भारतीय महिला टीम ने जीता पहला खो-खो विश्व कप, प्रधानमंत्री ने दी बधाई

भारतीय महिला टीम ने जीता पहला खो-खो विश्व कप, प्रधानमंत्री ने दी बधाई

खो-खो विश्व कप का ऐतिहासिक जीत पर नजर

भारतीय महिला खो-खो टीम ने इतिहास रचते हुए पहला खो-खो विश्व कप जीतकर देश का नाम रोशन किया। यह मैच 19 जनवरी 2025 को नई दिल्ली के इंदिरा गांधी इंडोर स्टेडियम में खेला गया, जहाँ भारत ने नेपाल को 78-40 के अंतर से हराया। इस जीत पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने टीम को बधाई देते हुए उनकी दृढ़ता और उत्कृष्ट कौशल की सराहना की।

टीम की अद्वितीय खेल कौशल

भारतीय टीम की कप्तान प्रियंका इंगले के नेतृत्व में टीम ने पहली बार आयोजन किए गए इस विश्व कप में अपने खेल कौशल का अद्वितीय प्रदर्शन किया। खेल की शुरुआत से ही भारतीय खिलाड़ी पूरी तरह से आक्रामक नजर आए। पहले टर्न में टीम ने 14 अंक हासिल किए, जिसमें नेपाल की तीन बैचों को समाप्त किया गया। दूसरी ओर नेपाल की टीम की कठिनाइयाँ जारी रहीं और वे दूसरे टर्न के अंत तक केवल 24 अंक ही बना सके। मध्यांतर तक भारत 11 अंकों की बढ़त बनाए रखने में सफल रहा।

दृढ़ता और निर्देशन की मिसाल: प्रियंका इंगले

कप्तान प्रियंका इंगले ने जिस तरह से टीम का निर्देशन किया, वह सराहनीय था। उनका संयुक्त प्रयास, नेतृत्व क्षमता और उनकी रणनीतिक कौशल का इस जीत में बड़ा योगदान था। प्रत्येक टर्न के दौरान टीम ने अपने गति और रणनीति का विशाल प्रदर्शन किया। खासकर पारी के चौथे टर्न में भारतीय टीम ने आश्चर्यजनक प्रदर्शन करते हुए 78 अंक हासिल किए।

चैत्रा का ड्रीम रन

चैत्रा ने अपने ड्रीम रन से दर्शकों को मंत्रमुग्ध किया, जो पूरे 5 मिनट 14 सेकंड तक चला। खेल के इस निर्णायक चरण में भारतीय टीम ने अपनी पकड़ को और मजबूत किया। इस अद्वितीय प्रदर्शन ने न केवल मैच का रूख भारतीय टीम की ओर मोड़ा, बल्कि खेल प्रेमियों को एक नई उमंग से भर दिया।

प्रतियोगिता का सफर और उपलब्धियां

इस विश्व कप की ओर भारतीय टीम का सफर एक शानदार कहानी है। समूह चरणों में टीम ने दक्षिण कोरिया, ईरान, और मलेशिया के खिलाफ बेहतरीन प्रदर्शन किया। इसके बाद क्वार्टर फाइनल में बांग्लादेश को और सेमी-फाइनल में दक्षिण अफ्रीका को मात देते हुए फाइनल में नेपाल के खिलाफ मुकाबला किया।

खेल का मैत्रीपूर्ण अभ्यास और समस्याओं का समाधान

टीम की यह सफलता एक बड़ी उपलब्धि है, जिसने खेल प्रेमियों और खिलाड़ियों के बीच खो-खो के प्रति आकर्षण बढ़ाया। अब जब भारतीय टीम ने यह गौरव हासिल किया है, तो उम्मीद है कि इसका प्रभाव खेल के आधारभूत ढांचे और अभ्यास विधियों पर भी पड़ेगा। खिलाड़ियों ने अपनी मेहनत को इस प्रदर्शन के माध्यम से दर्शाया है, जो कि उनके मेहनती अभ्यास और मैत्रीपूर्ण वातावरण का परिणाम है।

प्रधानमंत्री की बधाई और प्रेरणा

प्रधानमंत्री की बधाई और प्रेरणा

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भारतीय महिला टीम की इस उपलब्धि की भूरि-भूरि प्रशंसा की और इसे भारतीय खेल के प्रति एक नई उम्मीद का प्रतीक बताया। उन्होंने इस जीत को युवा खिलाड़ियों के लिए प्रेरणा स्रोत बताया, जो अपनी मेहनत और दृढ़ता से असाधारण उपलब्धियां हासिल कर सकते हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि यह जीत न केवल खेल के लिए बल्कि सामाजिक अवगमन के लिए भी सकारात्मक परिवर्तन का कारण बनेगी।

भविष्य की ओर नजर

इस जीत के माध्यम से खो-खो ने भारतीय खेल जगत में अपनी अहम भूमिका को पुनः स्थापित किया है। आने वाले समय में आशा है कि अधिक युवा इस खेल की ओर आकृष्ट होंगे और इसे राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर उत्कृष्ट बनाने की दिशा में प्रयास करेंगे। खो-खो जैसे पारंपरिक खेल की सफलता यह दर्शाती है कि आधुनिकता के साथ-साथ पारंपरिक खेलों को भी उचित प्रोत्साहन और समर्थन की आवश्यकता होती है।

द्वारा लिखित Pari sebt

मैं एक समाचार विशेषज्ञ हूँ और मुझे भारत में दैनिक समाचार संबंधित विषयों पर लिखना पसंद है।

Ritu Patel

ये जीत सिर्फ खेल की नहीं, भारत की महिलाओं की आत्मविश्वास की जीत है। जब तक हम अपने पारंपरिक खेलों को नहीं समझेंगे, तब तक दुनिया हमें हमेशा छोटा समझेगी।

Deepak Singh

78-40 का स्कोर? ये तो बिल्कुल गलत है। खो-खो में टर्न के अंतर्गत अंक गिनती ऐसी नहीं होती। ये सब लेखक ने फेक न्यूज़ लिख दी है।

Rajesh Sahu

भारत ने जीता! अब देखो कौन कहता है कि हमारे खेल दुनिया में नहीं चलते! नेपाल को देखो, वो तो बस घुटने टेक गया! जय हिंद!

Chandu p

चैत्रा का ड्रीम रन... वो 5 मिनट 14 सेकंड का रन तो मैंने जिंदगी में पहली बार देखा। ये खेल बस एक खेल नहीं, ये तो भारतीय आत्मा का प्रतीक है। 🙏

Gopal Mishra

इस जीत का महत्व यह है कि यह एक समूह खेल है, जहाँ एक व्यक्ति की चाल दूसरे के लिए अवसर बनती है। यही तो भारतीय संस्कृति का सार है - सामूहिकता, सहयोग, और निरंतरता।

Swami Saishiva

इतना बड़ा स्कोर? बस एक बार फिर से राजनीति ने खेल को बेकार बना दिया। असली खेल तो अभी भी गाँवों में खेला जाता है, ये सब टीवी वाली बकवास है।

Swati Puri

रणनीतिक गतिशीलता, टीम डायनामिक्स, और फिजिकल कॉन्डिशनिंग - ये सब ट्रेनिंग मॉडल्स बिल्कुल नए फॉर्मूले पर आधारित हैं। ये जीत सिर्फ भावनात्मक नहीं, वैज्ञानिक भी है।

megha u

इस जीत के पीछे किसी ने फिक्स किया होगा... अगर नेपाल इतना कमजोर होता तो वो कभी फाइनल में कैसे पहुँचा? 😏

pranya arora

क्या हम अपने खेलों को जीतने के लिए नहीं, बल्कि उनके जीवन के लिए खेल रहे हैं? यही तो सच्ची विजय है।

Arya k rajan

मैंने बचपन में खो-खो खेला था, लेकिन कभी नहीं सोचा था कि एक दिन ये दुनिया का खेल बन जाएगा। ये टीम ने हम सबके लिए नई उम्मीद जगाई है।

DEVANSH PRATAP SINGH

प्रियंका इंगले का नेतृत्व देखकर लगा जैसे कोई फिल्म का हीरो आ गया हो। बस एक बार उनका इंटरव्यू देखो, बहुत कुछ सीखोगे।

SUNIL PATEL

अगर ये जीत असली है, तो सरकार को इसे राष्ट्रीय खेल घोषित करना चाहिए। नहीं तो ये सब बस एक ट्रेंड हो जाएगा।

Avdhoot Penkar

खो-खो? ये तो बच्चों का खेल है। अब देखो, इन्होंने इसे विश्व कप बना दिया। बस अभी तक नहीं समझा कि ये सब क्यों हो रहा है 😅

Akshay Patel

अगर ये जीत असली होती तो बीबीसी और न्यूयॉर्क टाइम्स इसे कवर करते। ये सब भारतीय मीडिया की अहंकार की बात है।

Raveena Elizabeth Ravindran

कप्तान का नाम प्रियंका इंगले? इंगले? ये तो अंग्रेजी नाम है... भारतीय महिला टीम का नाम क्यों अंग्रेजी रखा? संदेह हो रहा है।

Krishnan Kannan

मैंने टीम के अभ्यास के वीडियो देखे - वो बिल्कुल गाँव के खेल के तरीके से थे। बस एक बार बाहर जाकर देखो, वहाँ भी यही खेल खेला जाता है। ये जीत असली है।

Dev Toll

देखो ये लोग फिर से खेल को राष्ट्रीय गौरव बना रहे हैं। लेकिन क्या कोई बच्चों के लिए खेल के लिए खेलने का मौका दे रहा है?

utkarsh shukla

जय हिंद! जय खो-खो! जय भारतीय महिलाओं की ताकत! ये जीत आज नहीं, आज से पहले के सारे रातों की मेहनत का फल है! जिंदाबाद!