यूके सांकृमित रक्त कैंड: क्या है कारण और कैसे रखें खुद को सुरक्षित
आपने हाल ही में खबर सुनी होगी कि यूके में कुछ अस्पतालों में सांकृमित (contaminated) रक्त के केस सामने आए हैं। यह सुनकर डर लगना स्वाभाविक है, खासकर जब बात हमारे स्वास्थ्य की हो। चलिए समझते हैं कि ऐसा क्यों हुआ और आप खुद को कैसे सुरक्षित रख सकते हैं।
संक्रमण का मुख्य कारण क्या था?
ज्यादातर मामलों में बैक्टीरिया या वायरस रक्त के संग्रह, भंडारण या ट्रांसफ़्यूज़न प्रक्रिया के दौरान मिल जाता है। यूके की कई रिपोर्ट्स ने दिखाया कि कुछ पुरानी उपकरणों में साफ‑सफाई ठीक नहीं हुई थी, जिससे एंटीबायोटिक‑रेजीस्टेंट बैक्टीरिया रक्त पैक्स में रह गया। कभी‑कभी दाताओं के स्वास्थ्य स्क्रीनिंग में चूक होने से भी जोखिम बढ़ जाता है। इसलिए राष्ट्रीय रक्त सेवा (NHS Blood and Transplant) ने हाल ही में सभी बैंकों की जाँच को कड़ी कर दी है।
रोगियों पर क्या असर पड़ता है?
संक्रमित रक्त मिलने से फेफड़ों, यकृत या हृदय में संक्रमण हो सकता है। लक्षणों में बुखार, उल्टी, त्वचा पर रैश और गंभीर मामलों में मल्टी‑ऑर्गन फ़ेल्योर शामिल हैं। अगर ट्रांसफ़्यूज़न के 48 घंटे बाद कोई अजीब महसूस हो तो तुरंत डॉक्टर को बताएं। समय पर एंटीबायोटिक शुरू करने से कई केसों में ठीक होना संभव है।
अब बात करते हैं कि आप अपने और अपने परिवार की सुरक्षा कैसे कर सकते हैं:
डॉक्टर से पूछें: रक्त लेन‑देने वाले अस्पताल या क्लिनिक के पास नवीनतम सर्टिफ़िकेट है या नहीं।
दाताओं का इतिहास देखें: दाता ने हाल में कोई गंभीर संक्रमण, यात्रा या टीके नहीं लगवाए हैं तो यह बेहतर संकेत है।
टेस्ट रिपोर्ट पर ध्यान दें: रक्त को भेजे जाने से पहले हर यूनिट की बैक्टीरियल टेस्टिंग होनी चाहिए; ये रिपोर्ट डॉक्टर के पास उपलब्ध होती है।
सुरक्षित संग्रह तकनीकें: आधुनिक बंद‑सिस्टम (closed system) वाले बैग का उपयोग करने वाले केंद्र चुनें, जिससे बाहरी कंटैमिनेशन कम होता है।
फॉलो‑अप करें: ट्रांसफ़्यूज़न के बाद 1-2 हफ्ते में डॉक्टर से फॉलो‑अप अपॉइंटमेंट रखें, ताकि कोई लक्षण जल्दी पकड़ सकें।
याद रहे, सैंकड़ों लोगों को हर साल रक्त की जरूरत होती है और अधिकांश ट्रांसफ़्यूज़न पूरी तरह सुरक्षित होते हैं। समस्या तब आती है जब प्रक्रिया में छोटी‑सी भी चूक हो जाती है। इसलिए अस्पतालों को क्वालिटी कंट्रोल पर अधिक ध्यान देना चाहिए और जनता को जागरूक करना चाहिए।
यदि आप दाता बनना चाहते हैं तो सबसे पहले अपने स्वास्थ्य की सही जाँच करवाएं, विशेषकर हेमोफिलिया या एचआईवी जैसी गंभीर बीमारियों से बचें। नियमित रूप से रक्तदान करने से न सिर्फ जरूरतमंदों को मदद मिलती है, बल्कि खुद के स्वास्थ्य पर भी सकारात्मक असर पड़ता है।
आखिर में यही कहा जा सकता है कि सांकृमित रक्त केस हमें याद दिलाते हैं कि कोई भी प्रक्रिया 100% सुरक्षित नहीं होती—पर निरंतर सुधार और जागरूकता से जोखिम को बहुत कम किया जा सकता है। आपके पास अगर अभी कोई प्रश्न या शंका है, तो डॉक्टर से बिना झिझक पूछें; आपका स्वास्थ्य ही सबसे बड़ी प्राथमिकता होनी चाहिए।
यूके के संक्रमित रक्त कांड में 1970 के दशक और 1990 के शुरुआती वर्षों के बीच NHS द्वारा प्रदान किए गए दूषित रक्त या रक्त उत्पादों से 30,000 से अधिक लोग एचआईवी या हेपेटाइटिस सी से संक्रमित हो गए थे। सरकार ने इस दशकों लंबे नैतिक असफलता के लिए माफी मांगी है और पीड़ितों को मुआवजा देने का वादा किया है।