अगर आप भारत में या बाहर यात्रा करने की सोच रहे हैं तो Air India आपका पहला विकल्प हो सकता है. यह एयरलाइन देश की सबसे पुरानी और राष्ट्रीय पहचान वाली कंपनी है, जो 1932 से उड़ानें चला रही है. आज टाटा ग्रुप के अधीन चलने वाले इस ब्रांड का नेटवर्क एशिया, यूरोप, यूएसए और ऑस्ट्रेलिया तक फैला हुआ है.
इतिहास और मौजूदा स्थिति
Air India की शुरुआत जॉर्ज फाल्को द्वारा भारत एरोट्रैवेल कंपनी के रूप में हुई थी. 1948 में इसे भारतीय सरकार ने खरीद लिया, फिर 2007 में इंडियन एयरलाइन के साथ मिलाया गया. 2020 में टाटा ग्रुप को बेच दिया गया और अब यह निजीकरण की दिशा में आगे बढ़ रहा है. इस बदलाव से सेवा सुधार, नई फ्लीट जोड़ना और डिजिटल बुकिंग का विस्तार हुआ.
फ्लाइट्स की बात करें तो Air India के पास 350 से ज्यादा सीट वाले बड़े वाइड‑बॉडी जेट जैसे Boeing 777, 787 और Airbus 320 परिवार हैं. इसका मतलब है कि लंबी दूरी की उड़ानें आरामदायक होते हैं, और घरेलू रूट पर भी नई एयरोनॉट्स चल रही हैं.
सेवाएं, लाउंज और बुकिंग टिप्स
Air India कई वर्गों में सीट प्रदान करता है: इकोनोमी, प्रीमियम इकोनोमी, बिजनेस और प्रथम क्लास. यदि आप किफ़ायती टिकट चाहते हैं तो अक्सर ऑफ‑पीक टाइम या प्रोमो कोड का इस्तेमाल कर सकते हैं. मोबाइल ऐप से बुकिंग करने पर मुफ्त अपग्रेड की संभावनाएं भी मिलती हैं.
लॉन्ज के मामले में, एयर इंडिया के मारुति लाउंज और मैरिज़ी लाउंज बड़े शहरों में उपलब्ध हैं. यहाँ फ्री वाई‑फाई, स्नैक बार और रिचार्ज स्टेशन होते हैं – खासकर लंबे कनेक्शन टाइम वाले यात्रियों के लिए काम आते हैं.
यदि आप माइल्स इकट्ठा करना चाहते हैं तो Air India के ‘स्मार्टरवर्ड’ प्रोग्राम में शामिल हों. हर फ्लाइट पर मिलते पॉइंट्स को टाटा ग्रुप की अन्य कंपनियों या साझेदार एयरलाइनों में भी इस्तेमाल किया जा सकता है.
कस्टमर सपोर्ट अभी भी सुधार दौर में है, लेकिन 24/7 हेल्पलाइन और व्हाट्सएप चैट से कई समस्याओं का समाधान जल्दी हो जाता है. रिफंड या बदलते नियमों के बारे में अपडेट रहने के लिए आधिकारिक वेबसाइट या ऐप पर नोटिफिकेशन ऑन रखें.
संक्षेप में, Air India यात्रा करने वाले लोगों को भरोसेमंद नेटवर्क, विविध क्लास विकल्प और लाउंज एक्सेस देता है. सही समय पर बुकिंग कर, प्रोमोशन का फायदा उठाकर आप आराम से और किफ़ायती ढंग से सफर कर सकते हैं.
Air India की ट्रिची से शारजाह जाने वाली उड़ान को हाइड्रोलिक फेल्योर का सामना करना पड़ा, जिसके बाद वह सुरक्षित लैंडिंग के लिए दो घंटे हवा में चक्कर लगाती रही। पाइलेट्स ने ईंधन और वजन को कम करने के लिए यह अभ्यास किया। DGCA ने इस घटना की जांच के आदेश दिए हैं। सभी यात्रियों और चालक दल को सुरक्षित लैंडिंग में सफलता मिली है।