शपथ ग्रहण: क्या मतलब है और क्यों ज़रूरी?

जब हम किसी नई नौकरी या पद की बात करते हैं, तो सबसे पहले दिमाग में ओट यानी शपथ आती है। लेकिन असल में यह सिर्फ कागज़ पर लिखी चीज़ नहीं, बल्कि व्यक्तिगत व राष्ट्रीय स्तर पर जिम्मेदारी का एहसास भी है।

शपथ ग्रहण क्यों महत्वपूर्ण है?

शपथ लेने से व्यक्ति अपने शब्दों को कानूनी और नैतिक रूप से बंधित करता है। यह भरोसा पैदा करता है कि अब वह अपनी भूमिका में सच्ची लगन के साथ काम करेगा। भारतीय सेना, पुलिस या किसी सार्वजनिक पद पर शपथ लेना देशभक्ति की भावना को भी उजागर करता है। इस वजह से जनता का भरोसा बढ़ता है और संस्थान की छवि मजबूत होती है।

सामाजिक स्तर पर शपथ का मतलब अक्सर सामाजिक बंधनों को सुदृढ़ करना होता है, जैसे विवाह में किए जाने वाले वचन। इसलिए हर बार जब कोई शपथ लेता है, तो वह अपने आसपास के लोगों को भी प्रभावित करता है—समाज में भरोसा और सम्मान बढ़ता है।

हाल के शपथ ग्रहण समारोह और उनका प्रभाव

हाल ही में भारतीय सेना ने लद्दाख एएफसी के खिलाफ डुरैंड कप 2025 में शपथ ली थी, जहाँ उन्होंने 0-2 की शुरुआती हार के बाद शानदार वापसी कर चार गोल किए। इस ओट ने टीम को नई ऊर्जा दी और दर्शकों का भरोसा वापस आया।

खेल जगत में भी कई बार शपथ समारोह हुए हैं—जैसे IPL 2025 में कुछ युवा खिलाड़ी अपने डेब्यू मैच से पहले निजी शपथ लेकर टीम के प्रति अपना समर्पण जताते हैं। इससे उनका आत्मविश्वास बढ़ता है और दर्शकों को उनके प्रदर्शन पर भरोसा रहता है।

राजनीतिक क्षेत्र में भी शपथ का महत्व कम नहीं है। जब नए सांसद या राज्य मंत्रियों की शपथ होती है, तो वे संविधान के तहत अपने कर्तव्यों को निभाने का वचन देते हैं। यह सार्वजनिक आशा और जिम्मेदारी दोनों को दर्शाता है।

शपथ ग्रहण समारोह अक्सर मीडिया में बड़े धूमधाम से दिखाए जाते हैं। कैमरे की रोशनी, राष्ट्रगान और झंडे के सामने खड़े होने वाले लोग सभी को याद दिलाते हैं कि यह सिर्फ औपचारिकता नहीं बल्कि एक सामाजिक बंधन है।

अगर आप भी किसी नई जिम्मेदारी में कदम रख रहे हैं—चाहे नौकरी हो या कोई सामाजिक कार्य—तो शपथ लेकर खुद को और दूसरों को भरोसा दिला सकते हैं। इससे आपका लक्ष्य स्पष्ट रहता है और चुनौतियों का सामना करने की ताकत मिलती है।

अंत में, शपथ ग्रहण सिर्फ शब्दों का खेल नहीं बल्कि एक वास्तविक प्रतिबद्धता है। यह हमें याद दिलाता है कि हर भूमिका में ईमानदारी, निष्ठा और कर्तव्य भावना जरूरी है। तो अगली बार जब आप ओट ले, तो इस बात को ज़रूर सोचें—क्या आप वाकई अपना सर्वश्रेष्ठ देंगे?

पीएम मोदी ने राष्ट्रपति को सौंपा इस्तीफा, संभवतः 8 जून को लेंगे शपथ

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भारत के मौजूदा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को अपना और अपने मंत्रिपरिषद का इस्तीफा सौंप दिया है। राष्ट्रपति ने इस्तीफा स्वीकार कर लिया है और नई सरकार के गठन तक मौजूदा प्रशासन को कार्यभार संभालने का अनुरोध किया है। मोदी के तीसरे कार्यकाल के लिए 8 जून को शपथ लेने की संभावना है। एनडीए ने लोकसभा में 292 सीटों पर जीत हासिल की है।

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जून 5, 2024 द्वारा Pari sebt