शरद पौर्णिमा 2025: माता लक्ष्मी का पृथ्वी आगमन और कृष्ण की महा-रासलीला
6 अक्टूबर 2025 को शरद पौर्णिमा पर माँ लक्ष्मी का अवतरण, कृष्ण की महा‑रासलीला और पूरे भारत में दिव्य जागरण से समृद्धि के अभूतपूर्व संकल्प।
जारी रखें पढ़ रहे हैं...जब हम माता लक्ष्मी, हिंदू धर्म में धन, समृद्धि और सौभाग्य की प्रमुख देवी. Also known as श्री लक्ष्मी, वह घर‑बार में खुशहाली लाने के लिये पूजा‑पाठ में प्रमुख स्थान रखती हैं। अब बात करें माता लक्ष्मी की, तो आप देखेंगे कि उनका प्रभाव सिर्फ धार्मिक नहीं, बल्कि आर्थिक और सामाजिक स्तर पर भी गहरा है।
पहली बार जब हम धन, भौतिक संपत्ति, पैसा और सोने‑चांदी के रूप में मापी जाने वाली सभी मूल्यवान चीज़ें की बात करते हैं, तो यह स्पष्ट हो जाता है कि माँ लक्ष्मी ही इस धन की उत्पत्ति मानी जाती हैं। वित्तीय बाजार, सोने की कीमतें और व्यापारिक लेन‑देनों में अक्सर माँ लक्ष्मी का नाम आए बिना नहीं रह पाता। उसी तरह समृद्धि, व्यक्तिगत और सामाजिक स्तर पर सतत् विकास, खुशहाली और प्रगति भी माँ लक्ष्मी की ही आशीर्वाद से जुड़ी हुई है। चाहे वह छोटे‑छोटे परिवारों में सुख‑शांति का माहौल हो या बड़े व्यवसायों में निरंतर लाभ, दोनों ही माँ के आशीर्वाद से ही सम्भव होते हैं।
दिवाली का उत्सव दिवाली, रोशनी का पर्व, जहाँ मां लक्ष्मी की पूजा मुख्य आकर्षण बनती है के बिना अधूरा है। इस रात माँ लक्ष्मी को घर‑घर में आमंत्रित किया जाता है, दीपक जलाकर और नई चीजें खरीदकर उनका स्वागत किया जाता है। ये रिवाज सिर्फ एक परम्परा नहीं, बल्कि आर्थिक चक्र को दोबारा चलाने का एक तरीका भी है—ऐसे में माँ लक्ष्मी की कृपा से धन‑सम्पदा फिर से घर में लौट आती है। इसलिए हर साल लोग इस त्यौहार को बड़े उत्साह के साथ मनाते हैं, hoping कि माँ लक्ष्मी का आशीर्वाद उनके जीवन में नई समृद्धि लाए।
जब हम सोने‑चाँदी की बात करते हैं तो सोना, धन का सबसे स्थायी रूप, जो भारतीय संस्कृति में माँ लक्ष्मी के साथ गहरा सम्बन्ध रखता है को नज़रअंदाज़ नहीं कर सकते। सोने का खरीद‑विक्री, निवेश और उधार‑धन सभी माँ लक्ष्मी से जुड़ी आर्थिक सुरक्षा का प्रतीक माना जाता है। आजकल बाजार में सोने की कीमतें बढ़ने‑बढ़ने पर भी लोग इसे माँ लक्ष्मी का आशीर्वाद समझ कर खरीदते हैं, क्योंकि सोना वित्तीय संकट में भी स्थिर रहता है। यही कारण है कि हर आर्थिक योजना में सोने को एक प्राथमिक विकल्प माना जाता है।
इन सारे कनेक्शन को समझते हुए आप देखेंगे कि माँ लक्ष्मी सिर्फ एक धार्मिक प्रतिमा नहीं, बल्कि जीवन के हर पहलू में एक मार्गदर्शक शक्ति हैं। उनके बारे में पढ़ते‑पढ़ते हम समझते हैं कि धन, समृद्धि, दिवाली और सोना आपस में जुड़े हुए हैं, और ये सब माँ लक्ष्मी के आशीर्वाद से ही संभव होते हैं। नीचे आप विभिन्न लेखों और समाचारों की लिस्ट पाएँगे, जहाँ इन सभी विषयों पर गहराई से चर्चा की गई है—चंद्र ग्रहण से लेकर सोने की कीमत तक, खेल से लेकर आर्थिक नीतियों तक। ये लेख आपको माँ लक्ष्मी के विभिन्न पहलुओं को समझने में मदद करेंगे और आपके दैनिक जीवन में उनका प्रभाव दिखाएंगे।
6 अक्टूबर 2025 को शरद पौर्णिमा पर माँ लक्ष्मी का अवतरण, कृष्ण की महा‑रासलीला और पूरे भारत में दिव्य जागरण से समृद्धि के अभूतपूर्व संकल्प।
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