आपने कभी हर्पीस या एचआईवी के बारे में सुना होगा, पर हेपेटाइटिस सी शायद कम लोगों को पता हो। यह जिगर की एक गंभीर बीमारी है जो अक्सर बिना किसी संकेत के बढ़ती है। अगर आप अभी भी नहीं जानते कि ये वायरस कैसे काम करता है, तो पढ़िए और जानिए कब कदम उठाना चाहिए.
हेपेटाइटिस सी के कारण और संचरण
हेपेटाइटिस सी मुख्य रूप से रक्त के माध्यम से फैलता है। सबसे आम तरीका है संक्रमित सुई या सिरिंज का उपयोग, जैसे ड्रग्स वाले लोगों में देखा जाता है। लेकिन यह सिर्फ़ नशे के दुरुपयोग तक ही सीमित नहीं; अस्पतालों में अगर सर्जरी या डेंटल प्रक्रियाओं में उपकरण ठीक से साफ‑साफ नहीं होते तो भी जोखिम बढ़ता है।
एक और तरीका है रक्तदान, पर अब भारत में सभी रक्तदाता को HCV (हेपेटाइटिस सी वायरस) के लिए स्क्रिन किया जाता है, इसलिए यह बहुत कम हो गया है। माताओं से बच्चों तक संक्रमण दुर्लभ है, लेकिन अगर माँ की वाइरल लोड बहुत हाई हो तो सम्भावना रहती है।
ध्यान रखें – हेपेटाइटिस सी हवा या शरीर के सामान्य संपर्क से नहीं फैलता, इसलिए रोज़मर्रा में आप सुरक्षित हैं.
लक्षण, जाँच और उपचार
बहुतेरे लोग शुरुआती चरणों में कोई लक्षण महसूस नहीं करते। जब बीमारी आगे बढ़ती है तो थकान, भूख न लगना, पेट में हल्का दर्द या पीले‑पीले रंग की त्वचा (जॉन्डिस) देख सकते हैं। कभी‑कभी बुखार और मसल जटिलता भी होती है। अगर आप इन संकेतों को अनदेखा करते रहेंगे तो जिगर पर स्थायी नुकसान हो सकता है.
सही समय पर टेस्ट कराना सबसे आसान उपाय है। हर्पीस या एचआईवी की तरह, HCV के लिए खून का सिम्पल एलायज़ (एंटी‑बॉडी) और RNA PCR टेस्ट उपलब्ध हैं। अगर आपका परिणाम पॉज़िटिव आता है तो डॉक्टर आपको लिवर फंक्शन टेस्ट भी देंगे ताकि यह पता चल सके कि जिगर कितनी हद तक प्रभावित हुआ है.
इलेक्ट्रॉनिक मेडिसिन में बदलाव आया है – अब पहले के interferon‑based इलाज की जगह सीधे‑डायरेक्ट acting antiviral दवाएँ (DAAs) आती हैं। ये गोलियां 8‑12 सप्ताह में वायरस को पूरी तरह खत्म कर देती हैं, और साइड इफ़ेक्ट कम होते हैं. भारत में इस उपचार की लागत भी घट रही है, कई राज्य सरकारी योजनाओं के तहत मुफ्त या बहुत कम कीमत पर उपलब्ध करा रहे हैं.
अगर आपका लिवर पहले से ही सिरोसिस या कैंसर तक पहुँच चुका हो तो डॉक्टर अलग‑अलग उपाय सुझा सकते हैं, जैसे कि लिवर ट्रांसप्लांट. लेकिन अधिकांश मामलों में DAAs के साथ पूरी तरह ठीक होना संभव है, इसलिए जल्द पहचान और इलाज बहुत जरूरी है.
एक बात और – हेपेटाइटिस सी का टीका अभी विकास चरण में है। अब तक कोई वैध टिका नहीं मिला है, पर कई क्लिनिकल ट्रायल चल रहे हैं. तब तक खुद को सुरक्षित रखने के लिए साफ‑सफाई, एकबार इस्तेमाल की जाने वाली सुई व उपकरणों से बचें और जब भी रक्त लेवाने का काम हो तो विश्वसनीय केंद्र चुनें.
संक्षेप में, हेपेटाइटिस सी खतरनाक है लेकिन ठीक होने की दर बहुत बढ़ गई है. अगर आप या आपका कोई जान‑पहचान वाला जोखिम वाले समूह में आता है – टेस्ट करवाएँ, डॉक्टर से सलाह लें और दवा को सही समय पर शुरू करें. यही तरीका है बीमारी को रोका और स्वस्थ जीवन जीने का.
यूके के संक्रमित रक्त कांड में 1970 के दशक और 1990 के शुरुआती वर्षों के बीच NHS द्वारा प्रदान किए गए दूषित रक्त या रक्त उत्पादों से 30,000 से अधिक लोग एचआईवी या हेपेटाइटिस सी से संक्रमित हो गए थे। सरकार ने इस दशकों लंबे नैतिक असफलता के लिए माफी मांगी है और पीड़ितों को मुआवजा देने का वादा किया है।