धोखाधड़ी: नवीनतम केस, संकेत और बचाव के साधारण उपाय
आजकल हर रोज़ एक नई फसवाड़ा खबर सामने आती है. चाहे वो ऑनलाइन शॉपिंग का झांसा हो या बैंकिंग ट्रांसफ़र में धोखा, हम सबको सतर्क रहना पड़ेगा. इस पेज पर आप सबसे ज़्यादा पढ़े‑जाने वाले धोखाधड़ी के केस और उनसे बचने की आसान तकनीकें पा सकते हैं.
धोखाधड़ी के आम संकेत
पहला कदम है चेतावनी पहचानना. अगर कोई अजनबी बहुत ही कम समय में बड़ी रक्क़म देने को कहे, या आपका व्यक्तिगत डेटा मांगे बिना लिंक शेयर करे तो अक्सर वो फिशिंग होता है. दूसरा संकेत है असामान्य भाषा – कई बार अनौपचारिक शब्दों में गलत स्पेलिंग दिखती है; यही अक्सर स्कैमर्स का तरीका है.
कैसे बचें और क्या करें
सुरक्षा के लिए दो‑स्तरीय ऑथेंटिकेशन (2FA) जरूर लगाएँ. बैंक या पेमेंट ऐप में किसी भी अनजान लिंक पर क्लिक न करें, खासकर जब वह आपको तुरंत पैसा भेजने का वादा करे. अगर आप को कोई संदेहास्पद कॉल मिले तो सीधे आधिकारिक नंबर से पुष्टि कर लें.
धोखा हुआ है तो देर न लगाएँ. अपनी बैंक या मोबाइल सेवा प्रदाता को तुरंत सूचित करें, और पुलिस में एफआईआर दर्ज करवाएँ. ऑनलाइन प्लेटफ़ॉर्म पर रिपोर्ट बटन भी अक्सर उपलब्ध रहता है; उसका इस्तेमाल करके केस को जल्दी आगे बढ़ा सकते हैं.
धोखाधड़ी के मामलों का विश्लेषण करने से हमें पैटर्न समझ आता है. हाल ही में कई लोग नकली सरकारी योजना के झांसे में फँसे, जहाँ उन्हें आधे साल की नौकरी की पेशकश करके एंटी‑वायरस सॉफ्टवेयर खरीदने को कहा गया. ऐसे केसों में अक्सर अग्रिम रक्क़म और व्यक्तिगत दस्तावेज़ माँगे जाते हैं – यही संकेत है कि आप सावधान रहें.
अंत में, खुद को अपडेट रखें. साउंड्रा पर रोज़ नई खबरें आती हैं जो आपको नवीनतम स्कैम ट्रेंड से अवगत कराती हैं. नियमित रूप से हमारे ‘धोखाधड़ी’ टैग पेज को पढ़िए और अपने परिवार व दोस्तों को भी बताइए; मिलकर ही हम इस अपराध को कम कर सकते हैं.
भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) ने CNBC आवाज़ के पूर्व मार्केट्स एडिटर प्रदीप पंड्या और तकनीकी विश्लेषक अल्पेश वसंजी फुरिया पर धोखाधड़ीपूर्ण व्यापारिक गतिविधियों में लिप्त होने के कारण 1-1 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है। दोनों को छह अन्य संस्थाओं के साथ पांच वर्षों के लिए प्रतिभूति बाज़ार से बाहर कर दिया गया है।