आपने नाम जरूर सुना होगा – एकनाथ शिंदे. वो सिर्फ एक राजनेता नहीं, बल्कि कई बार मुख्यमंत्री और केंद्रीय मंत्री रहे हैं. उनकी कहानी समझाने से हमें भारतीय राजनीति की बदलती धारा का पता चलता है.
राजनीतिक सफर का शुरुआती दौर
शिंदे ने अपनी शुरुआत ग्रामीण स्तर पर की. उन्होंने किसान मुद्दों को उठाया और जल्दी ही प्रदेश के कांग्रेस पार्टी में जगह बनायी. 1995 में पहली बार वे महाराष्ट्र में मंत्री बने, फिर 2009‑2014 तक केंद्रीय कृषि मंत्रालय संभाला. इन सालों में उन्होंने कई फसल बीमा योजनाएँ लॉन्च कीं, जिससे छोटे किसानों को फायदा मिला.
जब 2014 में बीजेपी ने सत्ता हासिल की, तो शिंदे ने पार्टी बदल ली और भाजपा के साथ मिलकर राज्य की राजनीति में नया मोड़ लाया. 2019 में वे फिर से महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री बने, लेकिन उनका कार्यकाल ज्यादा लंबा नहीं रहा. फिर भी इस अवधि में उन्होंने जल संरक्षण, ग्रामीण सड़क विकास आदि पर फोकस किया.
वर्तमान भूमिका और प्रमुख कदम
आज शिंदे राष्ट्रीय स्तर पर विपक्षी नेता की भूमिका निभा रहे हैं. वे अक्सर संसद में केंद्र सरकार के फैसलों को चुनौती देते हैं, खासकर कृषि और रोजगार नीति से जुड़े मुद्दों पर. उनका मानना है कि किसान‑प्रधान नीतियाँ तभी सफल होंगी जब जमीन‑से‑जमीन संवाद हो.
उनकी कुछ प्रमुख पहलें:
किसान ऋण माफी योजना – उन्होंने कई बार कहा कि छोटे किसानों को भारी कर्ज से बाहर निकलना चाहिए.
जल संसाधन संरक्षण – महाराष्ट्र में जल संकट को देखते हुए उन्होंने नदियों के पुनरुद्धार पर काम किया.
शिक्षा सुधार – ग्रामीण स्कूलों में डिजिटल पढ़ाई को बढ़ावा देने की बात लगातार उठाते रहे.
इन कदमों से शिंदे का समर्थन कुछ वर्गों में बना रहा, जबकि विपक्षी दल कभी‑कभी उनकी नीतियों पर सवाल उठाते हैं. लेकिन यही राजनीति है – विचारों का टकराव और जनता को सही दिशा दिखाना.
अगर आप उनके बारे में अधिक पढ़ना चाहते हैं तो साउंड्रा के टैग पेज पर कई लेख मिलेंगे, जहाँ शिंदे से जुड़ी खबरें, इंटरव्यू और विश्लेषण उपलब्ध हैं. इन लेखों को देखकर आप समझ पाएँगे कि उनका हर कदम किस दिशा में है और भविष्य में क्या बदल सकता है.
समाप्ति में कहूँ तो एकनाथ शिंदे का राजनैतिक सफर कई मोड़ों से गुजरा है, लेकिन उनकी मुख्य ताकत हमेशा किसानों और ग्रामीण विकास पर रही है. चाहे आप उनके समर्थक हों या आलोचक, उनका काम भारतीय राजनीति की धारा को प्रभावित करता रहा है.
महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के साथ विवाद की खबरों को खारिज किया है। उन्होंने 'समानांतर सरकार' चलाने के आरोपों का जोरदार प्रतिकार किया। शिवसेना नेता संजय राउत ने सत्ता में खींचतान को लेकर सरकार पर निशाना साधा, जिससे सियासी हलचल बढ़ गई है।