लड़की बहिन योजना: कौन‑सी महिलाएँ नहीं पाएँगी ₹1500 हर महीने?

लड़की बहिन योजना: कौन‑सी महिलाएँ नहीं पाएँगी ₹1500 हर महीने?

योजना की मुख्य शर्तें

2024 में लॉन्च हुई Ladki Bahin Yojana का उद्देश्य महिलाओं को आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनाना है। सरकार ने इस योजना के लिये ₹46,000 करोड़ आवंटित किए, जिनमें से अगले वित्तीय वर्ष में ₹36,000 करोड़ जारी रखे जाने वाले हैं। पात्र महिलाओं को हर महीने ₹1,500 सीधे उनके बैंक खाते में DBT (Direct Benefit Transfer) के जरिए मिलते हैं। लेकिन इस आकर्षक लाभ के लिये कई कड़े मानदंड तय किए गए हैं।

  • आयु सीमा: केवल 21 से 65 साल के बीच की महिलाएँ ही इस सुविधा का लाभ ले सकती हैं। 21 साल से कम या 65 साल से अधिक उम्र की महिलाएँ भुगतान से बाहर रखी जाती हैं।
  • आय मानदंड: परिवार की वार्षिक आय ₹2.5 लाख से अधिक होने पर योजना लागू नहीं होती। यह सीमा आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग को प्राथमिकता देती है।
  • निवासीयता: केवल महाराष्ट्र राज्य की स्थायी निवासी महिलाएँ ही इस योजना के पात्र हैं। अन्य राज्य या केंद्र शासित प्रदेश की महिलाएँ इसमें शामिल नहीं होंगी।
  • e‑KYC आवश्यकताएँ: मौजूदा लाभार्थियों को निर्धारित समय में e‑KYC पूरा करना अनिवार्य है, नहीं तो मासिक भुगतान कट सकता है।
  • आवेदन की अंतिम तिथि: योजना के लिए आवेदन नवंबर 2024 में बंद हो गया। 15 अक्टूबर 2024 से पहले आवेदन न करने वाली महिलाओं को भुगतान नहीं मिलेगा, भले ही वे अन्य सभी शर्तें पूरी करती हों।
  • वैवाहिक स्थिति: विवाहित, विधवा, तलाकशुदा या छोड़ी हुई महिलाओं को अलग‑अलग दस्तावेज़ प्रस्तुत करने होते हैं। दस्तावेज़ की कमी या अधूरी जानकारी के कारण उन्हें बाहर निकाला जा सकता है।
कौन सी महिलाएँ बाहर रह सकती हैं?

कौन सी महिलाएँ बाहर रह सकती हैं?

ऊपर बताई गई शर्तें स्पष्ट करती हैं कि कौन‑सी महिलाएँ इस वित्तीय सहायता से वंचित रह सकती हैं। उदाहरण के तौर पर, यदि एक 20 साल की कॉलेज छात्रा है और उसका परिवार आयु सीमा से बाहर है, तो उसे इस योजना में शामिल नहीं किया जायेगा। इसी तरह, जब कोई महिला गठित परिवार का हिस्सा है जिसकी कुल आय ₹3 लाख है, तो वह भी पात्र नहीं होगी।

एक और जटिल बिंदु e‑KYC है। कई बुजुर्ग महिलाएँ या डिजिटल साक्षरता कम रखने वाली महिलाएँ समय पर e‑KYC नहीं कर पातीं। इस छोटे से चूक से उन्हें पूरे वर्ष ₹1,500 महीना नहीं मिलता। सरकारी विभाग ने इस समस्या को कम करने के लिये मोबाइल कियोस्क और ग्राम स्तर पर सहायता केंद्र स्थापित किए हैं, लेकिन अभी भी कई गाँव में यह सुविधा पूरी तरह कार्यशील नहीं है।

आवेदन की समय सीमा भी बहुत मायने रखती है। 2024 में योजना शुरू होने के बाद, कई महिलाओं को जानकारी देर से मिली और उन्होंने निर्धारित तिथि से बाद में आवेदन किया। रिपोर्ट के अनुसार, लगभग 12% संभावित लाभार्थी इस कारण से कट गए।

इन सभी बाधाओं के बावजूद, योजना ने कई महिलाओं को गति दी है। जिन सभी ने शर्तें पूरी कीं, उन्होंने अपने स्वास्थ्य, पोषण और छोटे स्तर के व्यवसाय में निवेश किया है। अक्सर ये महिलाएँ अपने बच्चों की पढ़ाई या घर के कर्ज की किश्तों के लिये भी इस रकम का उपयोग करती हैं, जिससे उनका जीवन स्तर में सुधार होता है।

सरकार की योजना के अगले चरण में शर्तों की पुन: समीक्षा और अधिक सहज e‑KYC प्रक्रिया को शामिल किया जा सकता है, ताकि अधिकतम महिलाओं को लाभ पहुँचाया जा सके। इस दिशा में आगे की नीतियों को देखना बाकी है।

द्वारा लिखित Pari sebt

मैं एक समाचार विशेषज्ञ हूँ और मुझे भारत में दैनिक समाचार संबंधित विषयों पर लिखना पसंद है।