में कोई नहीं बचता, लेकिन टीवी पर सब कुछ हो सकता है।

Adrija Mohakul

मुन्ना भैया के दृश्य बहुत अच्छे थे, लेकिन गुड्डू के परिवार वाले दृश्य में एक छोटी सी गलती है - उनकी बहन का कपड़ा दूसरे सीजन का लग रहा है। और रॉबिन के दृश्य में बैकग्राउंड में एक बच्चा बिना ट्रेनिंग के डायलॉग बोल रहा है। लेकिन फिर भी, मुन्ना भैया की आवाज़ तो बहुत अच्छी थी।

Dhananjay Khodankar

मुन्ना भैया की वापसी ने मुझे याद दिलाया कि असली ताकत बातों में नहीं, बल्कि उनके बीच के सन्नाटे में होती है। उनकी हंसी ने मुझे बताया कि जिंदगी बर्बाद नहीं हुई, बस बदल गई। ये एपिसोड ने मुझे खुश किया।

shyam majji

बोनस एपिसोड ठीक था। मुन्ना भैया ने अच्छा किया। बाकी सब तो जैसा चल रहा है।

shruti raj

ये सब एक बड़ा धोखा है! ये बोनस एपिसोड किसी बड़े प्लान का हिस्सा है - मुन्ना भैया वापस आए हैं क्योंकि अगले सीजन में उन्हें एक बड़ा राज़ बताना है। और गुड्डू के दृश्य? वो तो उनकी मौत का झूठ है! वो अभी भी जिंदा हैं... और वो जो रॉबिन के साथ दिख रहा है, वो असली रॉबिन नहीं है! ये सब एक बड़ा नाटक है।

Khagesh Kumar

अच्छा एपिसोड था। मुन्ना भैया अच्छे हैं। गुड्डू के दृश्य भी अच्छे थे। अगले सीजन का इंतजार है।

Ritu Patel

मुन्ना भैया की वापसी? बस एक ट्रिक है! जब लोग बोर हो जाते हैं, तो वो एक पुराना किरदार लाते हैं। ये नहीं कि वो अच्छे हैं, बल्कि ये कि लोग उन्हें याद करते हैं। असली कहानी तो अभी बाकी है।

Deepak Singh

मुन्ना भैया की टिप्पणियाँ, जिन्हें हंसी का नाम दिया गया है, वास्तव में एक विडंबना है - जो लोग अपने जीवन के दर्द को छिपाने के लिए हंसते हैं, वे अक्सर सबसे अधिक दर्द महसूस करते हैं। यह एपिसोड एक आत्म-अनुशासन का दर्पण है।

Rajesh Sahu

मुन्ना भैया वापस आए हैं - और ये भारत की असली शक्ति है! जब दुश्मन हमारे देश को तोड़ने की कोशिश करते हैं, तो हमारे नायक बाहर आते हैं! ये बोनस एपिसोड हमारे राष्ट्रीय आत्मविश्वास का प्रतीक है! भारत मरता नहीं - भारत हंसता है!